FREE FIRE GAME का क्या है 'जामताड़ा' कनेक्शन, 12 साल के बच्चे ने कैसे खरीदे 3.22 लाख रुपये के ऑनलाइन हथियार, जानें
With this trick of ONLINE FREE FIRE GAME, 12 year old child spent 3.22 lakhs from mother's bank account, know full details
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ज़माना स्मार्टफोन का है. ऐसे में हर हाथ में स्मार्टफोन होना कोई नई बात नहीं है. घर में अब बड़े लोग भी अक्सर फोन पर बिजी रहते हैं. फिर बच्चों को स्मार्टफोन देने से रोक पाना एक तरह से टेढ़ी खीर ही है. क्योंकि बच्चे तो बच्चे हैं. इसलिए अब बड़ों को ही सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि ऑनलाइन गेम वालों की चालाकी और हमारी लापरवाही से, बच्चे ऐसी गलती कर रहे हैं जिसके बाद आपको सिर्फ पछताना ही पड़ेगा.
ऐसा ही कुछ हुआ छत्तीसगढ़ की रहने वाली एक महिला टीचर के साथ. इनके 12 साल के बेटे ने 3 महीने के भीतर ही उनके बैंक अकाउंट से ऑनलाइन 278 ट्रांजैक्शन किए. 3.22 लाख रुपये खर्च कर दिए. लेकिन उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी. जानकारी उस समय हुई जब वो एटीएम से कैश निकालने पहुंचीं. 500 रुपये कैश भी नहीं निकले तो बैलेंस चेक किया.
इसके बाद जो एटीएम स्क्रीन पर देखा उससे टीचर के होश उड़ गए. खाते में सिर्फ 9 रुपये थे. जबकि उनके खाते में 3 लाख रुपये से ज्यादा की सेविंग थी. फिर वो बैंक गईं. पासबुक में एंट्री कराई तो पता चला कि 8 मार्च से 10 जून के बीच कुल 278 ट्रांजैक्शन के जरिए 3 लाख 22 हजार रुपये निकाले गए हैं.
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ये है पूरा मामला
मामला छत्तीसगढ़ के कांकेर एरिया के पंखाजूर थाना क्षेत्र का है. यहां शुभ्रा पाल परिवार के साथ रहती हैं. वह एक स्कूल में टीचर हैं. इनका बेटा 12 साल का है. आजकल ऑनलाइन क्लास के लिए टीचर ने बेटे को अपना स्मार्टफोन दिया हुआ है. ऑनलाइन क्लास के बाद बेटा स्मार्टफोन पर गेम्स खेलने लगता था. शुभ्रा खुद स्कूल के काम में बिजी रहतीं थीं, इसलिए ध्यान नहीं दे पातीं थीं.
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बात 10 जून की दोपहर का है. शुभ्रा घर के पास के एटीएम से कैश निकालने गईं. एटीएम से जब 500 रुपये भी नहीं निकले तब उन्होंने बैलेंस चेक किया. उसी दौरान उन्होंने खाते से 3 लाख 22 हजार रुपये गायब होने का पता चला. इसके बाद बैंक से स्टेटमेंट लेकर वो पंखाजूर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंचीं.
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पुलिस भी हैरान : बिना OTP कैसे निकले पैसे
शुभ्रा पाल की बैंक स्टेटमेंट देखते ही पुलिस ने ओटीपी के बारे में पूछा. टीचर ने बताया कि उन्हें कोई ओटीपी नहीं आया. और न ही किसी को फोन पर कभी बैंक डिटेल दी. ये सुनकर पुलिस भी हैरान थी. आखिर ये साइबर क्राइम हुआ कैसे? इसके बाद पुलिस ने सभी ट्रांजैक्शन की डिटेल निकाली तो पता चला कि ऑनलाइन गेम्स के हथियार और गेम अपग्रेड करने में इन पैसों को खर्च किया गया है. जांच में ये भी पता चला कि ये ट्रांजैक्शन शुभ्रा के फोन से ही ऑनलाइन किया गया है. ये जानकर टीचर दंग रह गईं. उन्हें यकीन ही नहीं हुआ कि मेरा बेटा ऐसा कर सकता है.
ऑनलाइन गेम्स की इन चालाकी से कटते हैं पैसे
साइबर एक्सपर्ट किसलय चौधरी ने बताया कि Free Fire Online Game चाइनीज ऐप है. इसी तरह से कई ऑनलाइन गेम हैं जिसकी लत बच्चों में तेजी से बढ़ रही है. दरअसल, इन गेम्स में बच्चे अपनी आईडी बनाने के बाद जब एक्टिव होते हैं तो कई ऑप्शन मिलते हैं. जैसे टॉपअप, रिचार्ज, गेम अपग्रेड या फिर नेक्स्ट लेवल में जाने के लिए पेमेंट करनी होती है.
ऑनलाइन पेमेंट के लिए UPI लिंक या पेटीएम लिंक होते हैं. जिसमें एक बार यूपीआई लिंक जोड़ दिया तो वो हमेशा के लिए गेम ऐप्लिकेशन में सेव हो जाता है. इसके बाद बच्चे जब गेम में Next Level या फिर अपग्रेड करते हैं तो फिर अकाउंट डिटेल की जरूरत नहीं पड़ती है.
सीधे UPI पिन डालते ही बैंक से पैसे कट जाते हैं. इसलिए किसी ओटीपी की भी जरूरत नहीं पड़ती. इसलिए OTP आता नहीं है और पैसे कट जाते हैं. हां, बैंक से पैसे निकलने का मैसेज जरूर आएगा. लेकिन बच्चे उस मैसेज को कई बार डिलीट कर देते हैं. इस केस में भी मैसेज को बच्चे ने डिलीट कर दिया होगा.
टिप्स : पैरेंट्स इन बातों का रखें ध्यान
जिस फोन से बैंक अकाउंट लिंक हो उसे बच्चों को ना दें
ऑनलाइन शॉपिंग करते हुए बच्चों को पासवर्ड नहीं बताएं
बच्चों से डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल शेयर नहीं करें
नजर रखें कि बच्चे कौन सा गेम और वीडियो देख रहे हैं
बच्चें गूगल पर क्या सर्च करते हैं, उसकी हिस्ट्री चेक करें
ऑनलाइन गेम में बच्चे असली नाम से आईडी न बनाएं
हंसी-खेल में बच्चों की मानसिक हालत को जरूर जानें
बच्चा उदास रहे तो उसकी अच्छे से काउंसलिंग कराएं
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