भाई को 79 और भतीजी को 73 बार चाकुओं से गोद-गोद कर मार डाला, कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा
UP News: कत्ल के इस मामले में अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीश प्रथम पवन कुमार श्रीवास्तव ने हत्यारोपित चचेरे भाई बैजू चौधरी को फांसी की सजा सुनाई है।
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महाराजगंज से अमितेश त्रिपाठी की रिपोर्ट
UP Court News: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में वर्ष 2014 में जमीनी रंजिश को लेकर चाकुओ से गोद-गोद कर दिनदहाड़े हुए डबल मर्डर में कोर्ट ने फैसला सुनाया है। अदालत ने इस केस में फांसी की सजा सुनाई है। नौ वर्ष पूर्व पुरंदरपुर थाना क्षेत्र के मानिक तालाब गांव में चचेरे भाई और भतीजी की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई थी।
डबल मर्डर में कोर्ट ने सुनाया फैसला
कत्ल के इस मामले में अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीश प्रथम पवन कुमार श्रीवास्तव ने हत्यारोपित चचेरे भाई बैजू चौधरी को फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही न्यायालय ने अभियुक्त पर 2.25 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। सजा सुनाने के दौरान अभियुक्त कोर्ट रूम में रोने लगा न्यायिक प्रक्रिया के तहत न्यायाधीश ने सजा सुनाने के बाद अपनी कलम तोड़ दी।
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सजा सुनाने के बाद तोड़ दी कलम
जानकारी के अनुसार मानिक तालाब गांव के रहने वाले बैजू चौधरी के पिता की मृत्यु बचपन में ही हो गई थी। पारिवारिक संपत्तियों का बंटवारा भी उसके बचपन में ही हो गया था। बंटवारे के समय छोटे होने के कारण बैजू ने अपने चाचा पर अधिकांश संपत्तियों को हड़पने का आरोप लगाया था। बड़ा होने के बाद इसी बात को लेकर उसमें और उसके चाचा के बीच घर से रंजिश चलती थी।
चाकू और तलवार से हमला
दो अप्रैल 2014 को बैजू चौधरी ने इसी रंजिश काे लेकर अपने चचेरे भाई कबीर चौधरी पर चाकू और तलवार से हमला कर दिया अपने बचाव में कबीर घर से भागा लेकिन चाकू लगने से कुछ दूर जाकर गिर गया उसी दौरान स्कूल से लौट रही भतीजी ज्ञांती ने उसे देख लिया और वहां से स्वयं को बचाने के लिए भागने लगी लेकिन आरोपित ने ज्ञांती पर भी हमला कर दिया। हत्या में चचेरे भाई कबीर पर आरोपित ने 79 वार तो भतीजी ज्ञांती पर 73 वार किए थे।
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नौ साल बाद आया कोर्ट का फैसला
मामले में मृतकों के पिता राजेंद्र चौधरी की तहरीर पर पुलिस ने गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया था 24 जून 2014 को ही मामले में पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल कर दिया था। विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष ने कुल 10 गवाहों और अन्य दस्तावेजी साक्ष्यों को पेश करते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी देवेंद्र पांडेय ने आरोपित के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की जिसके क्रम में न्यायालय ने बैजू के इस कृत्य को जघन्य अपराध मानते हुए उसे फांंसी की सजा के साथ ही 2.25 लाख रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है फैशला सुनाए जाने के बाद यह चर्चा का विषय बन गया है।
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