जामताड़ा के बाद नूँह बना साइबर क्रिमिनल का नया ठिकाना, पुलिस ने चलाया ऑपरेशन 48, चालीस जालसाज़ गिरफ्तार

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Cyber Crime News: हरियाणा पुलिस ने पिछले 48 घंटे में साइबर ठगों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चलाया है। दो दिनों तक चले इस ऑपरेशन के बाद पुलिस ने 40 साइबर क्रिमिनल्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस अफसरों ने बताया कि रविवार देर शाम से जिले के कई इलाकों में छापे मारे जा रहे थे। साइबर एक्सपर्ट के मुताबिक झारखंड के जामताड़ा के बाद नूह एक बड़ा साइबर अपराधियों का अड्डा बन गया है। पिछले साल अप्रैल में 14 गांवों में लगभग 5,000 पुलिसकर्मियों द्वारा एक अभियान में 66 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद से साइबर अपराधों पर यह सबसे बड़ी कार्रवाई है। पुलिस के मुताबिक ये गिरफ्तारियां इंटीग्रेटेड साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (आई4सी) के प्रतिभा ऐप की मदद से की गई, जो एक साइबर फ्राड के एक्योरेट समय फोन इस्तेमाल होने के स्थान को चिह्नित करता है।

40 साइबर क्रिमिनल्स गिरफ्तार 

इसी प्रतिभा एप्प ने पुलिस को राज्य भर से 594 साइबर धोखाधड़ी के ठिकानों के बारे में जानकारी दी। इनमें से 101 यानि 18 प्रतिशत नूह और राजस्थान के सीमावर्ती शहर अलवर के आसपास पाए गए। आरोपियों की लाइव लोकेशन और उनके फोन नंबरों को स्थानीय पुलिस और पंचकूला में साइबर क्राइम यूनिट के साथ साझा किया गया था। शनिवार को शुरू हुई छापेमारी अभी भी जारी है। गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया है कि इन लोगों ने तेलंगाना, गुजरात, बंगाल, कर्नाटक, दिल्ली और हरियाणा में लोगों को ठगा है। आरोपियों के कब्जे से कई सिम कार्ड और जाली आधार कार्ड बरामद किए गए हैं। इन 40 आरोपियों के पास से जाली दस्तावेजों के साथ खरीदे गए कुल 50 मोबाइल फोन और 90 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।

50 मोबाइल फोन और 90 सिम कार्ड बरामद

नूंह पुलिस के प्रवक्ता किशन कुमार ने बताया कि ठगों ने वीडियो कॉल के दौरान ली गई तस्वीरों को मॉर्फ करने या फर्जी विज्ञापन लगाने जैसे विभिन्न तरीकों से लोगों को निशाना बनाया है। इनमें से कुछ सेक्सटॉर्शन में शामिल थे, जबकि अन्य लोगों ने आकर्षक रिटर्न के वादे के साथ लोगों को नकली योजनाओं में निवेश करने का लालच देकर लोगों को ठगा। कुछ लोग सोशल मीडिया पर नकली विज्ञापनों देकर ठगी कर रहे थे। इस गैंग के लोग यूपीआई पेमेंट करने के नाम पर ठगी, केवाईसी उपग्रेड करने के नाम पर या फिर अलग अलग बैंक के फ़र्ज़ी एप और साइट्स बनाकर ठगी करते हैं। अपने शिकार को एप के या बैंक के फ़र्ज़ी लिंक भेजते हैं और फिर ऑनलाइन ठगी कर लेते हैं। अभी तक ये करोड़ो की ठगी कर चुके हैं। इस गैंग का एक मेम्बर हर रोज कम से कम 40 लोगों को कॉल करते थे जिसमें 4-5 लोग इनके जाल में फंस जाते थे।
 

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