मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर को SC से बड़ी राहत, नहीं होगी गिरफ्तारी; वकील ने कहा, परमबीर को मुंबई में जान का खतरा

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Mumbai Parambir Singh Case : परमबीर सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बहुत बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परमबीर सिंह को गिरफ्तार नही किया जाएगा। कोर्ट में अपने आदेश में कहा कि परमबीर ने वकील ने कहा कि वो देश में ही है। कोर्ट ने बात को रिकॉर्ड पर लिया जिसमेँ परमबीर ने कहा कि वो देश में ही है। कोर्ट ने परमबीर की याचिका पर नोटिस जारी किया।

6 दिसंबर को अगली सुनवाई

इस केस में अब 6 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। परमबीर के वकील ने कहा कि मैं सीबीआई कोर्ट के समक्ष पेश होना चाहता हूँ। लेकिन मुझे संरक्षण दे। 6 केस मेरे खिलाफ दर्ज है। इस लिए मुझे संरक्षण दिया जाए।

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परमबीर- देशमुख की लड़ाई में सुप्रीम कोर्ट की बड़ी चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और परम बीर सिंह के बीच चल रही लड़ाई पर चिंता जताते हुए कहा कि हमें तस्वीर बहुत परेशान करने वाली लगती है। हम हैरान और विचलित हैं कि ऐसे हाल में आम आदमी का क्या होगा?

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सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई तो परमबीर के वकील- मेरे पास नए डीजीपी का टेप है जिसमें मुझसे पूर्व गृह मंत्री के खिलाफ शिकायत वापस लेने को कहा गया है।

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वह मुझे धमकी भी दे रहे हैं कि अगर शिकायतें और मुकदमे मैं वापस नहीं लेता हूं तो मुझ पर कई केस किए जाएंगे।

उन्हें मुम्बई में जान का खतरा है। इसलिए वो मुंबई से दूर हैं। वहां नही जा रहे हैं।

इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये हैरान करने वाली बात है कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर को मुम्बई में ही आने और रहने में डर लगता है!

जस्टिस कौल ने कहा कि हैरानी की बात है कि पूर्व पुलिस कमिश्नर ऐसा कह रहे हैं की उन्हें जान का खतरा है!

सिंह के वकील ने कहा कि चूंकि उन्होंने पूर्व गृह मंत्री देशमुख पर धन उगाही का रैकेट चलाने का आरोप लगाया है इसलिए उन्हें फंसाया जा रहा है।

सिंह के वकील ने कोर्ट को बताया कि परमबीर सिंह कहीं फरार नहीं होना चाहते। जैसे ही वह महाराष्ट्र टच करेंगे उनको पुलिस से खतरा होगा। उनको सिर्फ गिरफ्तारी नहीं बल्कि जान का खतरा है।

इस पर चुटकी लेते हुए जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि

अगर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त कहते हैं कि उन्हें मुंबई पुलिस से खतरा है तो यह किस तरह का संदेश भेजता है?

परमबीर के वकील ने कहा कि सटोरिये और अन्य लोग अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं जिन्होंने उनके खिलाफ FIR दर्ज की है।

आप पूर्व गृह मंत्री के संपर्क में थे?

जस्टिस एसके कौल ने कहा कि आप पूर्व गृह मंत्री के संपर्क में थे? परमबीर के वकील ने कहा कि मुझे अपने जूनियरों से पता चला कि गृह मंत्री जबरन वसूली की मांग कर रहे हैं तो मैंने महाराष्ट्र के सीएम को लिखा और कार्रवाई की मांग की। मैंने सुप्रीम कोर्ट से भी संपर्क किया और सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि मुझे मेरे पद से हटा दिया गया है।

मुझे हाईकोर्ट जाने को कहा गया और कहा गया कि मेरा मामला सीबीआई के पास जाना चाहिए।हाईकोर्ट ने मेरी याचिका भी मंजूर कर ली थी। मार्च में DGP ने मुझसे अपनी चिट्ठी वापस लेने को कहा। उन्होंने मुझसे गृह मंत्री के साथ शांति स्थापित कर समझौता करने को कहा। मैंने वो चिट्ठी भी सीबीआई को भेजी और सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया।

इसी बीच मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर संरक्षण की मांग की। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को फिलहाल संरक्षण नहीं मिलेगा, जब तक ये बताया नहीं जाएगा कि वो कहां हैं? क्या आप देश में हैं? देश से बाहर हैं या देश के अंदर?

-जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा - आप किसी जांच में शामिल नहीं हुए हैं. आप सुरक्षा आदेश मांग रहे हैं. हमारा शक गलत हो सकता है लेकिन अगर आप कहीं विदेश में हैं और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं तो हम इसे कैसे दे सकते हैं?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 22 नवंबर को बताएं कि परमबीर कहां हैं?

इस पूरे मामले पर परमबीर की ओर से कहा गया कि अगर मुझे सांस लेने की इजाजत मिले तो मैं गड्ढे से बाहर आ जाऊंगा।

इससे पहले मुंबई की कोर्ट ने परमबीर सिंह को भगोड़ा क्रिमिनल घोषित करने की अनुमति दे दी थी। जिसके बाद अब मुंबई पुलिस उन्हें वांछित आरोपी घोषित कर सकती है और मीडिया सहित सभी संभावित स्थानों पर भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है।

जानकारी के मुताबिक- यदि वो 30 दिनों में कानून के सामने नहीं आते हैं, तो मुंबई पुलिस उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू कर सकेगी।

परमबीर सिंह के वकील ने SC में क्यों कहा, 'अगर मुझे सांस लेने की इजाजत मिले तो गड्ढे से बाहर आ जाउंगा'

ऐसे समझिए क्या है पूरा मामला

बता दें कि गत 22 जुलाई को मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन ने परमबीर सिंह, पांच अन्य पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में केस दर्ज किया था। आरोप है कि आरोपियों ने एक-दूसरे की मिलीभगत से शिकायतकर्ता के होटल और बार के खिलाफ कार्रवाई का डर दिखाकर 11.92 लाख रुपये की उगाही की थी। इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है. उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी उनका कोई अतापता नहीं है।

परमबीर सिंह ने मुंबई के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार और जबरन वसूली का आरोप लगाया था। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में उन्होंने देशमुख पर हस्तक्षेप करने और हर महीने 100 करोड़ रुपये तक की जबरन वसूली करने के लिए पुलिस का उपयोग करने का आरोप लगाया था। उन्होंने मुकेश अंबानी बम मामले में जांच धीमी होने पर पद से हटाए जाने के कुछ दिनों बाद यह पत्र लिखा था।

परमबीर के वकील ने कहा कि अगर मुझे कोर्ट सीबीआई के समक्ष पेश होने को कहे तो 48 घंटे के भीतर पेश ही जाऊंगा। अगर सीबीआई कोर्ट के समक्ष पेश होने को कहे तो पेश हो जाऊंगा।

कोर्ट ने पूछा सीबीआई का क्या स्टैंड है।? सीबीआई क्या इस मामले मे पक्ष है? परमबीर के वकील ने कहा हां उन्हें पक्ष बनाया है। वकील ने कहा कि सीबीआई को कोर्ट में अपनी बात रखने दे कि उन्होंने क्या किया है इस मामले में।

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