अमेरिका और तालिबान की सीक्रेट मीटिंग, काबुल में अब्दुल गनी बरादर से मिले CIA प्रमुख
CIA के प्रमुख विलियम बर्न्स ने काबुल में तालिबानी नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर के साथ गोपनीय मुलाकात की. रिपोर्ट के मुताबिक, ये मुलाकात सोमवार को हुई.
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America: एक अमेरिकी अखबार ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से बताया कि CIA के डायरेक्टर विलियम जे बर्न्स (William J. Burns) ने तालिबानी (Taliban) नेता बरादर (Abdul Ghani Baradar) से काबुल (Kabul) में मुलाकात की है। अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद अमेरिका और तालिबान के बीच उच्च-स्तर की हुई ये पहली बैठक थी.
खबर के मुताबिक, राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) ने अपने टॉप जासूस और विदेश मामलों के जानकार बर्न्स को तालिबान से बातचीत के लिए इसलिए भेजा है, क्योंकि काबुल से लोगों को बाहर निकालना मुश्किल हो रहा है। जो बाइडेन ने खुद कहा है कि ये इतिहास का सबसे चुनौतीपूर्ण एयरलिफ्ट है।
अमेरिका-तालिबान के बीच क्या पक रहा है?
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अमेरिका और तालिबान के बीच पर्दे से पीछे बातचीत चल रही है, अमेरिका तालिबान के साथ काबुल में हाई लेवल मीटिंग कर रहा है। CIA ने तालिबान के साथ हुई बैठक के बारे में जिक्र करने से इनकार कर दिया है, लेकिन इस बात की चर्चा है कि दोनों पक्षों के बीच 31 अगस्त की डेडलाइन को बढ़ाने को लेकर बातचीत हुई है, ताकि अमेरिका अपने नागरिकों और अफगान सहयोगियों को युद्धग्रस्त मुल्क से बाहर निकाल पाए।
बाइडेन प्रशासन पर उसके कुछ सहयोगियों के ज़रिए दबाव है कि वो 31 अगस्त के बाद तक अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी को देश में बनाए रखे। ऐसा इसलिए क्योंकि तालिबान के क्रूर शासन से बचने वाले लोगों और अफगान सहयोगियों को देश से बाहर निकाला जा सके।
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अमेरिकी सेना को तालिबान ने दी थी धमकी
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तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अगर अमेरिका और ब्रिटेन 31 अगस्त के बाद अपने सैनिकों की युद्धग्रस्त मुल्क में मौजूदगी रखते हैं तो इसके गंभीर परिणाम होंगे, अब्दुल गनी बरादर ने आठ साल पाकिस्तानी जेल में बिताया है।
उसे 2018 में रिहा किया गया था और वो अमेरिका के साथ कतर में शांति समझौता करने वाला प्रमुख व्यक्ति था, इस समझौते के तहत ही अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को बाहर निकालने की बात कही थी। तालिबान के संस्थापक सर्वोच्च नेता मुहम्मद उमर का करीबी दोस्त बरादर तालिबान संगठन में काफी प्रभावशाली व्यक्ति है। बता दें कि तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान (Afghanistan) में पूरी तरह से कब्जा जमा लिया, इस वजह से देश के राष्ट्रपति अशरफ गनी (Ashraf Ghani) को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भागना पड़ा।
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