UP Election: फिर सुर्खियों में आया कैराना, मौजूदा MLA का कट गया टिकट, क़ानून ने भी कतर दिए पर

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UP Election: फिर सुर्खियों में आया कैराना, मौजूदा MLA का कट गया टिकट,  क़ानून ने भी कतर दिए पर
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फिर सुर्खियों में कैराना विधान सभा

कैराना विधानसभा क्षेत्र पश्चिम उत्तर प्रदेश का वो इलाक़ा है, जो बीते तीन सालों से लगातार सुर्खियों में है। और यहां से जुड़ी हुई सुर्खी का ताल्लुक अच्छी ख़बर से तो कतई नहीं। मगर सियासी चौकड़ी लगाकर पंचायत करने वालों को प्रपंच करने का अच्छा टॉपिक दे दिया। क्योंकि कैराना से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार और मौजूदा विधायक नाहिद हसन का टिकट कट गया।

असल में नाहिद हसन पुलिस की पकड़ में हैं। कई आपराधिक मामलों में उनके ख़िलाफ़ मुकदमें भी दर्ज हैं। और जब क़ानून का शिकंजा मज़बूत हुआ तो उनके खिलाफ़ पुलिस ने चौतरफा दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया।

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शराफ़त का ओढ़ा चोला!

अपनी विधायकी बचाने और उम्मीदवारी क़ायम रखने के लिए नाहिद हसन ने पुलिस के सामने हथियार डालकर शराफ़त का चोला ओढ़ना चाहा। गरज शायद ये थी कि क़ानून उनके गुनाहों को नज़र अंदाज़ कर देगा और उनके साथ हमदर्दी का रुख क़ायम करके उन्हें ज़मानत पर सलाखों के बाहर आने का मौका दे देगा।

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और यही सोच शायद उनकी पार्टी को भी रही होगी। बहरहाल हुआ ये कि समाजवादी पार्टी ने उन्हें फिर कैराना से उम्मीदवार बना दिया और अपनी विधायकी को चमकाने उसके असर में चुनाव में जीत का परचम बुलंद करने का मौका भी दे दिया।

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कट गए पर और टिकट दोनों!

मगर क़ानून ने उनके सारे अरमानों पर पानी फेर दिया और उनकी याचिका को ख़ारिज करके उन्हें जेल का रास्ता दिखा दिया। उधर अदालत ने नाहिद हसन को क़ानून की हथकड़ियों में क्या जकड़ा, इधर उनकी ही पार्टी ने नाहिद हसन के पर और टिकट दोनों की कतर दिए।

हालांकि उनकी इतनी इज़्ज़त ज़रूर पार्टी ने रखी कि उनका टिकट उनकी बहन इकरा तबस्सुम हसन को दे दिया, जो अब कैराना विधान सभा की सीट से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार बनकर नाहिद हसन की नुमाइंदगी करेंगी। आखिर वो मौजूदा विधायक जो हैं इस सीट से।

कौन हैं नाहिद हसन?

समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के चुनाव में एक बार फिर नाहिद हसन पर अपना दांव चला था।यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जब से नाहिद हसन को कैराना से अपना उम्मीदवार बनाया है, पार्टी के लिए मुसीबत बढ़ती जा रही है. पहले नामांकन करने के दौरान नाहिद हसन को गिरफ्तार किया गया था।

अब कोर्ट में उनकी जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया गया है। क्योंकि - नाहिद हसन के खिलाफ पुलिस में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

नाहिद हसन का अतीत-

सियासत से नाहिद हसन का रिश्ता कोई पुराना नहीं है, उनकी माँ तबस्सुम भी इसी क्षेत्र से पूर्व सांसद रहीं हैं। नाहिद हसन को ही कैराना से हिन्दुओं के पलायन की अफ़वाह उड़ाने और सारा माहौल बनाने का मास्टरमाइंड भी माना जाता है।

तमाम इल्ज़ामों की रोशनी में 2022 में एक बार फिर नाहिद हसन को दोबारा टिकट दिए जाने के बाद BJP ने समाजवादी पार्टी को ‘जिन्नावाद’ कहना शुरू कर दिया।

अदालत से भगोड़ा घोषित

दरअसल नाहिद हसन पर ज़मीन ख़रीदने के मामले में धोखाधड़ी का भी केस दर्ज है। वह शामली जिले की विशेष अदालत से भगोड़ा भी घोषित किया गया। नाहिद हसन कैराना से मौजूदा सपा विधायक भी हैं।

लम्बे समय तक फरार रहने वाले नाहिद हसन ने जनवरी 2020 में अदालत में सरेंडर किया था।लगभग 1 माह से ज़्यादा समय तक जेल में रहने के बाद उन्हें ज़मानत मिली थी। फरवरी 2021 में उत्तर प्रदेश पुलिस ने नाहिद हसन, उनकी माँ तबस्सुम और 38 दूसरे लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी।

ठेंगे पर क़ानून को रखने की फ़ितरत

साल 2019 में वायरल हुए एक वीडियो में नाहिद हसन को कैराना में भाजपा से जुड़े लोगों का बहिष्कार करने की अपील करते देखा भी गया था। नाहिद हसन का प्रशासनिक अधिकारियों से भी उलझने के कई वीडियो वायरल हो चुके हैं।

सितम्बर 2019 में SDM अमित पाल शर्मा ने जब उनकी गाड़ी कागज़ात माँगे तक उन्होंने काफी लम्बी जद्दोजहद की थी। अक्टूबर 2019 में नाहिद हसन ने कैराना पुलिस स्टेशन में घुस कर इंस्पेक्टर प्रेमवीर राणा से विवाद किया था। वहीं नाहिद हसन पर गैंगरेप पीड़िता के परिवार को धमकाने का भी आरोप लग चुका है।

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