I am Sorry mummy: फ्री फायर गेम में आपके खाते से 40 हजार खर्च हो गए,मैं सुसाइड कर रहा हूं, प्लीज़ मत रोना

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I am Sorry mummy: फ्री फायर गेम में आपके खाते से 40 हजार खर्च हो गए,मैं सुसाइड कर रहा हूं, प्लीज़ म...
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I am Sorry mumy, But I'm doing suicide, i will killing my self ... don't cry Ma...

ये लाइन है 13 साल के बच्चे की. वो बच्चा जिसने अभी तक जीना भी नहीं सीखा. लेकिन जान देने की सोच ली. ना सिर्फ सोचा बल्कि उसे कागज के टुकड़ों पर लिख डाला. जब पेंसिल से ये लाइनें वो लिख रहा होगा तो सोचिए उसके दिलोदिमाग में क्या-क्या चल रहा होगा. वो माता-पिता जिन्होंने उसे प्यार से पाला. उसकी हर जरूरतें पूरी कीं. ऑनलाइन क्लास शुरू हुई. तो अपना स्मार्टफोन भी बेटे को दे दिया. खुद बेसिक फोन इस्तेमाल करने लगे.

लेकिन क्या पता था कि जिस स्मार्टफोन को उस मासूम के भविष्य को संवारने के लिए दिया, एक दिन वही फोन उसकी दुनिया उजाड़ देगा. अब वो मासूम इस दुनिया में नहीं रहा. लेकिन उसका लिखा ये सुसाइड नोट देश-दुनिया के करोड़ों मा-बाप के लिए एक सबक भी है. जिनके बच्चे ऑनलाइन गेम खेल रहे हैं. क्योंकि आजकल हम बच्चों को ऑनलाइन गेम खेलने से रोक नहीं सकते हैं लेकिन अलर्ट जरूर कर सकते हैं.

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अब उस सुसाइड नोट में हिंदी में लिखी लाइनों को पढ़िए. ये समझ जाएंगे कि किस वजह से उस बच्चे ने जान दे दी.

यह बात मैं बताने जा रहा हूं कि मैं एक गेम में पैसे उड़ाता था, उस गेम का नाम है फ्री फायर गेम. मैं ये गेम खेलता था, उसी में मेरी मां के खाते से 40 हजार रुपये निकाले.

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अब पूरा मामला समझ गए होंगे. ऑनलाइन गेम FREE FIRE खेलते हुए उसने मां के बैंक खाते से 40 हजार रुपये खर्च कर दिए. इसी वजह से वो बर्दाश्त नहीं कर पाया. और आखिर जान दे दी. उस मासूम के लिए ये बच्चे कुछ भी नहीं हैं. लेकिन ऑनलाइन गेम में पैसे खर्च करने के लिए खुद को कसूरवार मानकर उस बच्चे ने ये क़दम उठा लिया.

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जानिए क्या है पूरा मामला

ये मामला है मध्य प्रदेश के छतरपुर का. यहां के सागर रोड स्थित एक कॉलोनी में विवेक पांडे और प्रीति पांडे का परिवार रहता है. इनके दो बच्चों में 13 साल का बेटा था और एक बेटी. बेटे का नाम कृष्णा था. विवेक पैथालॉजी संचालक हैं, वहीं प्रीति जिला अस्पताल में कार्यरत हैं.

ये घटना शुक्रवार यानी 30 जुलाई की है. माता-पिता दोनों ड्यूटी पर थे. घर में बेटा कृष्णा और उसकी बहन ही थी. ऑनलाइन क्लास खत्म होने के बाद कृष्णा हमेशा की तरह एक बार फिर से फायर फ्री (FIRE FREE) गेम खेलने लगा.

गेम में नेक्सट लेवल के लिए खर्च किए 1500 रुपये

गेम खेलते हुए नेक्सट लेवल में जाने के लिए 1500 रुपये के ऑनलाइन वेपन खरीदने की जरूरत थी. इस मोबाइल फोन से मां के बैंक अकाउंट का यूपीआई लिंक अटैच है. लिहाजा, जैसे ही कृष्णा ने वेपन खरीदने के ऑप्शन पर क्लिक किया तो तुरंत यूपीआई पिन नंबर मांगा. बस पिन नंबर डाला और मां के अकाउंट से पैसे निकल गए.

पैसे निकलने का मैसेज मां के मोबाइल फोन पर पहुंचा. इसे देखते ही मां ने कृष्णा को फोन किया. पैसे कटने के बारे में पूछा तो कृष्णा डर गया. कई बार पूछा तो उसने सच बताया. उसने कहा कि ये पैसे ऑनलाइन गेम में कटे हैं. इस पर मां थोड़ी नाराज हो गई और फोन पर ही कृष्णा को डांट दिया.

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दरअसल, इससे पहले भी माता-पिता कई बार कृष्णा को ऑनलाइन गेम खेलने के लिए मना कर चुके थे. कई बार फटकार भी लगा चुके थे. इसके बाद भी धीरे-धीरे ऑनलाइन गेम के चक्कर में कृष्णा मां के खाते से 40 हजार रुपये खर्च कर चुका था. इस बात को अब वो बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था. इसलिए खुद को कमरे में बंद कर लिया और सुसाइड नोट लिखा.

इसके बाद कमरे में फांसी लगा ली. कई बार फोन करने पर भी कृष्णा से बात नहीं हुई. तब मां और पिता घर पहुंचे. दरवाजा तोड़ा तो कृष्णा फांसी से लटका हुआ था. उसे तुरंत फंदे से नीचे उतारा और अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया.

जानिए FREE FIRE गेम की वो साजिश, जिससे बच्चे दे रहे हैं जान

Free Fire Online Game चाइनीज ऐप है. इस गेम के प्रति बच्चों में तेजी से आकर्षण बढ़ रहा है. लेकिन इस गेम को खेलते हुए आखिर ऐसा क्या होता है कि बिना OTP आए ही अकाउंट से पैसे कट जाते हैं. इसे ऐसे समझिए

  1. FREE FIRE GAME में बच्चे अपनी आईडी बनाने के बाद जब एक्टिव होते हैं तो कई ऑप्शन मिलते हैं. जैसे टॉपअप, रिचार्ज, गेम अपग्रेड या फिर नेक्स्ट लेवल. लेकिन इन सबके के लिए ऑनलाइन पेमेंट करने की जरूरत पड़ती है.

  2. ऑनलाइन पेमेंट के लिए UPI लिंक या पेटीएम लिंक होते हैं. जिसमें एक बार यूपीआई लिंक जोड़ दिया जाए तो वो हमेशा के लिए गेम ऐप्लिकेशन में सेव हो जाता है.

  3. इसके बाद बच्चे जब भी गेम में Next Level में जाने या गेम अपग्रेड करते हैं तो फिर अकाउंट डिटेल नहीं मांगा जाता है. बल्कि यूपीआई का पिन नंबर बस डालना होता है.

  4. अब बच्चे UPI पिन याद कर लेते हैं और उसे ही डाल देते हैं. इसलिए किसी ओटीपी की भी जरूरत नहीं पड़ती और अकाउंट से तुरंत पैसे कट जाते हैं.

टिप्स : पैरेंट्स इन बातों का रखें ध्यान

  • जिस फोन से बैंक अकाउंट लिंक हो उसे बच्चों को ना दें

  • ऑनलाइन शॉपिंग करते हुए बच्चों को पासवर्ड नहीं बताएं

  • बच्चों से डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल शेयर नहीं करें

  • नजर रखें कि बच्चे कौन सा गेम और वीडियो देख रहे हैं

  • बच्चें गूगल पर क्या सर्च करते हैं, उसकी हिस्ट्री चेक करें

  • ऑनलाइन गेम में बच्चे असली नाम से आईडी न बनाएं

  • हंसी-खेल में बच्चों की मानसिक हालत को जरूर जानें

  • बच्चा उदास रहे तो उसकी अच्छे से काउंसलिंग कराएं

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