PEGASUS SPYWARE: इस देश के PRESIDENT ने सीधा पूछा ISRAEL के रंक्षामंत्री से इस SOFTWARE को ग़लत हाथों से बचाने के लिए क्या कर रहें हैं आप?

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इजरायली स्पाईवेयर पेगासस से जासूसी के मामले से पूरी दुनिया में हंगामा बरपा है.इजराइल, फ्रांस से लेकर भारत तक इस पर बवाल मचा हुआ है.इतना हीं नहीं फ्रांस में तो राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के इसके जद में आने के आरोप लगे है.इसी मामले को लेकर फ्रांस की एजेंसियां जांच कर रही हैं कि क्या वास्तव में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का मोबाइल फोन टैप किया गया और उसके जरिये उनकी जासूसी की गई.फ्रांस की यात्रा पर आए इजरायली रक्षा मंत्री बेनी गेंट्ज से पूरे मामले पर फ्रांस सरकार ने जबाव मांगा, और इसे गलत हाथों में ना देने की बात भी कही.

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जासूसी का ये पूरा मामला क्या है. इसे विस्तार से जानने और समझने की ज़रूरत है. जिन लोगों के फोन की जासूसी होने का आरोप लग रहा है. उन लोगों के नाम कैसे पता चले. ये पेगासस स्पाईवेयर क्या है. ये सब हम आपको बताते हैं

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जासूसी की इस आंच आख़िर कैसे होगी जांच?

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1.पेगासस एक खतरनाक जासूसी सॉफ्टवेयर है, जिसे इज़राइल की एक कंपनी NSO ग्रुप ने डेवेलप किया है. इस जासूसी सॉफ्टवेयर के टारगेट पर जो मोबाइल नंबर थे. उनका एक ग्लोबल डेटा बेस लीक हुआ था.

2.इस लीक डेटा बेस में दुनिया भर के 50 हज़ार से ज़्यादा मोबाइल नंबर है. जिन पर दुनिया के 10 देशों के 16 मीडिया हाउस ने एक ग्रुप बनाकर महीनों पड़ताल की.

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3.ये ग्लोबल डेटा बेस फ्रांस के Forbidden Stories नाम के ग्रुप के हाथ लगा था. उसी की अगुवाई में जांच हुई और एमनेस्टी इंटरनेशनल की सिक्योरिटी लैब ने इसका फॉरेंसिक Analysis किया.

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4.ये एंड्रॉयड और iOS दोनों तरह की डिवाइस की जासूसी कर सकता है. बिना यूज़र की इजाजत और जानकारी के ये फोन में इंस्टॉल हो जाता है. एक बार फोन में इस्टॉल होने के बाद इसे आसानी से हटाया नहीं जा सकता

5.पेगासस को किसी भी फोन में सिर्फ एक मिस्ड कॉल से भी इंस्टॉल किया जा सकता है. ये फोन में मौजूद एंड टू एंड एंक्रिप्टेड चैट को भी पढ़ सकता है. यानी WhatsApp और टेलीग्राम जैसे ऐप्स भी इससे सेफ नहीं है

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आपको बता दें कि जिस साफ्टवेयर के जरिए दुनिया भर में जासूसी होने का शक है वो इजरायल की कंपनी एनएसओ ने तैयार किया है.हलांकि एनएसओ ने पेगासस स्पाईवेयर की जांच के करने का फैसला लिया है.

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