यासीन मलिक को अचानक लाया गया सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट, जस्टिस बोले आदेश ही नहीं किया तो फिर पेशी कैसे हुई?
yasin malik : यासीन मलिक को अचानक लाया गया सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट, जस्टिस बोले आदेश ही नहीं किया तो फिर पेशी कैसे हुई?
ADVERTISEMENT

Yasin Malik News : जम्मू कश्मीर अलगाववादी नेता यासीन मलिक से जुड़ी एक बड़ी सनसनीखेज खबर आई है. असल में अचानक यासीन मलिक को लेकर दिल्ली सुप्रीम कोर्ट लाया गया जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आपत्ति जताई है. कोर्ट ने कहा कि जब इस मामले मे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हो सकती है तो क्यों यासीन को अदालत में लाया गया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब हमने व्यक्तिगत पेशी का आदेश नहीं किया तो फिर कैसे व्यक्तिगत पेशी की गई. ये बड़ा सवाल है. लिहाजा, सूत्रों का कहना है कि ऐसे में कुछ साजिश भी हो सकती है.
इस केस की सुनवाई से अब जस्टिस दीपांकर दत्ता ने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया है. अब इस मामले में दूसरी बेंच करेगी सुनवाई. 4 हफ्ते बाद दूसरी बेंच करेगी सुनवाई. यासीन मलिक की जम्मू के टाडा कोर्ट में खुद पेश होने की अनुमति मिलने के खिलाफ अर्जी दाखिल की है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने कहा था कि जम्मू और कश्मीर के हालात ठीक नहीं है. इसलिए यासीन मलिक को खुद पेश होने की इजाजत नहीं दी जाए. दरअसल, जम्मू में सीबीआई की विशेष अदालत ने भारतीय वायुसेना के चार अधिकारियों की हत्या के मामले में जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता मोहम्मद यासीन मलिक के मामले की सुनवाई हो रही है.
बता दें कि 25 जनवरी 1990 को श्रीनगर के रावलपोरा में मलिक और उसके अन्य साथियों ने स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना और तीन अन्य भारतीय वायुसेना के अफसरों की कथित तौर पर हत्यया कर दी गई थी. वहीं, अलगाववादी नेता यासीन मलिक को सुप्रीम कोर्ट लाने पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को चिट्ठी लिखकर आपत्ति जताई है. तुषार मेहता ने चिट्ठी में लिखा है कि प्रतिबंध के बावजूद यासीन मलिक को सुप्रीम कोर्ट तक लाना उसकी सुरक्षा में भारी चूक की मिसाल है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
