गैंगस्टर एक्ट मामले में निलंबित सांसद अफजाल अंसारी की याचिका पर फैसला सुरक्षित, वकील बोले घटना में शामिल नहीं थे अफजाल

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गैंगस्टर एक्ट मामले में निलंबित सांसद अफजाल अंसारी की याचिका पर फैसला सुरक्षित, वकील बोले घटना में ...
अदालत का फैसला
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दिल्ली से संजय शर्मा की रिपोर्ट

Delhi Court News: गैंगस्टर एक्ट मामले में निलंबित सांसद अफजाल अंसारी द्वारा अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है। यूपी सरकार ने अफ़ज़ाल अंसारी की याचिका का विरोध किया है। अफ़ज़ाल अंसारी के वकील ने कहा कि आज मौजूदा समय मे सभी मौजूदा MP-MLA के साथ ऐसी ही स्थिति है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ के समक्ष अफजाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 1993 की FIR में भी ऐसा कुछ नहीं था जो यह दिखाता हो कि अफ़ज़ाल अंसारी घटना में शामिल थे। रिकॉर्ड पर ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे साबित हो कि अफ़ज़ाल अंसारी ने गवाहों को धमकाने और सबूतों को प्रभावित करने की कोशिश की।

सांसद अफजाल अंसारी की याचिका पर फैसला सुरक्षित

सिंघवी ने आरोप लगाया कि ट्रायल कोर्ट ने मामले के निपटारे में अनावश्यक देरी की। सिंघवी ने दलील दी कि अफ़ज़ाल अंसारी तब सांसद थे। लेकिन फैसले के बाद उनको संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया। अफ़ज़ाल 3 बार विधायक और दो बार सांसद रहे हैं। उन्होंने अपने क्षेत्र में विकास और समाज सेवा के कई कार्य किए हैं। सिंघवी ने वायनाड सांसद  राहुल गांधी के निलंबन के बाद उनकी बहाली के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला भी दिया। अभिषेक मनु सिंधवी ने कहा कि चुनाव आयोग 6 महीने में कभी भी चुनाव की घोषणा कर सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अफजाल की याचिका का विरोध करते हुए कहा कि दोषसिद्धि पर ऐसे ही रोक नहीं लगाई जा सकती है। इसके लिए कोई खास वजह होनी चहिए। अफ़ज़ाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में दोषी करार दिया गया है। उसमें न्यूनतम दो साल और अधिकतम 10 साल कैद की सज़ा का प्रावधान है। 

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10 साल कैद की सज़ा का प्रावधान

यूपी सरकार ने कहा कि गंभीर आपराधिक मामले में अफ़ज़ाल अंसारी को दोषी करार दिया गया है। यूपी सरकार ने कहा कि राहुल गांधी के मामले में अधिकतम सज़ा दो साल ही थी। ऐसे में उस आदेश का हवाला नहीं दिया जा सकता है। यूपी सरकार ने कहा कि कानून के अनुसार विधायक, सांसद और आम आदमी सब कानून की निगाह में बराबर है। यूपी सरकार ने कहा कि अगर अफ़ज़ाल की दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाती है तो उससे समाज पर भी असर पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केस के हिसाब से दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाती है। कोर्ट ने यूपी सरकार से मामले में अपवाद के बताने को कहा। यूपी सरकार ने कहा कि अफ़ज़ाल अंसारी के वकील लोकसभा सीट खाली होने की दलील नहीं दे सकते हैं। गैंस्टर मामले में अफ़ज़ाल अंसारी की दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। अफ़ज़ाल अंसारी के खिलाफ अभी भी कई मामले में लंबित हैं।

गंभीर आपराधिक मामले में अफ़ज़ाल अंसारी दोषी 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अफ़ज़ाल अंसारी को अभी सिर्फ गैगस्टर मामले में दोषी करार दिया गया है। दूसरे किसी अन्य मामले में दोषी नहीं करार दिया गया है। अफ़ज़ाल अंसारी के खिलाफ तीन से चार मामले अभी भी लंबित है। गैगस्टर मामले में अफ़ज़ाल को सज़ा हुई है। यूपी सरकार ने कहा कि अगर अफ़ज़ाल की दोषसिद्धि पर रोक लगाई जाती है तो उससे कानून व्यवस्था की भी बात आ सकती है, समाज पर इसका समाज पर गलत असर पड़ेगा। अफ़ज़ाल अंसारी के वकील ने कहा कि अफ़ज़ाल अंसारी सात बार चुनाव जीते हैं। जबकि FIR में भी अफ़ज़ाल अंसारी का नाम नही था। उच्च अधिकरियों के दबाव डालने पर अफ़ज़ाल अंसारी का नाम FIR में जोड़ा गया। उसी दिन गैगस्टर ऐक्ट भी लगाया गया। अंसारी के वकील ने कहा कि अगर दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई गई तो 10 साल के लिए संसद से बाहर हो जाएंगे। गाजीपुर जिले की एमपी एमएलए विशेष अदालत से आरोप साबित होने यानी दोषसिद्धि के बाद अफजाल को चार साल की सजा हुई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट मामले में निचली अदालत द्वारा उसे दोषी ठहराने के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

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