पांच साल की बच्ची के साथ दरिंदगी करने वाले को कोर्ट ने सुनाई तीन बार फांसी की सजा, पांच साल बाद मिला इंसाफ
Man Gets Triple Death Sentence for Rape: नागपुर की अदालत ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए एक शख्स को तीन बार फांसी की सजा सुनाई। जिस शख्स को तीन फांसी की सजा सुनाई गई है उसे एक पांच साल की मासूम बच्ची का पहले अपहरण किया फिर उसके साथ बलात्कार किया और फिर पत्थर मारकर हत्या कर दी थी।
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श्रेया भूषण की रिपोर्ट
Nagpur, Maharashtra: महाराष्ट्र के नागपुर कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। नागपुर कोर्ट ने पांच साल की बच्ची के साथ दरिंदगी दिखाने वाले दरिंदे संजय पुरी को तीन बार मौत की सजा सुनाई है। ये सजा तीन अलग अलग मामलों में सुनाई गई है। एक शख्स ने पांच साल की बच्ची का अपहरण करने के बाद पहले तो उसके साथ दरिंदगी की हदों को पार करते हुए उसका रेप किया और फिर उसकी हत्या कर दी।
पांच साल पहले हुई थी वारदात
ये मामला साल 2019 का है। नागपुर से 20 किलोमीटर दूर कलमेश्वर में पांच साल की बच्ची के अपहरण, बलातकार और निर्मम हत्या का मामला सामने आया था। आरोपी ने मासूम बच्ची के मुंह में डंडे से टी-शर्ट ठूंस कर उसका मुंह बंद कर दिया था और फिर उसके साथ वहशीपन दिखाते हुए उसके साथ बलात्कार किया, इस बार फिर जब उसका मन नहीं भरा तो उसने उस मासूम के सर को पत्थर से कुचल कर उसकी जान ले ली।
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लावारिस पड़ी मिली बच्ची की लाश
घटना 6 दिसंबर, 2019 की है। जब पीड़िता की मां काम से घर लौटी तो उसने अपनी बेटी को गायब पाया। यह मानते हुए कि बच्ची अपनी दादी के घर गई होगी, परिवार ने शोर नहीं मचाया। जब अगली सुबह बच्ची वापस नहीं लौटी, तो परिवार ने खोजबीन शुरू की, लेकिन वह नहीं मिली। 7 दिसंबर, 2019 को सुबह करीब 11 बजे परिवार ने कलमेश्वर पुलिस स्टेशन में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तुरंत अपहरण का मामला दर्ज किया। 8 दिसंबर, 2019 को लड़की का शव एक गांव के खेत में मिला। पुलिस ने शव की पहचान करवा कर लड़की के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और मेडिकल जांच से पता चला कि उसका यौन उत्पीड़न किया गया था और उसके शरीर के पास मिले एक पत्थर से ही उसके सर को बेरहमी से कुचला गया था।
5 साल बाद मिला इंसाफ
7 दिसंबर, 2019 को हुए इस अपराध ने सदमे की लहरें पैदा कर दी थीं और फास्ट-ट्रैक न्याय की मांग शुरू हो गई थी। पुलिस ने तुरंत आरोपी की खोज शुरु कर दि जिसमें आरोपी की पहचान संजय पुरी के रूप में हुई, जो अपहरण के समय आसपास के इलाके में था। उस पर मासूम के अकेलेपन का फायदा उठाने, उसे खेतों में फुसलाकर ले जाने और बलात्कार के बाद उसकी हत्या करने का आरोप लगाया गया था।
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कैसे मिली तिहरी मौत की सज़ा
सबसे पहले 2019 में जज एसआर पडवाल ने दोषी संजय पुरी को रु15000 का जुर्माना और 7 साल की सज़ा सुनाई। जब यह घटना चर्चा में आई तो लोगों में जबरदस्त गुस्सा फैला। तब ग्रामीणों ने इसका जमकर विरोध किया। इसके बाद पीड़िता के वकील ने संजय पुरी के खिलाफ 26 गवाह पेश किए और अधिकतम सजा की मांग करते हुए तर्क दिया कि आरोपी ने पांच साल की बच्ची के साथ बेहद घिनौना अपराध किया और उसकी निर्मम हत्या कर दी, इसलिए वह मौत की सजा का हकदार है। अदालत ने पहले आरोपी को दोषी पाया था और दोषी ठहराए जाने के बाद दो अलग-अलग आरोपों में आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई थी।
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