दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भी नहीं छोड़ा साइबर ठगों ने, ऐसे बनाया शिकार, 40 हज़ार का लगाया था चूना
दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को ऐसे लगाया था साइबर ठगों ने चूना, खाते से निकाल लिए थे 40 हज़ार रुपये, साइबर ठगों के शिकारों में राकेश अस्थाना का भी नाम Delhi Police Commissioner Victim of Cyber Crime
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Latest Cyber Crime: साइबर ठगी का दायरा इतना बड़ा है कि उसके दायरे में क़रीब क़रीब हर कोई कभी न कभी तो आ ही जाता है। बेशक दिल्ली पुलिस को स्मार्ट पुलिस का तमगा मिला हुआ है बावजूद इसके इसी पुलिस के कमिश्नर खुद इन जालसाजों के चंगुल में फंस चुके हैं। दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना भी साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं। और वो 40 हजार रुपये की रकम गवां भी चुके हैं। ये न तो सुनी सुनाई बात है न ही दिल्ली के गलियारों में उड़ने वाली गप्प।
बल्कि यह खुलासा तो खुद दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने किया। उन्होंने लोगों को साइबर ठगी से आगाह करते हुए बताया कि जब वो BSF की कमान संभाल रहे थे तब साइबर ठगों ने उनकी ही जेब पर डाका डाल दिया था। और शातिर साइबर ठगों ने महज एक घंटे के भीतर उनके अकाउंट से 40 हजार रुपये उड़ा लिए थे। उन्होंने अपने साथ हुई साइबर (cyber) ठगी के इस वाकये को लोगों के साथ साझा किया।
Police Commissioner Cyber Fraud Victim: राकेश अस्थाना ने बताया कि जब वे बीएसएफ में रहते हुए एक कार्यक्रम के दौरान अहमदाबाद गए थे और जब वहां से लौट रहे थे तभी उनके मोबाइल पर अचानक आधार कार्ड वेरिफिकेशन का मैसेज आना शुरू हुआ। और जब वो इन मैसेज के जंजाल से जूझ ही रहे थे तभी सिर्फ एक घंटे के भीतर शातिरों ने 40 हजार रुपये का चूना लगा दिया था और खाते से रुपये निकाल लिए। हालांकि जब उन्होंने इस मामले की गहराई से छानबीन कराई तो ठगों का एक बड़ा नेटवर्क सामने आया।
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ये नेटवर्क ऐसे शातिर cyber जालसाजों से भरा पड़ा था जो बैठे बिठाए देश के अलग अलग हिस्सों में लोगों की जेब पर डाका डाला करते थे। हैरानी की बात तो यह है कि जो लोग पकड़े गए थे वो कतई पढ़े लिखे भी नहीं थे...लेकिन जिस सफाई से वो लोगों के खातों पर हाथ साफ करते हैं उसे देखकर पढ़ा लिखा साइबर एक्सपर्ट भी मात खा जाए। लिहाजा ऐसे लोगों से बचकर और सतर्क रहने की ज़रूरत है।
Cyber Fraud News: दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने साफ साफ कहा कि बैंक से जुड़ी जानकारी के साथ साथ आधार और पैन कार्ड से संबंधी ज़रूरी जानकारियां न तो किसी के साथ साझा करें और न ही इनको लेकर लापरवाह हों। हालांकि आजकल किसी भी लिखापढ़ी के काम में या लेन देन के व्यवहार में आधार कार्ड और पैन कार्ड की जरूरत तो पड़ ही जाती है। लेकिन उसे देने से पहले पूरी तहकीकात करना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि उनके अनुसार इस ठगी का शिकार कोई भी हो सकता है इसलिए जरूरत है तो बस सतर्क और सावधान रहने की।
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दरअसल दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना वेस्ट जिले में साइबर थाना के उद्घाटन कार्यक्रम में भाग ले रहे थे और थाने की अहमियत के साथ साथ साइबर चौकसी के बारे में भी सतर्क होने की ज़रूरत पर जोर दे रहे थे। उन्होंने कहा साइबर थाना की शुरुआत होने से इस ठगी के शिकार लोगों को मदद देने में पुलिस को भी सहूलियत होगी और साइबर ठगों के ख़िलाफ चलाई जा रही मुहिम को भी सफलता मिलेगी।
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