21 साल पहले हुई दरिंदगी से उबर नहीं पाईं लेकिन गैंगरेप करने वाले रिहा हो गए : बिल्किस बानो

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21 साल पहले हुई दरिंदगी से उबर नहीं पाईं लेकिन गैंगरेप करने वाले रिहा हो गए : बिल्किस बानो
Bilkis bano Case : Photo India today
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Bilkis bano Case : बिल्किस बानो ने अपने साथ 21 साल पहले हुई दरिंदगी के जुर्म में उम्रकैद पाए 11 दोषियों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट के सामने कहा कि इस  सदमे से वो अब तक उबर नहीं पाई हैं। इनकी तरफ से वकील शोभा गुप्ता ने बिल्किस की पैरवी करते हुए जस्टिस बीवी नागरत्ना और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ के सामने कहा कि पहले तो उसके साथ जो हुआ उसका सदमा फिर दरिंदों की रिहाई का सदमा। वकील शोभा गुप्ता ने सीआरपीसी की धारा 432 के हवाले से कहा कि सरकार ने रिहाई से पहले ट्रायल जज के विचार भी लिए। ट्रायल जज ने भी उनको न रिहा किए जाने की कई वजह बताई। सीबीआई ने भी यही विचार जताए। शोभा गुप्ता ने इसके समर्थन में सुप्रीम कोर्ट और अन्य कई कोर्ट्स के फैसलों का भी हवाला दिया। 

शोभा गुप्ता ने जेल सुपरिंटेंडेंट की कैदी के बर्ताव की रिपोर्ट का भी हवाला दिया।  इस पर कोर्ट का कहना था कि जेल अधीक्षक की भूमिका सीमित होती है। कोर्ट ने कहा कि रिहाई 1992 और फिर 2014 की नीति के आधार पर की गई। बिल्किस की ओर से कहा गया कि रेप और हत्या के दोषी को समय पूर्व रिहाई नहीं मिल सकती। गुजरात सरकार की 1992 की पॉलिसी के मुताबिक हत्या और रेप के दोषी को सजा पूरी होने से पहले रिहाई नहीं मिल सकती। जबकि 2014 में संशोधन के वक्त इसमें कोई स्पष्टता नहीं थी। उसी ग्रे एरिया का फायदा उठा कर रेप और हत्या के सभी 11 दोषियों को रिहा किया गया। कोर्ट मंगलवार को भी सुनवाई जारी रखेगा।
 


 

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