Ayesha Suicide : साबरमती नदी में कूदकर सुसाइड करने वाली आयशा के पति को मिली ये सजा

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Gujarat Suicide Case Update : पिछले साल साबरमती नदी में कूदकर आत्महत्या करने वाली आयशा मामले में उसके पति को 10 साल की सजा हुई है. गुजरात के अहमदाबाद सेशंस कोर्ट ने ये सजा सुनाई है. इससे पहले, आयशा (Ayesha Aarif Khan) ने 25 फरवरी 2021 को साबरमती नदी में कूदने से पहले एक वीडियो बनाया था.

Suicide News in Hindi: उस वीडियो में आयशा ने सुसाइड करने की वजह भी बताई थी. जो काफी वायरल हुआ था. ये वीडियो आयशा ने अपने पति को भेजा था. वही पति आरिफ जिससे वो बेइंतहा मोहबब्त करती थी. लेकिन उस प्यार का ऐसा दर्दनाक अंत होगा, ऐसा किसी ने सोचा नहीं था. इस वीडियो के बाद ही गुजरात पुलिस ने आयशा के पति आरिफ को राजस्थान के पाली से गिरफ्तार किया था. अब उसी मामले में कोर्ट ने सजा सुनाई है.

बता दें कि 23 साल की आयशा की शादी 2018 में आरिफ से हुई थी. आरिफ राजस्थान के जालौर का रहने वाला है. जब आयशा ने आत्महत्या कर ली थी तब इनके वकील ने दावा किया था कि आरिफ का राजस्थान की ही एक लड़की से अफेयर चल रहा था.

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उस लड़की से आरिफ अपनी पत्नी आयशा के सामने ही वीडियो कॉल पर बात करता था. वो उस लड़की पर खूब पैसे भी खर्च करता था. इन खर्चों के बढ़ने पर वो पत्नी आयशा के पिता पर पैसे लाने के लिए दबाव बनाता था.

प्रेग्नेंसी के दौरान भी आरिफ वैसा ही बर्ताव करता था. इस वजह से आयशा टूट गई थी और डिप्रेशन में आ गई थी. जिससे गर्भ में ही आयशा के बच्चे की मौत हो गई थी. जिससे आयशा और परेशान हो गई थी.

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इसके बाद अहमदाबाद की साबरमती नदी में छलांग लगाने से पहले आयशा ने कहा था, "मैं दुआ करती हूं कि यह प्यारी नदी मुझे अपने प्रवाह के साथ गले लगा ले. आयशा का ये वीडियो काफी वायरल हुआ था.

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आयशा ने वीडियो में कहा था...

Crime Story in Hindi: ‘हैलो, अस्सलाम अलेकुम, मेरा नाम है आयशा... आरिफ खान... और मैं जो कुछ भी करने जा रही हूं, अपनी मर्जी से करने जा रही हूं। इसमें किसी का जोर या दबाव नहीं है। अब बस... क्या कहें... ये समझ लीजिए कि खुदा की दी जिंदगी इतनी ही होती है और मुझे इतनी ही जिंदगी बहुत सुकून वाली मिली। और डैड, कब तक लड़ेंगे अपनों से? केस विड्रॉल कर दो।

नहीं करना... आयशा लड़ाइयों के लिए नहीं बनी है। और प्यार करते हैं आरिफ से, उसे परेशान थोड़ी न करेंगे। अगर उसे आजादी चाहिए तो ठीक है वो आजाद रहे। चलो अपनी जिंदगी तो यहीं तक है। मैं खुश हूं कि मैं अब अल्लाह से मिलूंगी और उन्हें कहूंगी कि मेरे से गलती कहां रह गई?

मां-बाप बहुत अच्छे मिले, दोस्त भी बहुत अच्छे मिले। लेकिन कहीं कोई कमी रह गई, मुझ में या शायद तकदीर में। मैं खुश हूं, सुकून से जाना चाहती हूं। अल्लाह से दुआ करती हूं कि अब दोबारा इंसानों की शक्ल न दिखाए।

एक चीज जरूर सीख रही हूं कि मोहब्बत करनी है तो दो तरफा करो, क्योंकि एकतरफा में कुछ हासिल नहीं है। चलो कुछ मोहब्बत तो निकाह के बाद भी अधूरी रहती है। ऐ प्यारी सी नदी, प्रे करते हैं कि मुझे अपने में समा ले। और मेरे पीठ पीछे जो भी हो, प्लीज ज्यादा बखेड़ा मत करना।

मैं हवाओं की तरह हूं, बस बहना चाहती हूं और बहते रहना चाहती हूं। किसी के लिए नहीं रुकना। मैं खुश हूं आज के दिन... मुझे जो सवाल के जवाब चाहिए थे, वे मिल गए। और मुझको जिसको जो बताना था सच्चाई वो बता चुकी हूं। बस काफी है, थैंक्यू। मुझे दुआओं में याद करना। क्या पता जन्नत मिले या न मिले। चलो अलविदा।’
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