वॉट्सऐप पर पार्टटाइम जॉब के मैसेज मिल रहे हैं तो इसे जरूर पढ़ लें, ये साइबर ठगों का नया जाल है
cyber crime fmcg scientist: मुंबई में साइबर ठगों के नए जाल का शिकार बना है एक नौजवान साइंटिस्ट, जिसे पार्ट टाइम जॉब के एक मैसेज ने 9 लाख का चूना लगा दिया। किस्सा बेहद रोचक और जरूरी है।
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Mumbai Cyber Crime: एफएमसीजी फर्म के एक नौजवान साइंटिस्ट को साइबर क्राइम करने वालों ने ऐसी चपत लगाई है, जिसे वो ताउम्र नहीं भूल सकेंगे। लेकिन जिस तरीके से इस नौजवान साइंटिस्ट को चूना लगा उसे जानना और समझना बेहद जरूरी है क्योंकि इन दिनों ऑनलाइन का सारा चक्कर है और उसी चक्कर को कुछ शातिरों ने अपनी कमाई और तिजोरी को भरने का जरिया बना लिया है।
साइंटिस्ट को नौ लाख का चूना
एक बड़ी एफएमसीजी फर्म से जुड़े एक 36 साल के साइंटिस्ट को 9 लाख रुपये की साइबर धोखाधड़ी का शिकार बनाया गया। पीड़ित ने अपना बायोडाटा एक जॉब पोर्टल की वेबसाइट पर पोस्ट किया था और रजिस्ट्रेशन फी के नाम पर 9 लाख रुपये की ठगी कर ली गई वो भी बेहतरीन पैकेज की नौकरी का झांसा देकर। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मुलुंड के रहने वाले अर्चनकुमार मामिलपल्ली जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी में टॉक्सिलोजी साइन्टिस्ट के पद पर कार्यरत हैं। मामिलपल्ली ने पुलिस को दीये गए अपनी शिकायत में कहा है कि वह नई नौकरी की तलाश में थे, जिसके लिए उसने तीन साल पहले नौकरी डॉट कॉम पर अपना बायोडाटा पोस्ट किया था। दरअसल, अर्चनकुमार को वाट्सएप पर एक मैसेज आया था जिसमें लिखा था, "क्या आप ऑनलाइन पार्ट टाइम जॉब करने में रुचि रखते हैं?" जिस पर अर्चनकुमार ने हां में जवाब दिया।
वॉट्सऐप से टेलिग्राम एप पर रजिस्ट्रेशन
मैसेज भेजने वाले ने अपना नाम रमेश बताया और पार्ट टाइम जॉब जॉइन करने के लिए अर्चनकुमार को टेलीग्राम एप की आईडी भेजकर उस पर ज्वाइन करने को कहा।रमेश की भेजी गई आईडी को सर्च कर अर्चनकुमार ने टेलीग्राम एप पर ज्वाइन कर लिया। जैसे ही वह टेलीग्राम ऐप से जुड़े, अर्चनकुमार को एक मैसेज मिला, जिसमें लिखा था कि टास्क सफलतापूर्वक लागू हो गया है। इसके बाद रमेश ने अर्चनकुमार को लिंक भेजकर रजिस्ट्रेशन कराने को कहा। उस लिंक के माध्यम से शिकायतकर्ता ने अपनी सारी जानकारी भर दी और रमेश द्वारा दी गई यूपीआई आईडी से 200 रुपये शुल्क के रूप में भुगतान कर दिया।
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टास्ट के चक्कर में ठगी
200 रुपये देने के बाद अर्चनकुमार अपने बनाए आईडी पर पैसे देख पाया। रमेश ने अर्चनकुमार को उस पैसे से खरीदारी करने के लिए कहा जो उसने किया और 250 रुपये अर्चनकुमार के खाते में जमा कर दिए गए। इसके बाद, अर्चनाकुमार को 500 रुपये जमा करने के लिए कहा गया, जो उसने किया। 500 रुपये जमा करने के बाद अर्चनाकुमार को पैसे लेकर शॉपिंग पर जाने को कहा जो उसने किया। खरीदारी के बाद अर्चनाकुमार ने जो आईडी बनाईथी उस पर 750 रुपए जमा करा दिए। इसके बाद अर्चनकुमार को 750 रुपये जमा करने के लिए कहा गया जो उसने किया और खरीदारी करने के लिए कहा। उन पैसों को खरीदकर अर्चनकुमार की आईडी पर 1190 रुपए जमा करवा दिए। अर्चनकुमार इस पैसे को निकालना चाहता था लेकिन वह पैसे नहीं निकाल सका। जब वह पैसे नहीं निकाल सका, तो उसने रमेश से पूछा और उसे बताया गया कि जब तक वह काम पूरा नहीं कर लेता, तब तक वह पैसे नहीं निकाल सकता।
अब पुलिस कर रही है तहकीकात
इसके बाद करीब 10 दिन तक आरोपी अर्चनकुमार से टास्क लेने के लिए पैसे देने की बात करता रहा और अर्चनाकुमार ने 40 से ज्यादा बार में 8,94,329 रुपये दिए और उसकी आईडी में पैसे जमा होते रहे. जब अर्चनकुमार ने और भुगतान करने से इनकार कर दिया और अपने पैसे वापस मांगे तो कॉलर ने अर्चनकुमार का फोन उठाना बंद कर दिया। जब रमेश ने फोन और व्हाट्सएप पर अर्चनकुमार को जवाब देना बंद कर दिया, तो उसे एहसास हुआ कि उसके साथ ठगी हुई है। इस फर्जीवाड़े की लिखित शिकायत अर्चनकुमार ने मुलुंड पुलिस थाने में की, जिसके आधार पर मुलुंड पुलिस ने आईपीसी की धारा 419,420 व आईटी एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मुलुंड पुलिस ने बताया कि एक साइबर जालसाज ने 25 मई, 2022 से 2 फरवरी, 2023 तक कार्य पूरा करने के लिए पैसे का लालच देकर अर्चनकुमार को ठगा है।
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