पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द साबित हो सकते हैं तालिबान के हाथ में आए अमेरिकी हथियार!

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पूरी दुनिया के लिए सिरदर्द साबित हो सकते हैंतालिबान के हाथ में आए अमेरिकी हथियार!
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काबुल की सड़कों पर तालिबान ने अपनी ताकत की नुमाइश कर रहा है , हाथों में रॉकेट लॉन्चर, आधुनिक मशीन गनों के साथ। अब तालिबान दुनिया के सामने अपनी ताकत पेश कर रहा है, और पूरे विश्व को ये बता रहा है वो सिर्फ एक संगठन नहीं है, बल्कि वो दुनिया के कई देशों के बराबर उसके पास हथियार और गोला बारूद है।

तालिबान ये बता रहा है कि उसके पास किसी देश की सेना जितने हथियार हैं। हम आपको बताते हैं कि तालिबान को इतने हथियार कहां से मिले, क्या अमेरिका ने तालिबान को अपने सारे हथियार सौंप दिये हैं। आखिर तालिबान के पास कौन कौन से ऐसे हथियार हैं....जो दुनिया के कई मुल्कों के पास नहीं हैं।

31 अगस्त को अफगानिस्तान से अमेरिका का पैकअप हो रहा है, और इस तारीख के बाद तालिबान की तरफ से अमेरिका को बड़ी हिदायत दे दी गई है...तालिबान का प्रवक्ता सुहैल शाहीन पहले ही कह चुका है कि 31 अगस्त के बाद अमेरिका को अफगानिस्तान में हमला करने का कोई अधिकार नहीं रहेगा। जो करेगा, तालिबान करेगा, जो कहेगा, तालिबान ही कहेगा।

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तालिबान इस समय अरबों डॉलर के अमेरिकी हथियारों के जखीरे पर बैठा है। तालिबान के लड़ाके दुनिया के सबसे खतरनाक हथियारों में शुमार अमेरिकी युद्धक हेलीकॉप्टरों के साथ फोटो खिंचवा रहे हैं हमवीज जैसे वाहनों पर सवारी करते दिख रहे हैं। उनके कंधों पर अमेरिकी असाल्ट राइफल हैं।

ये वो असलाह है, जो अमेरिका ने अफगानिस्तान की सेना को मुहैया कराया था।फोर्ब्स ने अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन के डिपार्टमेंट लॉजिस्टिक्स एजेंसी यानी...डीएलए के आंकड़ों के आधार पर दावा किया है कि अमेरिका अफगान में 8.84 लाख हथियार और सैन्य उपकरण छोड़ आया है। जानिए उनमें क्या क्या है?

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* अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान के युद्ध क्षेत्र में 8.84 लाख हथियार और सैन्य उपकरण छोड़े हैं

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* जिनमें 6 लाख के करीब आधुनिक सैन्य हथियारों का ज़खीरा है

* 208 विमान औऱ हेलीकॉप्टर अफगानिस्तान में मौजूद थे, जो अब तालिबान के कब्ज़े में हैं

* 26 हेलिकॉप्टर और विमान तालिबानी अड्डे पर सैटेलाइट तस्वीरों में देखे गए हैं

*जबकि 5 और हेलिकॉप्टर एक दूसरी सैटेलाइट तस्वीर में तालिबान के ठिकानों पर दिखाई दिये हैं,

अमेरिका सेना ने...अफगान सेना को ये विमान और हेलिकॉप्टर दिये थे।

*23 ए- 29 लाइट अटैक विमान इसमें शामिल हैं

* 60 ट्रांसपोर्ट विमान हैं, जिसमें सी 130, सी-182, टी-182 और एएन-32 शामिल

* 33 एसी- 208 विमान हैं

-*18 पीसी-12 सर्विलांस विमान हैं

* 8 चालक रहित विमान हैं

20 सालों में अफगानिस्तान को दिये गए सारे अमेरिकी हथियार, अब तालिबान के कब्ज़े में हैं। बताया जा रहा है कि दुनिया के 85 फीसदी देशों से ज़्यादा ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर्स अब तालिबान के कब्ज़े में हैं, तालिबान ने जिन अमेरिकी लड़ाकू विमानों पर कब्ज़ा किया है, उनमें

*33 ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर

* 32 एमआई 17 हेलीकॉप्टर

* 43 एमडी 530 हेलीकॉप्टर

ब्लैक हॉक चार ब्लेड वाला एक बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर है, ये दुश्मन पर हवाई हमला करने और बचाव कार्य करने में कारगर है । ये अपने साथ तोप भी ले जा सकता है। इसी तरह सी-130 हरक्यूलिस विमान बहुउद्देश्यीय ट्रांसपोर्ट विमान है।

अमेरिकी अफसरों के मुताबिक अगर तालिबानी इन अमेरिकी विमानों को उड़ा नहीं पाए, तो भी उनके लिए हमारी तकनीक काफी अहम साबित हो सकती है, क्योंकि इनकी पुर्जों की कीमत ही उन्हें जबरदस्त फायदा पहुंचा सकती है।

हम आपको बता दें कि दुनियाभर में किसी भी आतंकी संगठन के पास खुद की वायुसेना नहीं है कुछ आतंकी संगठनों की पहुंच ड्रोन तक ज़रूर है। लेकिन तालिबान अकेला संगठन है जिसके पास वायुसेना जैसी ताकत है। अब तालिबान को जो हथियार मिले हैं, उनके बारे में भी जानलीजिए....

*3,58,530 आधुनिक रायफल

*3,598 घातक एम-4 कार्बाइन

*64 हजार से अधिक मशीन गन

* 25 हजार से अधिक ग्रेनेड लॉन्चर

* 1,23,295 आधुनिक पिस्टल

* 9,877 रॉकेट आधारित हथियार

* 2,306 मोर्टार और तोप

रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने चिंता जताते हुए कहा कि पहला और मुख्य खतरा यह है कि तालिबान को भारी मात्रा में हथियार मिले हैं। इनकी संख्या बहुत ज्यादा है। रूस के मुताबिक 100 से ज़्यादा तो MANPADS शामिल हैं।

ये हथियार आसानी से किसी यात्री हवाई जहाज या फिर हेलिकॉप्टर को मार गिरा सकते हैं। सबसे बड़ा खतरा यह है कि इन हथियारों को तालिबानी लड़ाके अपने कंधों पर उठाए कहीं से भी फायर कर सकते हैं।

तालिबान के हाथ अमेरिका युद्धक वाहन भी लगे हैं, जिनमें

* 7,58,98 युद्धक वाहन रणभूमि में छोड़ आए

* 31 मोबाइल स्ट्राइक फोर्स व्हीकल

* 3012 हमवीज युद्धक वाहन

* 1005 क्रेन और रिकवरी वाहन

* 928 बारूदी सुरंग से बचाने वाले एमएआरपी वाहन

* 189 बख्तरबंद वाहन यानी एपीसी हैं

हम आपको बता दें कि हमवीस युद्धक वाहन बम हमले या जैविक हमलों से सैनिकों की रक्षा करता है। मोबाइल स्ट्राइक फोर्स व्हीकल भी सैनिकों के लिए कवच का काम करता है । इस पर बारूदी सुरंग फटने का असर नहीं पड़ता। ये वाहन मशीन गन और ग्रेनेड लॉन्चर से लैस होता है। साथ ही तालिबान को अब संचार निगरानी उपकरण भी मिल चुके हैं।

जिनमें

*16191 इंटेलिजेंस, सर्विलांस और टोही उपकरण

*29681 विस्फोटक निष्क्रिय करने वाले उपकरण

* 162643 संचार उपकरण भी गंवाए

* 16035 नाइट विजन डिवाइस

* 120 रेडियो मॉनिटरिंग सिस्टम

* 6 सर्विलांस बैलून

* 22 ग्राउंड बेस्ड सर्विलांस सिस्टम

इन हथियारों और उपकरणों के हाथ लगने के बाद, तालिबानी लड़ाके अब सलवार कमीज़ नहीं पहन रहे हैं....बल्कि अब ये वर्दी में दिखाई पड़ रहे हैं, और लंबी दाढ़ी भी नहीं दिख रही है। यानी तालिबान ने सिर्फ अफगानिस्तान पर कब्ज़ा नहीं किया बल्कि अफगानी सैनिकों के अमेरिकी हथियारों पर भी तालिबान का कब्जा हो गया और अब तालिबान दुनिया के सामने इन हथियारों की नुमाइश कर रहा है।

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