...तो शाहरुख खान की इस मैनेजर ने दिए थे 50 लाख रुपए! इस तरह से मांगी गई थी शाहरुख की मैनेजर से रिश्वत!
Sameer Wankhede: आर्यन खान ड्रग केस में सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। ये साफ हुआ है कि रिश्वत की रकम शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडलानी ने मीडिल मैन किरण गोसावी को दी थी।
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अरविंद ओझा के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
Sameer Wankhede: आर्यन खान ड्रग केस में सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। ये साफ हुआ है कि रिश्वत की रकम शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडलानी ने मीडिल मैन किरण गोसावी को दी थी। बात में डील बिगड़ गई थी और कुछ पैसा वापस कर दिए गए थे।
गौरतलब है कि एनसीबी ने समीर वानखेड़े समेत कुछ अफसरों पर विजिलेंस जांच बैठाई थी। एनसीबी की इसी विजलेंस रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई ने समीर वानखेड़े समेत समेत एनसीबी के कुछ अफसरों पर FIR दर्ज की है। विजिलेंस जांच से जुड़े सूत्रों ने समीर वानखेड़े की और आर्यन खान की गिरफ्तारी की इनसाइड डिटेल्स बताई है, जिसके मुताबिक समीर वानखेड़े एनसीबी के कुछ स्टाफ और प्राइवेट पर्सन के साथ ड्रग रैकेट पकड़ने की आड़ में एक तरह से एक्सटॉर्शन रैकेट चला रहे थे। आइए आपको मुम्बई कोर्डिलिया क्रूज पर रेड की इनसाइड स्टोरी बताते हैं।
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Aryan Khan: समीर वानखेड़े पर सबसे बड़ा खुलासा एनसीबी की विजिलेंस टीम के सामने किरदार समविल डिशुजा ने किया है।
आखिर कौन है डिशुजा ?
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सूत्रों के मुताबिक, डिशुजा एक ड्रग सप्लायर था जिसे LSD ड्रग्स के दो केस में NCB की समीर वानखेड़े टीम ने पकड़ा था। उस दौरान समीर बानखेड़े और उनके अंडर काम करने वाले NCB के कुछ अफसरों ने 10 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। सूत्रों के मुताबिक ये पैसा आरोपों के मुताबिक VV सिंह और खुद समीर वानखेड़े ने लिया था।
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Aryan Khan: बाद में डिशुजा को समीर वानखेड़े एंड कंपनी ने अपना मुखबिर बनाया। NCB की टीम के लिए डिशुजा इन्फॉर्मर बन गया और शिकार की तलाश करने लगा। बाद में डिशुजा NCB के लिए कलेक्शन एजेंट के तौर पर काम करने लगा। यही नहीं, फर्जी ड्रग्स प्लांट में भी NCB की ये टीम डिशुजा का इस्तेमाल करने लगी।
गुजरात के पाटिल और डिसूजा का कनेक्शन और क्रूज पर रेड
गुजरात का रहने वाला पाटिल नाम के एक शख्स ने समीर वानखेड़े को जानकारी दी कि क्रूज पर एक बड़ी पार्टी होने वाली है, जिसमें कुछ बड़े व्यापारी और बड़े नाम आने वाले हैं जिनको टारगेट किया जा सकता है।
क्या एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े चला रहे थे एक्सटॉर्शन कंपनी?
बताया जा रहा है कि डिशुजा और पाटिल एक-दूसरे को जानते थे। जब NCB ने प्लान किया कि क्रूज पर रेड करनी है तो डिशुजा ने वानखेड़े और NCB के अधिकारी वी वी सिंह से दो प्राइवेट पर्सन भानुशाली और किरण गोसावी की मुलाकात करवाई। NCB ने भानुशाली और किरण गोसावी को टास्क दिया कि वह क्रूज पर बड़ा कैच पकड़े। NCB ने अपने टारगेट में 27 लोगों की लिस्ट तैयार की, लेकिन जैसे ही समीर वानखेड़े को एक फोन कॉल आया और जानकारी मिली की क्रूज पर आर्यन खान अपने दोस्तों के साथ आ रहा है, तब लिस्ट छोटी कर दी गई और अब लिस्ट में केवल 10 नाम शामिल किए गए।
Sameer Wankhede: आर्यन क्रूज पर आया उसे पकड़ लिया गया। उसका फोन NCB ने अपने कब्जे में ले लिया ताकि वो अपने घर फोन न कर पाए। सूत्रों के मुताबिक आर्यन खान के साथ उसके चार अन्य दोस्त भी क्रूज पर सवार थे। केवल अरबाज के पास से चरस बरामद हुई, उसे पकड़ लिया गया। ड्रग्स चैट्स तो आर्यन के बाकी तीन दोस्तों के पास से भी बरामद हुई पर उन्हें छोड़ कर केवल स्लेक्टिव टारगेट आर्यन खान को किया गया। अरबाज़ ने अपने पहले बयान में साफ कहा था कि आर्यन के पास ड्रग्स नहीं थी। न उसने ड्र्ग्स ली थी और हमें भी मना किया था। बाद में समीर खान के नेतृत्व में आर्यन खान के परिवार से वसूली शुरू हुई। ये सब हुआ 2- 3 मई की रात में, उस वक्त आर्यन खान को बताया गया कि किरण गोसावी NCB का अधिकारी है।
NCB दफ्तर में आर्यन खान का ऑडियो बनाया गया। एनसीबी की वो तस्वीरें आप को याद होंगी जिसमें आर्यन खान बैठा हुआ था और गोसावी आर्यन खान से मोबाइल में कुछ बुलवाता हुआ दिखाई दे रहा था। दरअसल किरण ने आर्यन से wats app के जरिए एक ऑडियो बनवाया था।
आर्यन खान के ऑडियो में था - "पापा में NCB कस्टडी में हूं, Plz Help Me"
शाहरुख की मैनेजर तक पहुंचा था मैसेज
समीर वानखेड़े एंड कंपनी ने अब प्लान किया कि आर्यन गोसावी की सेल्फी और ऑडियो कैसे पूजा डडलानी यानी शाहरुख खान की मैनेजर तक पहुंचाए जाए ताकि डील शुरू की जाए।
आर्यन की आवाज और गोसावी की आर्यन खान के साथ सेल्फी अब शाहरुख खान तक पहुंचना थी, जिसके लिये समीर वानखेड़े एंड कंपनी ने एक प्रभावशाली आदमी के जरिये पूजा डडलानी का नंबर जुगाड़ किया और फिर उसे आर्यन की सेल्फी और उसका ऑडियो मैसेज भेज दिया गया। कहा गया कि आर्यन खान ने क्रूज पर ड्रग्स का इस्तेमाल किया है। उसके फोन से ड्रग्स चैट्स मिले हैं। हम आर्यन खान का कुछ ही देर में मेडिकल करवाने जाने वाले हैं। आर्यन खान एनसीबी के कब्जे में है। ये बात जैसे ही पूजा डडलानी को पता चली वो गोसावी से मिलने को तैयार हो जाती है।
डील फाइनल थी और आर्यन छूटने वाला था, लेकिन एक सेल्फी ने बिगाड़ा खेल
सूत्रों के मुताबिक आर्यन खान को छोड़ने की कीमत डील में 25 करोड़ तय हुई लेकिन बाद में मामला 18 करोड़ पर तय हुआ। 2-3 मई की रात पूजा डडलानी और किरण गोसावी की मीटिंग हुई और पूजा ने गोसाबी को 50 लाख कैश दे दिया। अगली सुबह किरण का सेल्फी आर्यन खान के साथ वायरल हो गई और खुलासा हुआ की किरण एनसीबी का अधिकारी नहीं है। ये जानकारी पूजा डडलानी तक भी पहुंच गई और ऐसे में करोड़ों की डील खटाई में पड़ गई।
किरण फिर पूजा डडलानी से मिलता है और 50 लाख में से 38 लाख वापस करता है और 12 लाख यह कहते हुए पूजा डडलानी को वापस नहीं करता वो पैसा समीर वानखेड़े को पास पहुंच गया है। अब वापस नहीं हो सकता और आर्यन को जब तक गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया जाता है।
आर्यन को छोड़ने की थी पूरी प्लानिंग, लेकिन...
विजिलेंस सूत्रों के मुताबिक जांच में लापरवाही बरती गई और आर्यन की गिरफ्तारी के वक्त भी NCB ने आर्यन खान का फोन सीज नहीं किया। इस से शक पैदा हुआ की कहीं गिरफ्तारी वसूली के लिए तो नहीं को गई थी? आर्यन खान का मेडिकल भी नहीं करवाया गया था, क्योकि समीर वानखेड़े एंड कंपनी को पता था कि आर्यन खान के परिवार से अगर 25 करोड़ मिल गए तो आर्यन को छोड़ देंगे इसलिए यह प्लॉट तैयार किया गया हो सकता है।
आर्यन खान परिवार से वसूली के वक्त गोसावी फेस टाइम चैट्स के जरिये पूजा डडलानी से बात कर रहा था। उधर, एक अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए गोसावी डील से जुड़े अपडेट्स समीर वानखेड़े को भी दे रहा था। इससे संबंधित सबूत एनसीबी ने इकट्ठा किए हैं।
सीसीटीवी फुटेज से हुई छेड़छाड़
Sameer Wankhede: एनसीबी की विजिलेंस जांच से जुड़े सूत्रों के मुताबिक में जिस वक्त आर्यन खान के साथ किरण गोसावी NCB दफ्तर में नजर आ रहा है। उस वक्त के NCB दफ्तर के तमाम CCTV काम कर रहे थे लेकिन जैसे ही इस मामले में विजिलेंस जांच शुरू हुई और विजिलेंस टीम NCB मुंबई दफ्तर पँहुची तो वहां के तमाम CCTV फुटेज के साथ छेड़छाड़ कर दी गई थी।
यही नहीं विजिलेंस जांच में आरोपों के घेरे में NCB के अधिकारियों समेत सभी आरोपियों ने NCB को जो अपना फोन जांच के लिए दिया था। उसे कई बार फॉरमेट करके दिया था। सूत्रों के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया था ताकि सबूत विजिलेंस टीम के हाथ न लगे लेकिन फोरेंसिक जांच से सारे सबूत NCB को मिल गए है। विजिलेंस टीम ने अपनी जांच में करीब 2 दर्जन से ज्यादा घटना डील से जुड़े CCTV फुटेज हासिल किए। इसके अलावा, जो चैट्स आरोपियों ने डिलीट कर दिए थे, उन्हें भी हासिल किया। कई इलेक्ट्रॉनिक गजेट्स बरामद किए गए।
एनसीबी की विजिलेंस टीम ने जांच के बाद पूरी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी और इसी विजिलेंस रिपोर्ट को आधार बनाते हुए CBI ने FIR दर्ज की और वानखेड़े समेत सभी आरोपियों के यहां रेड की।
लेकिन अभी भी कई सवाल बरकरार है - मसलन
1. एनसीबी के पास इस बात का क्या सबूत है कि पैसा लिया गया और वापस किया गया?
2. 12 लाख रुपए कहां गए? उसका क्या हिसाब-किताब है?
3. किरण गोसावी और डिशुजा रिश्वत की रकम पकड़ने वाले लोगों में शामिल थे, लेकिन आखिरी वक्त में कहां गड़बड़ हुई?
4. क्या सीबीआई पूजा डडलानी को भी आरोपी बनाएगी? क्योंकि उन्होंने रिश्वत दी थी
5. चैट्स हिस्ट्री से क्या वाकई कुछ खुलासा हुआ है?
6. ऐसे कौन से गवाह पुलिस के पास है, जिससे ये साफ हो रहा है कि डीलिंग चल रही थी?
सीबीआई बेशक इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन आने वाले वक्त में उसे कई अहम सबूत इकट्ठा करने होंगे।
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