Azam Khan: रामपुर के 'रंगबाज़' आजम खान के दामन पर मुकदमों के दाग़, सियासी पारी में जुर्म से यारी
चुनाव के रंगबाज़, यूपी चुनाव 2022 में रामपुर के आज़म ख़ान की सियासी पारी, आज़म ने लगाया मुक़दमों का शतक, पुरानी ही जुर्म से यारी,Read more crime news in Hindi, UP election 2022 and more on CrimeTak.in
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सीतापुर जेल से लड़ेंगे रामपुर शहर का चुनाव
CHUNAVI RANGBAAZ: ये बात तो सभी जानते हैं कि आजम खान समाजवादी पार्टी में एक कद्दावर नेता हैं मगर इस वक़्त जेल में हैं। लेकिन खबरें यहीं हैं कि वो जेल से ही चुनाव भी लड़ेंगे और वो भी रामपुर शहर की सीट से। और उनके मुकाबले में वो हैं जिनके ज़रिए दाखिल किए गए मुकदमों की वजह से ही आजम खान को सलाखों के पीछे सोना पड़ रहा।
इसके अलावा आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आज़म भी स्वार सीट से चुनाव मैदान में हैं और अपने पिता की ही तरह सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। दिलचस्प बात ये है कि इन ऊपर भी मुकदमों की कोई कमी नहीं हैं।
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पूरे परिवार का कच्चा चिट्ठा
RAMPUR KE RANGBAAZ: अब बात जब आजम खान के जेल में बंद होने की निकल ही पड़ी है और उनके साहबज़ादे के सिर भी मुकदमों की गठरी रखने का ज़िक्र हो गया तो चलिए उनके पूरे परिवार का ही कच्चा चिट्ठा देख लेते हैं।
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कहने को तो आजम खान आज भी लोक सभा सीट से समाजवादी पार्टी के सांसद हैं। लेकिन फिलहाल उनके ऊपर इतने मामलों की कायमी है कि शायद वो खुद भी गिनती करते करते थक जाएं।
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आज़म के कुर्ते पर गुनाहों के दाग़
LATEST CRIME NEWS IN HINDI:पुलिस के रिकॉर्ड में आजम खान के नाम के आगे जो दर्ज है, वो भी कम दिलचस्प नहीं है। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक़ आज़म भैंस चोर हैं, आज़म बकरी चोर हैं, उन्होंने किताबें भी चुराईं। सांसद साहब भूमाफ़िया भी हैं। वो अवैध रुप से पेड़ भी कटवाते हैं यानी जंगल चोरी का भी इल्ज़ाम इनके कुर्ते पर पैबंद लगाता है।
फिर किसानों की ज़बरदस्ती ज़मीन हथियानें के मुकदमें उनके नाम पर दर्ज हैं। इसके अलावा कोई आजम खान के नाम जुर्म की हर धारा में कोई न कोई मुकदमा तो दर्ज है ही।
आज़म के ख़ानदान पर मुकदमें ही मुकदमें
RANGBAAZ IN HINDI : अब आप सोच रहे होंगे कि कोर्ट कचहरी और पुलिस के चक्कर में तो इस ख़ानदान का बैंड बज चुका होगा। सोच अपनी ख़्याल अपना मगर ऐसा है नहीं। ख़ानदान हंसता खेलता आज भी दिखाई देता है। मगर सबसे ज़्यादा हैरानी की बात ये है कि इस ख़ानदान का शायद ही कोई ऐसा चश्मोचिराग़ है जिसका नाम पुलिस के मुकदमों वाली डायरी में दर्ज न हो।
आजम खान की बीवी तज़ीन फ़ातिमा रामपुर शहर की विधायक हैं और उनके बड़े बेटे अब्दुल्ला आज़म पर भी पुलिस और सरकार कुछ एक्स्ट्रा मेहरबान है। इन दोनों पर भी दर्जनों की तादाद में मुकदमे दर्ज हैं। फिर भी ये लोग नेता हैं और शान से चुनाव लड़ रहे हैं।
आजम खान की चांदी थी
CRIME TAK SPECIAL IN HINDI: सूबे में जबसे भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार की हुकूमत आई है बस तभी से आजम खान के बुरे दिन शुरू हो गए, वर्ना इलाक़े में तो उनके नाम का रुआब है। मजाल है किसी कि उनकी हवेली के आसपास भी कोई ऊंची आवाज़ में बात भी कर ले।
मगर BJP की सरकार में आने के बाद पुलिस और कोर्ट कचहरी उन पर इस कदर मेहरबान हुई कि आख़िरकार 2020 में आजम खान को माई लॉर्ड के सामने आत्मसमर्पण करना ही पड़ा।
काली कोठरी से आजम खान का पुराना रिश्ता
CRIME STORY IN HINDI: आजम खान का जेल जाना कोई नई बात नहीं, जेल की सलाखों से उनकी पुरानी यारी रही है। इंदिरा गांधी के काल में इमरजेंसी का विरोध करते हुए जेल गए और नेता बन गए, उस वक़्त वो अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र संघ के नेता था।
बताया जाता है कि तब भी पुलिस आजम खान पर इस कदर मेहरबान थी कि उन्हें ऐसी काली कोठरी में बंद किया गया था जहां सूरज की रोशनी तक नहीं आती थी।
मुक़दमों के 'आज़म' हैं ख़ान साहब
NEWS FROM RAMPUR: आजम खान शायद देश के ऐसे इकलौते सांसद होंगे जिनके ख़िलाफ इतने मुकदमें हैं कि खुद वो गिनती भूल जाएं। फिलवक़्त में तो वो मुकदमों का सैकड़ा लगा चुके हैं, और अभी उनकी पारी ख़त्म नहीं हुई है।
रामपुर की एक बड़ी ही मशहूर यूनिवर्सिटी है मौलाना जौहर अली यूनिवर्सिटी जिसके लिए ज़मीन कब्ज़ा करने के आरोप में आजम खान के ख़िलाफ़ 28 मुकदमें दर्ज हुए। लेकिन दिलचस्प मोड़ आया जब यतीम ख़ाने से भैंसों की चोरी के मामले में उनके नाम पर नौ मुकदमें दर्ज हो गए।
लंबी होती मुक़दमों की लिस्ट
NEWS OF RANGBAAZ:मुकदमों की ये फेहरिस्त हर गुज़रते दिन के साथ बेशक लंबी होती चली गई लेकिन उनके रुआब में कोई कमी नहीं आई। आजम खान को अक्सर लोगों ने ये कहते सुना होगा कि उनका दामन दाग़दार नहीं है। लेकिन हक़ीक़त तो ये है कि उनके दामन में अब तो दाग़ भी लगने की जगह भी नहीं बची। और ये सब कुछ हुआ बीते दो दशक में।
अब सवाल यही उठता है कि आजम खान के ख़िलाफ़ जब इतने मुक़दमें हैं। उनके ख़ानदान के लोगों के ख़िलाफ़ अच्छा ख़ासा पुलिस रिकॉर्ड है और हर तरह के जुर्म के दाग़ इनके दामन में लगे हुए हैं...तो फिर लोग इनको इतना मानते क्यों हैं...
शख़्सियत में छुपा राज़
ELECTION AND CRIME IN HINDI:इसका जवाब ख़ुद आजम खान की शख़्सियत और उनकी बातचीत के लहजे में छुपा है। रामपुर और उसके आसपास के लोगों की बातों पर यकीन किया जाए तो आजम खान का उस रियाया के साथ बर्ताव ऐसा नहीं है जो उन्हें उन लोगों की नज़र में गुनहगार ठहराता हो।
यानी वो आम लोगों को बहुत ज़्यादा नहीं धमकाता और परेशान करता बल्कि उल्टे उनकी किसी न किसी सूरत में मदद ही करते देखा गया है। लिहाजा ये एक वजह है जिसने लोगों को उनका मुरीद बना रखा है। और यही बात उन्हें चुनाव जिताने में मददगार हो जाती है।
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