Cyber Crime: मिमिक्री से आपकी तिजोरी पर निशाना, AI बना शातिरों का हथियार, इस्तेमाल करते हैं ये वाला सॉफ्टवेयर
cyber Fraud: पहले आवाज की मिमिक्री से दिल बहलाने का चलन था लेकिन अब तो आवाज बनाकर शातिर ठगों ने लोगों को लूटने का धंधा बना लिया है और उनके इस काम में मदद करता है कंप्यूटर का ये नया सॉफ्टवेयर।
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Cyber Fraud: किसी की आवाज की नकल करना अभी तक तो मनोरंजन का साधन माना जाता था। मिमिक्री से मौज मस्ती करने का सिलसिला बहुत पुराना है। अक्सर ये भी देखा जाता रहा है कि लोग किसी की आवाज की नकल करके एक दूसरे को मूर्ख भी बनाते रहे हैं। लेकिन इस डिजिटल युग में इसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जरिए अब लोगों ने आवाज की नकल करके साइबर ठगी का नया धंधा चालू कर दिया है। और ये धंधा अब पूरी दुनिया में जोरों से बढ़ता जा रहा है।
आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (AI) के खतरे
इन दिनों दुनिया भर में आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस की धूम है। लेकिन जिस तकनीक से कंप्यूटर का काम आसान होने वाला था वहीं अब इस नई तकनीक के खतरे भी नज़र आने लगे हैं। और इस खतरे का निशाना बनने लगे हैं अमेरिका के बुजुर्ग। हैरानी की बात ये है कि इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए आवाज को कॉपी करके उससे ठगी की वारदातों को अंजाम दिया जाने लगा है।
आवाज का क्लोन
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए अब आवाज का क्लोन तैयार करना मुमकिन हो गया। मगर AI तकनीक विकसित करने वालों ने शायद ये बात सपने में भी नहीं सोची होगी कि जिस तकनीक से दुनिया में एक नई क्रांति पैदा हो जाएगी, वही तकनीक साइबर ठगों के लिए एक बड़ा हथियार भी बन सकती है।
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बुजुर्गों की तिजोरी पर डाका
दुनिया में तकनीक की इस नई खोज ने कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों में एक अलग तरह का जोश और जुनून पैदा कर दिया है। कुछ अरसा पहले इसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खतरों का भी जिक्र किया जा रहा था और दुनिया भर में इससे नौकरियों पर खतरा होने की बहस ने जोर पकड़ लिया था। लेकिन अब तो इस नई तकनीक का इस्तेमाल चोर उचक्कों और साइबर लुटेरों ने भी करना शुरू कर दिया है और इसके रुझान भी दिखने शुरू हो गए हैं। सबसे हैरानी की बात ये है कि जिस मुल्क में इस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को तैयार किया अब उसी देश के बाशिंदे खासतौर पर वहां के बुजुर्ग इस AI के हथियार से लूटे जाने लगे हैं। खुलासा हुआ है कि अमेरिका में जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम के जरिए स्कैमर्स यानी साइबर ठग वहां के बुजुर्गों की तिजोरी पर डाका डालने लगे हैं। ऐसे में अब अमेरिका में बुजुर्गों की जमा पूंजी की हिफाजत करने की चिंता की जाने लगी है।
वॉयस क्लोन और चैटबॉट्स
ये बात सामने आई है कि वॉयस क्लोन और चैटबॉट्स के जरिए स्कैमर्स यानी साइबर ठग अपने शिकार को इस बात का भरोसा दिला देते हैं कि फोन पर बात करने वाला उनका कोई अपना ही है जो अपने फोन के खराब होने का हवाला देकर उनसे मदद के लिए एक रकम की मांग करता है। ठग इस बात का भी भरोसा दिला देते हैं कि जो उनसे उनका अपना मदद मांग रहा है वो किसी दूसरे के फोन से बात कर रहा है। और एक बार शिकार के झांसे में आते ही ठगों का काम आसान हो जाता है।
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अमेरिका में बुजुर्ग दंपत्ति को लगाया चूना
ऐसा ही एक सबसे ताजा मामला सामने आया है अमेरिका से। यहां एक बुजुर्ग दंपत्ति के पास एक फोन आता है, जिसमें फोन करने वाला दावा करता है कि वो उनका पोता बोल रहा है। फोन पर पोते की आवाज को पहचानते ही बुजुर्ग दंपत्ति से पैसों की मांग कर दी गई, इस दावे के साथ कि वो यानी उनका पोता किसी गहरी मुसीबत में फंस गया है और उस मुसीबत से निकलने के लिए उसे कुछ पैसों की जरूरत है।
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पोते की आवाज निकालकर 9400 डॉलर हड़पे
अपने पोतो को मुसीबत से निकालने की गरज से बुजुर्ग दंपत्ति ने उसी फोन पर बताए गए निर्देशों के आधार पर एक रकम फोन बैंकिंग के जरिए बताए गए फोन नंबर पर ट्रांसफर कर दी। ये रकम थी 9400 डॉलर। लेकिन बाद में उस दंपत्ति को पता चला कि उनका पोता तो सही सलामत घर पर है और उसने किसी भी तरह की कोई रकम अपने दादा दादी से नहीं मांगी। थोड़ी और खोजबीन की तो पता चला कि वो साइबर ठगों का शिकार हो गए और अपनी गाढ़ी कमाई के 9400 डॉलर गंवा बैठे।
बेटी के रोने की आवाज
ऐसा ही एक और वाकया अमेरिका के एरिजोना से ही सामने आया जिसमें एक साइबर अपराधी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वॉयस क्लोनिंग तकनीक की मदद से एक महिला से उसकी बेटी के रोने की आवाज निकाली और फिरौती की रकम ऐंठ ली।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के शिकार
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के खतरे धीरे-धीरे सामने आ रहे हैं और इसका शिकार खुद इसे बनाने वाले देश हो रहे हैं. अमेरिका में जनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम के जरिए स्कैमर्स पहले से बुजुर्ग अमेरिकियों को धोखा देकर उनसे पैसे छीन रहे हैं. दुनियाभर में AI तकनीक के जरिए ठगी करने के कई मामले में सामने आ चुके हैं. ऐसे में अब अमेरिका में इसके खतरों को लेकर बहस तेज हो गई है. कई अमेरिकी सांसद बाइडेन प्रशासन से इस उभरते खतरे को लेकर जरूरी कदम उठाने की अपील कर रहे हैं.
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