नूपुर शर्मा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को लगाई फटकार, क्यों नहीं किया गिरफ़्तार?

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Nupur Sharma Case: उदयपुर में कन्हैयालाल की निर्मम हत्या (Murder) को लेकर देश में जो गम और गुस्से का माहौल बन गया है उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की टिप्पणी ने अब एक सवाल को भी फिजा में फैला दिया है कि आखिर दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने अभी तक नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को गिरफ़्तार क्यों नहीं किया। नूपुर के खिलाफ दिल्ली में ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों में मुकदमा दर्ज किया गया है, लेकिन ऐसी कौन सी मजबूरी है कि किसी भी राज्य की पुलिस नुपुर तक पहुंच नहीं पाई है।

असल में इसी सवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा के साथ-साथ दिल्ली पुलिस को भी कड़ी फटकार लगाई। दो जजों की बेंच ने नूपुर शर्मा पर FIR दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई न होने पर नाराज़गी जताई। जज साहब ने देश के कई हिस्सों में नूपुर शर्मा के बयान पर पैदा हुए सांप्रदायिक तनाव और हिंसा की घटनाओं का ज़िक्र किया। देश की सबसे बड़ी अदालत ने कहा, जब हिंसा की इन घटनाओं में शामिल लोगों की गिरफ्तारी हो गई तो जिसने उकसाने वाले बयान दिया उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया?

Nupur Sharma Case: इस मुद्दे पर बात शुरू होने का सिलसिला कुछ यूं बना..
कोर्ट ने कहा - दिल्ली में नूपुर के खिलाफ 8 जून को FIR हुई थी
इस पर नूपुर के वकील ने कहा - पहली FIR 28 मई को दर्ज हुई थी
कोर्ट ने कहा - आप जब किसी के खिलाफ किसी के खिलाफ केस शिकायत दर्ज करते हैं तो उसकी गिरफ्तारी होती है। नूपुर शर्मा को कोई हाथ लगाने की हिम्मत नहीं कर रहा है। ये उनकी ताकत को दिखाता है।
नूपुर के वकील ने उनका बचाव करते हुए कहा - वो जांच में सहयोग कर रही हैं और कहीं भाग नहीं रही हैं।
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा - तो उनके लिए जरूर वहां रेड कार्पेट बिछाया गया होगा।
कोर्ट ने आगे कहा - हमने देखा है कि नूपुर ने किस लहजे में बयान दिया था। और फिर एक वकील होकर इस तरह का बयान देना शर्मनाक है।

इस तल्ख टिप्पणी के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को भी कठघरे में खड़ा कर दिया। भड़काऊ बयानबाजी के मामले में दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था।

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Nupur Sharma Case: नूपुर शर्मा पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ बयान देकर सामाजिक सद्भावना बिगाड़ने का आरोप है। इस मामले में दिल्ली पुलिस के रडार पर कुल 9 लोग आए थे।
जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था, उनमें नूपुर शर्मा, नवीन जिंदल, शादाब चौहान, सबा नक़वी, मौलाना मुफ्ती नदीम, अब्दुल रहमान, गुलजार अंसारी, अनिल कुमार मीणा और पूजा शकुन शामिल है। ये बात भी सामने आ चुकी है कि अभी तक नूपुर को नोटिस तक जारी नहीं किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने याद दिलाया कि नूपुर शर्मा एक वकील भी हैं, वहीं उनके एक पार्टी के प्रवक्ता होने की जिम्मेदारी भी समझाई। कोर्ट ने कहा कि जब प्रवक्ता टीवी पर बोलता है तो उसकी एक जिम्मेदारी होती है। आपको सतर्क रहना पड़ता है कि आप टीवी पर क्या कह रहे हैं और ये समझना चाहिए कि देश पर आपके बयान का क्या नतीजा हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को उनके अहंकार के लिए फटकार लगाई और कहा कि वो एक पार्टी की प्रवक्ता हैं इस वजह से सत्ता का नशा उनके सिर पर सवार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर को हाईकोर्ट जाने और वहीं गुहार लगाने को कह दिया है।

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