Jharkhand Crime: कैदी की हत्या में 15 आरोपियों को फांसी की सज़ा, सात को उम्रकैद
Jharkhand News: जमशेदपुर की अदालत ने विचाराधीन कैदी के कत्ल के 22 आरोपियों को कड़ी सजा सुनाने का यह पहला मामला है, आरोपियों ने पीट-पीटकर जेल के भीतर एक कैदी की जान ले ली थी
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Jamshedpur Court News: जमशेदपुर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार सिन्हा की अदालत ने घाघीडीह जेल (Jail) में बंद विचाराधीन कैदी (Prisoner) मनोज सिंह की हत्या के मामले में 22 लोगों को दोषी (Guilty) करार दिया है। इन 22 आरोपियों को गुरुवार को अदालत ने सजा (Punishment) सुनाई।
सजा का ऐलान करते हुए कोर्ट ने 15 दोषियों को फांसी की सजा और सात को अजीवन कारावास की सजा सुनायी है। जमशेदपुर की अदालत में यह पहला मामला है जब किसी कत्ल के आरोप में सभी आरोपियों को सजा दी गई है। 15 आरोपियों को फांसी और सात को उम्रकैद की एक साथ सजा का ऐसा फैसला पहली बार देखने को मिला है।
हत्या करने में सजायाफ्ता कैदी बासुदेव महतो, रामेश्वर अंगारिया, गंगा खंडैत, अरुप कुमार बोस, रमाय करुवा, जानी अंसारी, अजय मल्लाह, पंचानंद पात्रो, गोपाल तिरिया, पिंकू पूर्ति, श्यामू जोजो, संजय दिग्गी, रामराय सुरीन, शिवशंकर पासवान, शरत गोप को फांसी की सजा सुनायी गयी है।
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जबकि हत्या की नीयत से हमला करने के मामले में दोषी करार दिये गये ऋषि लोहार, सुमित सिंह, संजीत दास, तौकीर, सौरभ सिंह, सोनू लाल और शोएब अख्तर उर्फ शिवा को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी है। दरअसल घाघीडीह सेंट्रल जेल में 25 जून 2019 को मनीफिट निवासी व गैंगस्टर अखिलेश सिंह गिरोह के सदस्य मनोज सिंह की हत्या कर दी गयी थी।
इसी महीने 06 अगस्त को अदालत ने हत्या में 15 जबकि हत्या से पहले हमले में 7 लोगों को दोषी करार दिया था। जेल में 25 जून 2019 को टेलीफोन बूथ पर बात करने को लेकर अखिलेश सिंह गिरोह के हरीश सिंह और सजायाफ्ता कैदी पंकज दुबे के बीच विवाद हुआ था जिसमें मनोज सिंह की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी।
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