
समर्थ श्रीवास्तव के साथ चिराग गोठी की रिपोर्ट
GYANVAPI DISPUTE : वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद और काशी विश्वनाथ मंदिर के सर्वे पर आज कोर्ट फैसला सुनाएगी। इस फैसले से पहले ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर नए सिरे से बहस शुरू हो गई है। सर्वे कर रहे वीडियोग्राफर विभाष दुबे के दावों के बाद अब इतिहासकार और सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. राम प्रसाद सिंह ने भी ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कई दावे किए हैं, लेकिन सवाल ये उठता है कि उनके दावे कितने दमदार है ?
क्या बोले इतिहासकार ?
ज्ञानवापी मस्जिद : इतिहासकार डॉ. राम प्रसाद सिंह ने इस मुद्दे पर सालों रिसर्च की है। उन्होंने कहा, 'यह मस्जिद नहीं है, मंदिर है, मेरे पास तस्वीरे हैं जो यह सच्चाई बयां करती हैं। मंदिर का अवशेष बचा हुआ है तस्वीर में साफ दिख रहा है। ऊपर की तरफ से मस्जिद में 3 गुम्बद बने हैं, वह मंदिर तोड़कर ही बने हैं, उसी मलबे से गुम्बद बना है।'
GYANVAPI DISPUTE : इतिहासकार डॉ. राम प्रसाद सिंह का दावा है कि, 'पत्थर लगाकर दरवाजा बंद किया गया है अगर यह खोल दिया जाए तो यह गर्भ गृह की ओर जाता है, जो ठीक बीच वाले गुम्बद के नीचे है। नाम ज्ञानवापी है, मस्जिद कह ही नहीं सकते। मंदिर के मलबे से ही 3 गुम्बद बनाए गए, यह अयोध्या और मथुरा में भी हुआ था। इसके अलावा एक तहखाना है। तहखाने की लंबाई 7 फीट है, तहखाने के अंदर टूटे हुए शिवलिंग और देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं। वीडियोग्राफी होते ही यहां सारा सच खुल जाएगा।'
डॉ. राम प्रसाद सिंह के पास मौजूद है कई सबूत
GYANVAPI CASE : डॉ. राम प्रसाद सिंह ने कहा, 'मेरे पास मौजूद सारे फोटो 1991 से 1993 के बीच के हैं। श्रृंगार गौरी से आगे बढ़कर बाएं ओर बढ़ेंगे तो कुआं दिखेगा, यह 400 साल पहले नहीं था। आज उसे कूप बनाकर उसे ढक दिया गया है। नंदी की तस्वीर देखिए वह हमेशा शिव की ओर होते हैं, इसके भी वही हैं। नंदी का मुंह मूल ज्ञानवापी की तरफ है, यह एक सिग्नल था नंदी का कि इस मंदिर का जब भी उद्धार होगा इधर ही होगा।'