नदी के पानी से अचानक बाहर आने लगीं 200 सिर कटी बकरियों की लाशें!

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नदी के पानी से अचानक बाहर आने लगीं 200 सिर कटी बकरियों की लाशें!
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अमेरिका (America) के जॉर्जिया (Georgia) में चत्ताहूची नदी में करीब दो सौ बकरियों की लाशें तैरती मिलीं। इन सभी बकरियों के सिर कटे हुए थे (200 Headless Goats Body), जिसे देख इलाके के लोग सकते में आ गए। पुलिस को इत्तेला दी गई, अमेरिकन स्टेट ऑफ़ जॉर्जिया की पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है।

क्या है पूरा मामला?

जॉर्जिया पुलिस के मुताबिक़, पहली नजर में मामला लोकल लोगों के किए जाने वाले अनुष्ठान सनटेरिया से जुड़ा लग रहा है। इस अनुष्ठान में जानवरों की बलि चढ़ाई जाती है, मुमकिन है कि आसपास के लोगों ने ही इस अनुष्ठान के लिए इनकी बलि दी है और उसके बाद लाशों को नदी में फेंक दिया। जानकारों के मुताबिक ऐसी परंपराएं प्राकृति के लिए मुश्किल पैदा कर सकती है। क्योंकि इस अनुष्ठान में 20 से 30 बकरियों की बलि नहीं बल्कि 200 बकरियों की बलि दी गई है, और अमेरिका में ऐसा पहली बार देखा गया है।

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ऐसे दी जाती है बकरियों की बलि

हाल ही में सोशल मीडिया पर इस अनुष्ठान का वीडियो वायरल हुआ, इसमें नदी में तैरती बकरियों की लाशें नजर आ रही हैं। साथ ही एक शख्स ने ब्रिज से बकरी को नीचे फेंका, ये भी कैमरे में कैद हो गया। नीचे जोरदार आवाज में बकरी की बॉडी गिरी, रात के अंधेरे से लेकर दिन के उजाले तक में नदी में बकरियों को फेंकने की आवाजें आती है। सबसे चिंता की बात तो ये है कि जिस नदी में बकरियों की लाशें फेंकी जा रही है उससे करीब 50 लाख लोग पानी पीते हैं।

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बकरियों की बलि चढ़ाने के पीछे ये है वजह

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बकरियों की इतनी लाशों का कनेक्शन अनुष्ठान सनटेरिया से जुड़ा है, ये अनुष्ठान वेस्ट अफ्रीका में किया जाता है और इसका संबंध रोमन कैथोलिक रिलीफ से है। एक सनटेरिया प्रीस्ट ने बताया कि अनुष्ठान में बकरे की बलि किसी जीत पर दी जाती है, जबकि बकरी की बलि बच्चे की चाहत में दी जाती है। लोकल पुलिस इन लाशों को नदी से निकाल कर जमा कर रही है, सबसे बड़ी चिंता है कि कहीं इन लाशों के फेंकने से पानी में जहर ना फ़ैल जाए। क्योंकि इस नदी का पानी लोगों के घरों में पीने के लिए सप्लाई किया जाता है।

अंधविश्वास में बदल गई आस्था

आस्था और अंधविश्वास में बहुत महीन सा फर्क होता है, इस फर्क के मिटते ही आस्था कब अंधविश्वास में बदल जाती है और अंधविश्वास कब ढकोसला बन जाता है, ये पता भी नहीं चलता। अंधविश्वास पर सिर्फ हिंदुस्तान का ही कॉपीराइट नहीं है बल्कि अमेरिका जैसे एडवांस्ड और डेवलेप देश में भी बहुत सी ऐसी परंपराएं हैं जो अंधविश्वास की चादर में लिपटी हुई हैं।

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