मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत बढ़ाई गई, अब हाईकोर्ट में 24 मई को सुनवाई
Manish Sisodia News: राउज ऐवन्यू कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत अवधि को बढ़ा दिया है।
ADVERTISEMENT
Manish Sisodia News: दिल्ली शराब घोटाले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राउज एवेन्यू कोर्ट रूम में पेश किया गया। इसके बाद अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत अवधि को 30 मई तक बढ़ा दिया। इससे पहले मंगलवार को उनकी जमानत पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस पर फैसला सुरक्षित रख लिया गया है।
अब हाईकोर्ट में 24 मई को सुनवाई
निचली अदालत में सुनवाई के दौरान बताया गया कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ चार्ज फ्रेम करने पर सुनवाई शुरू करने पर रोक लगी हुई है। दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी। चार्ज फ्रेम सुनवाई को चुनौती दी गई है। इस पर हाईकोर्ट में 24 मई को सुनवाई है। इस बीच निचली अदालत ने फिलहाल आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
दिल्ली में 25 मई को मतदान है। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। ED ने पिछले साल 9 मार्च को शराब नीति मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया था। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (जीएनसीटीडी) की शराब नीति निर्माण में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया था। इस केस में सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले मनीष सिसोदिया की बेल को निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। इससे पहले भी निचली अदालत, HC और SC ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। अदालत ने कहा था कि सिसोदिया घोटाले के किंगपिन हैं, इसलिए इनको जमानत नहीं दी जानी चाहिए। सीबीआई ने कहा था कि अगर सिसोदिया को जमानत दी गई तो वह सबूतों ओर गवाहों पर अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर दबाव से असर डाल सकते हैं।
ADVERTISEMENT
मनीष सिसोदिया को दिल्ली शराब नीति 2021-22 के बनाने और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के लिए 26 फरवरी, 2023 को सीबीआई ने अरेस्ट किया था। 22 मार्च 2021 को मनीष सिसोदिया ने नई शराब नीति का ऐलान किया था। 17 नवंबर 2021 को नई शराब नीति यानी एक्साइज पॉलिसी 2021-22 लागू कर दी गई। नई शराब नीति आने के बाद शराब की दुकानें प्राइवेट वेंडरों के पास चली गई थी।
South Lobby को फायदा हुआ
आरोप है कि South Lobby को इससे बहुत फायदा हुआ था। इस केस में ईडी ने के कविता को अरेस्ट किया था। इसके अलावा साउथ के कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया था। कुछ नेता इसमें सरकारी गवाह बन गए। सीबीआई और ईडी ने कई राजनेताओं, अफसरों समेत कई Middlemen को गिरफ्तार किया था। नई नीति लाने के पीछे सरकार का तर्क था कि इससे माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी। 28 जुलाई 2022 को सरकार ने अपनी शराब नीति को रद्द कर फिर से पुरानी पॉलिसी को लागू कर दी थी। इसके बाद सीबीआई और फिर ईडी ने अलग-अलग मुकदमा दर्ज किया था।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT