बुलंदशहर में भाई की हत्या का ऐसे लिया बदला, लाश के 31 टुकड़ों के बदले मारी 31 गोलियांं

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बुलंदशहर में भाई की हत्या का ऐसे लिया बदला, लाश के 31 टुकड़ों के बदले मारी 31 गोलियांं
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Latest Crime News: खून का बदला खून। ये किसी फिल्म का नाम नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर की वो हक़ीक़त है जो पुलिस के सामने जब आई तो वो भी बुरी तरह से हैरत में पड़ गई। आपसी रंजिश का ये वो क़िस्सा है जिसे सुनकर पहले पुलिस चौंकी और फिर शहर में दहशत फैल गई। बुलंदशहर में एक डॉक्टर को गोलियों से भून दिया गया। पुलिस की तफ़्तीश में खुलासा हुआ कि शादाब नाम के डॉक्टर को एक दो नहीं पूरी 31 गोलियां मारी गईं थी।

पुलिस जब डॉक्टर शादाब के मर्डर की मिस्ट्री सुलझाने निकली तो पहले तो उसे ये बात बड़ी अजीब लगी कि कोई किसी को इतनी गोलियां क्यों मारेगा। क्योंकि एक दो गोली से मौत के घाट उतारने के बजाए डॉक्टर का शरीर गोलियों से छलनी करने की एक ही वजह हो सकती है कि मारने वाले को कोई पुरानी दुश्मनी निकालने की खुन्नस थी।

Revenge in Bulandshahar: तब पुलिस ने डॉक्टर शादाब का अतीत खंगालना शुरू किया। हालांकि डॉक्टर के अतीत में तो पुलिस को कुछ भी नज़र नहीं आया मगर जब डॉक्टर के परिवार के लोगों को पुलिस खंगाल रही थी तभी उसकी नज़र हत्या की एक पुरानी वारदात पर गई। जो इसी साल 18 मार्च को हापुड़ के हाफ़िज़पुर इलाक़े में अंजाम दी गई थी।

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पुलिस ने जब उस हत्याकांड की फाइल को खंगाला तो 31 की गिनती का एक संयोग वहां नज़र आया। असल में उस हत्याकांड में इरफ़ान नाम के एक शख्स की हत्या कर दी गई थी। हत्या की उस वारदात को डॉक्टर शादाब के भाई रागिब ने अपने दोस्तों के साथ अंजाम दिया था। लेकिन उस हत्या की सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि हत्या के बाद इरफ़ान की लाश के 31 टुकड़े किए गए थे। और उन्हें अलग अलग जगहों पर दफ़्न कर दिए गए थे।

Crime Story in Hindi: तब पुलिस ने अंदाज़ा लगाया कि कहीं ये उसी 31 टुकड़ों के बदले 31 गोली मारने की वारदात तो नहीं। इस अंदाज़े के आधार पर पुलिस ने तफ़्तीश का सिलसिला शुरू किया। छानबीन में पुलिस को पता चला कि जिस रोज़ शादाब की हत्या हुई थी, उस वक़्त वो अपने क्लीनिक पर ही बैठे हुए थे। दोपहर के वक़्त शादाब अपनी क्लीनिक पर बैठे थे तभी चार लोग उनकी क्लीनिक में दाखिल हुए और डॉक्टर को निशाना बनाते हुए ताबड़तोड़ गोलियां दागनी शुरू कर दी। हमलावरों ने पूरी 31 गोलियां दागी। डॉक्टर को छह गोलियां लगी और उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

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पुलिस ने जब मौका-ए-वारदात का मुआयना किया तो उसे वहां गोलियों के खोखे मिले। जिनकी गिनती 31 तक पहुँची। तब पुलिस ने मामले को गहराई से खंगालना शुरू कर दिया। परत दर परत उधेड़ने पर पुलिस को आखिरकार ये समझ में आ ही गया कि पूरी वारदात का सच आखिर है क्या।

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Murder Story: इत्तेफ़ाक़ से डॉक्टर शादाब के घरवालों ने जिन चार लोगों को नामजद करवाया था वो सभी उसी इरफ़ान के भाई थे, जिसकी हत्या शादाब के भाई ने अपने दोस्तों के साथ की थी। पुलिस को मामला समझते देर नहीं लगी। उसे बदलापुर का सच तो समझ में आ गया लेकिन अभी तक उसकी गिरफ़्त में वो लोग नहीं आए हैं जिन्होंने क्लीनिक में घुसकर डॉक्टर को 31 गोलियां मारी थीं।

आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने पश्चिम उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली एनसीआर और हरियाणा तक में दबिड डाली है। लेकिन फिलहाल पुलिस के हाथ खाली हैं।

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