मृतकों को सम्मानपूर्वक दफनाया जाना उनका मौलिक अधिकार है: बंबई हाईकोर्ट

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Court News : बंबई हाईकोर्ट ने मुंबई के पूर्वी उपनगरों में दफनाने की जगह की कमी को उजागर करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को कहा कि यह मृत व्यक्तियों का संविधान के तहत मौलिक अधिकार है कि उन्हें सम्मान के साथ दफनाया जाए। मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने मामले में ढुलमुल रवैये के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) और महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की।

पीठ गोवंडी के निवासी शमशेर अहमद, अबरार चौधरी और अब्दुल रहमान शाह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने पूर्वी उपनगरों में अतिरिक्त कब्रिस्तान बनाने की मांग की थी। पीठ ने कहा, “कानून के तहत, मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए उचित स्थान प्रदान करना नगर निगम आयुक्त का कर्तव्य है। आयुक्त के लिए दूसरी जगह को तलाश करना जरूरी है।” 

अदालत ने कहा, “आपकों मृतकों की भी उतनी ही देखभाल करने की जरूरत है जितनी जीवित लोगों की।” पीठ ने बीएमसी की आलोचना करते हुए कहा, “संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उन्हें सम्मान के साथ दफनाए जाने का अधिकार है। ... क्या आपको ऐसे मामलों में अदालत के आदेश की जरूरत है? ये तो आपको ही करना चाहिए था। आपको ऐसे मुद्दों के प्रति सचेत रहना चाहिए था।'' अदालत ने कहा कि इस मामले में बीएमसी और राज्य सरकार दोनों के इस तरह के उदासीन रवैये को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मामले पर अगली सुनवाई पांच सितंबर को होगी।

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