इस एनकाउंटर के साथ पुलिस ने खत्म कर दिया चित्रकूट के जंगलों से डाकूओं का साम्राज्य!
crime news Wanted dacoit gunned down by UP STF
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UTTAR PRADESH CRIME NEWS
पुलिस को गौरी यादव की मौजूदगी की पुख्ता सूचना मिली थी जिसके बाद उसकी बाहिलपुरवा के माधा के पास जंगलों में घेराबंदी की गई। पुलिस की घेराबंदी को तोड़ने के लिए गौरी यादव ने पुलिस पार्टी पर फायरिंग शुरु कर दी ।
जवाबी फायरिंग में गौरी यादव को ढेर कर दिया गया जबकि उसके साथी मौके से भागने में कामयाब हो गए जिनकी तलाश में जंगल में कॉम्बिंग की जा रही है।
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पुलिस को गौरी यादव के पास से एक एके-47 रायफल, एक क्लाशनिकोव सेमी ऑटोमैटिक राइफल, एक 12 बोर बंदूक और सैकड़ों कारतूस मिले हैं। साल 2005 से ही गौरी यादव अपना गैंग बनाकर वारदातों को अंजाम दे रहा था। साल 2009 में वो गिरफ्तार भी हुआ था लेकिन बाद में वो जमानत पर जेल से बाहर भी आ गया।
जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद उनसे बिलहरी गांव में दिल्ली पुलिस के एक दारोगा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद से ही पुलिस इसकी तलाश कर रही थी और गौरी यादव तभी से पुलिस के साथ आंख मिचौली का खेल खेल रहा था। हालांकि अभी उसके गैंग बेहद कमजोर हो गया था।
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उसके गैंग में 6-7 लोग ही रह गए थे। बावजूद इसके गौरी यादव वारदातों को अंजाम दे रहा था। चित्रकूट इलाके में पुलिस पहले से ही कई डकैतों के गैंग का सफाया कर चुकी है। पुराने गैंग में से अब गौरी यादव का ही गैंग बचा था। पुलिस बारिश का मौसम जाने का इंतजार कर रही थी क्योंकि बारिश में जंगल में एनकाउंटर मुश्किल है।
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कभी ददुआ का पिट्टू हुआ करता था गौरी
गौरी यादव बाहिलपुरवा थाने के माड़व बाग गांव का रहने वाला था । उसने अपनी गुनाह की जिंदगी की शुरुआत कुख्यात डकैत ददुआ के पिट्टू के तौर पर की थी। वो ददुआ का सामान उठाने और बाकी के काम किया करता था। ददुआ के मारे जाने के बाद वो डकैत बबुली के गिरोह में शामिल हो गया। पुलिस ने बबुली को मारने के लिए गौरी का सहारा लिया ।
गौरी की मदद से पुलिसस ने बबुली को मार गिराया। बबुली के मारे जाने के बाद गौरी ने अपना गैंग बनाने का ऐलान कर दिया। गैंग की कमान हाथ में लेने के बाद उसने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कई जघन्य वारदात को अंजाम दिया।
अभी तक पुलिस की मदद करने वाला गौरी अब खुद के लिए सिरदर्द बन गया था। साल 2016 में उसने खंभे से बांधकर गोली मार दी थी जबकि 2017 में उस पर तीन लोगों को जिंदा जलाने का भी आरोप लगा।
दोनों प्रदेशों की पुलिस फोर्स ने गौरी को पकड़ने के लिए कई ऑपरेशन किए लेकिन गौरी हर बार पुलिस से दो कदम आगे ही निकल जाता था। वो पुलिस की टीम के हत्थे ही नहीं चढ़ता था। उत्तर प्रदेश पुलिस की तरफ से उस पर पांच लाख रुपये का इनाम था जबकि मध्य प्रदेश पुलिस ने उस पर 50 हज़ार रुपये का इनाम घोषित किया था।
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