एक बनावटी दांत ने ले ली चेन्नई की इस महिला की जान,पानी पीते वक़्त अंदर गया दांत आख़िर कैसे बन गया जानलेवा?
Chennai woman died accidentally swallowed her tooth
ADVERTISEMENT
दांत निगलने के थोड़ी ही देर बाद उसे बेचैनी होने लगी और उल्टी आने लगी। घरवालों ने उसे फौरन अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की और कुछ भी अस्वाभाविक ना पाने पर उसे अस्पताल से छुट्टी भी दे दी। लेकिन अगले दिन वो फिर घर में ही बेहोश हो गई और कुछ ही देर बाद उसकी जान चली गई।
दांत पेट में जाते ही बिगड़ गई तबीयत
राजलक्ष्मी की मौत से जहां उसके घरवाले सदमे में हैं, वहीं इस वाकये की ख़बर ने हर किसी को हैरान कर दिया है। असल में राजलक्ष्मी के मुंह में तीन बनावटी दांत लगे थे। ये दांत उसने क़रीब सात साल पहले लगवाए थे। शक है कि इनमें से कुछ दांत ढीले होंगे। बुधवार को जब वो पानी पी रही थी, तो ग़लती से इन्हीं तीन में से एक दांत उसके पेट में चला गया और उसकी तबीयत बिगड़ गई।
दांत से मौत के मामले में पुलिस ने लिखी रिपोर्ट
अब सवाल उठता है कि उस बनावटी दांत में आख़िर ऐसा क्या था कि राजलक्ष्मी की जान ही चली गई? उसे या फिर उसके घरवालों को संभलने का मौक़ा ही नहीं मिला! ये मामला लोगों को कुछ इतना पेचीदा लगा कि जब पुलिस को भी जब इस मौत की खबर मिली तो उसने सीआरपीसी की धारा 174 के तहत महिला की अस्वाभाविक मौत का मामला दर्ज कर उसकी जांच शुरू कर दी। चेन्नई के रॉयल नगर थाने में पुलिस ने बाकायदा इस मामले में एक केस रजिस्टर किया है।
आख़िर ऐसा क्या था उस बनावटी दांत में?
यकीनन इस मौत से लोग हैरान हैं। उधर, एक्सपर्ट्स ने इस मौत की जो वजह बताई है, वो भी कम चौंकानेवाले नहीं हैं। ऑर्थोडोंटिस्ट्स का कहना है कि बहुत मुमकिन है कि मुंह से दांत खुलने के बाद वो सांस लेनेवाली नली में जाकर फंस गया हो।
ADVERTISEMENT
जिससे नली के अंदरुनी हिस्से में ज़ख़्म हो गए हों। खून बहा हो। इससे मरीज को सांस लेने में दिक्कत होने लगी और उसकी मौत हो गई। इस मामले को लेकर ओरल सर्जंस की राय पर भी ग़ौर कीजिए। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर किसी के मुंह में लगे बनावटी दांत ढीले हो रहे हों, तो उन्होंने फ़ौरन डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
असल में कई दांतों में रिमूवेबल मेटल कैप्स यानी धातु के कवर लगे होते हैं, जो सांस की नली में चले जाने पर नुकसान पहुंचा सकते हैं। चूंकि अंदर फंसे ऐसे दांतों को सिर्फ़ रेडियोलॉजिकल इमेजिंग या फिर मरीज की मौत के बाद पोस्टमार्टम के ज़रिए ही देखा जा सकता है, ऐसे मामले ज़्यादा पेचीदा हो जाते हैं।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT