एंटीलिया जासूसी मामले में IPS प्रदीप शर्मा की जमानत पर सुनवाई पूरी, सुप्रीम कोर्ट में फैसला रिजर्व

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एंटीलिया जासूसी मामले में IPS प्रदीप शर्मा की जमानत पर सुनवाई पूरी, सुप्रीम कोर्ट में फैसला रिजर्व
Antilia case
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दिल्ली से संजय शर्मा की रिपोर्ट

Antilia case : उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व अधिकारी प्रदीप शर्मा की ज़मानत अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर ली है. सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएस प्रदीप शर्मा की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. जस्टिस ए. एस. बोपन्ना और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ के सामने NIA ने प्रदीप शर्मा की ज़मानत याचिका का विरोध किया. आरोपी प्रदीप शर्मा के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि वह सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी हैं. उनकी बीमार पत्नी को सर्जरी की जरूरत है. एक बार फर्जी मुठभेड़ के लिए भी मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. लेकिन उसमें मुझे बरी कर दिया गया था. मुकुल रोहतगी ने कहा कि धीमी रफ्तार से तो लगता है कि इस मामले में ट्रायल कभी खत्म नहीं होगा. इसलिए जमानत दी जानी चाहिए.

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एंटीलिया केस में चार्जशीट में क्या है दावा

असल में बॉम्बे हाईकोर्ट में मनसुख हिरेन (Mansukh Hiren) की हत्या के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपना एक हलफ़नामा दाख़िल किया था जिसके मुताबिक हत्या का असली मास्टरमाइंड मुंबई पुलिस के पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा है। NIA के एफिडेविड के मुताबिक़ प्रदीप शर्मा के कहने पर ही इस काम पर अंजाम तक पहुँचाया था सचिन वाजे ने। यानी प्रदीप शर्मा ही पूरे घटनाक्रम का मास्टरमाइंड है। और उसी के कहने पर सचिन वाजे ने हिरेन को मारकर समंदर में फेंकने की साज़िश रची।

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Latest Investigation Report: जस्टिस ए एस चंडूरकर और जी ए सनप की डबल बेंच के सामने NIA ने अपना हलफ़नामा पेश किया। इस हलफ़नामे में NIA ने अपनी जांच का हवाला देते हुए कहा कि एंटीलिया बंगले के पास मिली विस्फोटक से भरी गाड़ी का पूरा सच हिरेन मनसुख जान गया था।

और यही उसका सबसे बड़ा गुनाह भी बन गया था क्योंकि प्रदीप शर्मा किसी भी सूरत में अपने राज़ को कहीं भी ज़ाहिर होने का रिस्क नहीं ले सकता था। लिहाजा प्रदीप शर्मा ने मनसुख को रास्ते से हटाने का प्लान तैयार किया था। NIA की रिपोर्ट के मुताबिक साज़िशकर्ताओं ने पुलिस कमिश्नर के साथ साथ पुलिस हेडक्वार्टर में भी कई मीटिंग की थी। और उन्हीं मीटिंग के बीच मनसुख हिरेन को मारकर रास्ते से हटाने की साज़िश भी रची गई। NIA का दावा है कि जांच एजेंसियों की गिरफ़्त में आ चुके पुलिस अफसर सचिन वाजे ने ही प्रदीप शर्मा को 45 लाख रुपये की रकम दी थी, जिसे कुछ लोगों में बांटा गया था। और जिन लोगों में ये रकम बांटी गई थी उनमें से कुछ लोग मनसुख की हत्या की वारदात में शामिल हुए थे।

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Antilia Case: असल में NIA ने पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा की ज़मानत याचिका का विरोध किया था। दलील यही थी कि प्रदीप शर्मा उस गुट का सदस्य है जिसने रिलायंस ग्रुप के मालिक मुकेश अंबानी के बंगले एंटीलिया के पास विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो को रखने की पूरी साज़िश रची थी। NIA का कहना है कि प्रदीप शर्मा ने ही इस पूरे मामले में आपराधिक साज़िश रचने के साथ साथ हत्या जैसी संगीन वारदात तक को अंजाम दिलाने में अहम रोल निभाया है।

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असल में पिछले साल यानी साल 2021 में अपने हाथ में जांच लेने के बाद जब NIA ने मुंबई पुलिस के पूर्व अफसर सचिन वाजे को गिरफ़्तार करने के साथ साथ उसका सारा अतीत खंगाला तो ये बात समझ में आई कि सचिन वाजे ने हमेशा ही एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को अपना गुरू माना। अपने करियर के शुरूआती दिनों में ही सचिन वाजे एनकाउंटर के लिए खूंखार बन चुके इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा की उस टीम का हिस्सा बने थे, जिसने मुंबई में घूम घूमकर एनकाउंटर किए थे। लिहाजा तब NIA ने इस एंगल से मामले को खंगालना शुरू किया।

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Mastermind of Antilia Case: NIA ने 17 जून 2021 को प्रदीप शर्मा को उनके अपार्टमेंट से गिरफ़्तार किया था। और प्रदीप शर्मा के मोबाइल और लेपटॉप से NIA को कई ऐसे सुराग़ और सबूत मिले जिससे ये साबित हो रहा था कि कुछ लोगों को बड़ी रकम ट्रांसफर की गई हैं। NIA ने कोर्ट में या बात साफ कर दी है कि अब तक की जांच के बाद उसने सचिन वाजे समेत पूर्व एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा के साथ साथ बर्खास्त पुलिस इंस्पेक्टर सुनील माने, दारोग रियाजुद्दीन काज़ी समेत क़रीब 10 लोगों को आरोपी बनाया है और उनके ख़िलाफ़ साक्ष्य और सबूत सबकुछ इतनी तादाद में इकट्ठा कर लिया गया है कि फिलहाल तो इन सभी का इस फंदे से निकलकर बच निकलना मुमकिन नहीं है।

Latest Investigation Report : NIA की चार्जशीट में 300 से गवाहों के बयान दर्ज है। इसके अलावा NIA ने अदालत के सामने कुछ डिजिटल सबूत भी रखे हैं। अपनी जांच में NIA ने 10 आरोपियों के ख़िलाफ़ स्कॉर्पियो कार को विस्फोटक से भरकर एंटीलिया के सामने रखने, कार की चोरी और कार के मालिक मनसुख हिरेन की हत्या के सबूत दिखाए हैं। NIA की चार्जशीट में नरेश गोर, आनंद जाधव, विनायक शिंदे, सतीश मोथकुरी उर्फ तन्नी उर्फ विक्की बाबा, वसंतभाई सोनी और संतोष शेलार को आरोपी बनाया गया है। NIA की चार्जशीट के मुताबिक प्रदीप शर्मा ठाणे के एंटी एक्सटॉर्शन सेल में काम करता था। जिसका काम ही होता है रंगदारी और वसूली करने वाले गैंगस्टर के ख़िलाफ़ कानून का कवच तैयार करना। मगर यहां इस साज़िश के पीछे मंशा कुछ और ही है।

Update NIA Investigation: इसी बीच जांच एजेंसी की अपनी चार्जशीट में एक आतंकी संगठन जैश उल हिंद का नाम भी सामने आया। दावा किया गया है कि एंटीलिया के बाहर स्कॉर्पियो गाड़ी में जिलेटिन छड़ रखने का दावा इसी संगठन ने किया था, ये और बात है कि बाद में ये संगठन पीछे हट गया था। ध्यान रहे कि 25 फरवरी 2021 को एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से लदी एक स्कॉर्पियो कार बरामद हुई थी। जांच में खुलासा हुआ था कि विस्फोटक से लदी वो कार मनसुख हिरेन की थी। लेकिन उसके बाद जब पत्ते खुलने शुरू हुए तो साज़िश के एक सिरे पर पुलिस अफसर सचिन वाजे नज़र आए। जिन्हें जांच एजेंसी ने गिरफ़्तार किया था। और तब ये खुलासा हुआ था कि सचिन वाजे ने मनसुख हिरेन को जबरन इस काम के लिए तैयार किया था। लेकिन काम हो जाने के बाद मनसुख हिरेन भी लापता हो गया था। मगर 5 मार्च 2021 को उसकी लाश छोटी नदी यानी खाड़ी से बरामद हुई थी।

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