कोर्ट ने मकोका मामले में गैंगस्टर नीरज बवाना व रामबीर शौकीन को बरी किया, पुलिस नहीं दे सकी सबूत
Delhi Court News: दिल्ली की एक अदालत ने गैंगस्टर नीरज बवाना, पंकज सहरावत और पूर्व विधायक रामबीर शौकीन को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे मामले को साबित करने में विफल रहा।
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Delhi Court News: दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में संगठित आपराधिक गिरोह संचालित करने के मामले में गैंगस्टर नीरज बवाना, पंकज सहरावत और पूर्व विधायक रामबीर शौकीन को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष संदेह से परे मामले को साबित करने में विफल रहा। विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत दर्ज मामले में बवाना के सहयोगियों नवीन डबास और राहुल डबास को भी बरी कर दिया।
गैंगस्टर नवीन डबास और राहुल डबास भी बरी
अदालत ने 23 अगस्त को सुनाए गए फैसले में बवाना की ओर से पेश वकील एम एस खान और कौसर खान की दलीलों को स्वीकार किया कि अभियोजन पक्ष के पास आरोपियों के खिलाफ मामला साबित करने के लिए सबूत नहीं हैं। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आरोपी पंकज सहरावत, नीरज बवाना, नवीन डबास, राहुल डबास और रामबीर शौकीन को अपराध से बरी किया जाता है।’’ हालांकि, न्यायाधीश ने दिल्ली विधानसभा के पूर्व सदस्य शौकीन को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 174-ए (लोक सेवक के आदेश पर उपस्थित न होना) के तहत दोषी ठहराया, जिसके लिए उसे अधिकतम एक महीने की कैद हो सकती है।
मकोका के तहत दर्ज आरोपों से बरी
अदालत 26 अगस्त को शौकीन को दी जाने वाली सजा पर दलीलें सुनेगी। दिल्ली पुलिस ने 2015 में मामले में एक आरोपपत्र दाखिल किया था, जिसमें उसने बवाना को ‘‘अराजकता का प्रतीक’’ और गिरोह का ‘‘सरगना’’ बताते हुए आरोप लगाया था कि शौकीन गिरोह का ‘‘राजनीतिक चेहरा’’ था क्योंकि उसने ‘‘अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को आगे बढ़ाने तथा आर्थिक लाभ हासिल करने’’ के लिए विधानसभा चुनाव लड़ने में इन अपराधियों के प्रभाव का इस्तेमाल किया था।
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(PTI)
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