बिजनेस स्टडीज के लिए बेटे को भेजा था चीन, चीनी कॉलेज में ही हुई हत्या, अब लौटेगा पार्थिव शरीर
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Aman Nagsen Murder Case : बिहार के लाल का पार्थिव शरीर भारत लाया जाए. ये लाइन उस विरोध वाले पोस्टर पर लिखा है जिसके लिए बिहार में गया के लोग सड़क पर उतरे. ये लोग उस छात्र के शव को भारत लाने की मांग कर रहे हैं जिसकी 29 जुलाई को ही चीन के एक कॉलेज में हत्या कर दी गई थी. इस छात्र का नाम अमन नागसेन (Aman Nagsen) है. उम्र करीब 20 साल थी.
अमन वर्ष 2019 में इंटरनेशनल बिजनेस स्टडी की पढ़ाई करने चार वर्षों के लिए चीन गया था. बीजिंग के तेनजिन फॉरेन स्टडीज यूनिवर्सिटी (Tianjin Foreign Studies University, TFSU) में उसका एडमिशन हुआ था. चीन में पिछले साल जब कोरोना का कहर आया था तो यूनिवर्सिटी के हजारों छात्र इंडिया लौट आए थे. लेकिन कुछ भारतीय छात्र रुकने के लिए मजबूर हो गए थे. उन्हीं मजबूर छात्रों में से एक अमन भी था. 23 जुलाई को आखिरी बार उसकी परिजनों से बात हुई थी. 29 जुलाई को यूनिवर्सिटी की ओर से बताया गया कि उसकी मौत हो गई है.
डीडी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, 29 जुलाई की रात करीब 8 बजे यूनिवर्सिटी प्रशासन से वहां के स्थानीय अधिकारियों को मौत की खबर मिली थी. परिवारवालों को पहले सामान्य मौत की जानकारी दी गई थी. बाद में बताया गया कि किसी विदेशी छात्र ने उसकी हत्या कर दी थी.
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डीडी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के विदेश मंत्री ने अब दावा किया है कि आरोपी को पकड़ लिया गया है लेकिन हत्या क्यों हुई. ये पता नहीं चल पाया है. वहीं, इस घटना की सूचना मिलने के बाद से परिवार के लोग अपने बच्चे के शव को देखने के लिए तरस रहे हैं. लेकिन अभी तक देख नहीं सके हैं.
सबसे बेबस और लाचार हुआ परिवार
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इससे ज्यादा बेबस और लाचार शायद ही कोई परिवार होगा. जैसा की बिहार के गया में रहने वाले इस परिवार के हालात हैं. बेटा जिसकी चीन में हत्या हो गई. हत्या कैसे हुई और किसने की. परिवार को नहीं पता. कल तक परिवार इस बात से खुश था कि चीन में कोरोना का जब कहर था तब उसकी जान बच गई. खुश इस बात से भी थी कि अच्छी पढ़ाई कर वो अच्छी नौकरी करेगा तो परिवार में खुशहाली आएगी. लेकिन इनके सपने अब चकनाचूर हो गए.
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चीन से 23 हजार छात्र भारत लौट आए थे लेकिन वो फंस गया था. अब मरने के बाद भी अपने लाल को परिवार देखना चाहता है. लेकिन नसीब में वो भी नहीं है. खुद चीन जा नहीं सकते हैं क्योंकि हवाई सेवा बंद है. अब सरकार से उम्मीद लगाकर 5 अगस्त की सुबह एक मार्च निकाला. मार्च के दौरान एक पोस्टर पर लिखा था कि बिहार के लाल का पार्थिव शरीर भारत लाया जाए.
एक हफ्ते में आ सकता है शव
अब यहां पर परिवार फिलहाल यही मांग कर रहा है कि उनके बेटे का शव ही किसी तरह हमवतन लौटाया जाए. इस बीच, 5 अगस्त की शाम को ही भारत सरकार की तरफ से जानकारी मिली कि चीन में छात्र की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य जरूरी कागजात तैयार हो चुका है. एक हफ्ते के भीतर कभी भी छात्र का पार्थिव शरीर भारत आ सकता है.
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