Court News: प्रेम प्रसंग में 29 हफ्ते की गर्भवती हुई लड़की, अबॉर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये बड़ा आदेश

ADVERTISEMENT

Court News: प्रेम प्रसंग में 29 हफ्ते की गर्भवती हुई लड़की, अबॉर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया य...
social share
google news

Crime Court News : विवाह के बगैर प्रेम प्रसंग (Love Affair) में गर्भवती (Pregnant Girl) हुई युवती के 29 हफ्ते के गर्भ गिराने को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी नहीं दी. बल्कि इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए सरकार और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स को विशेष जिम्मेदारी दी है। सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के अनुच्छेद 142 में पूर्ण न्याय के मकसद से मिले विशेष अधिकार का प्रयोग करते हुए एम्स को युवती के सुरक्षित प्रसव और स्वास्थ्य और कल्याण व देखरेख की जिम्मेदारी सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर सौंपी है। ये मामला उस लड़की का है जो अभी अपनी पढ़ाई की परीक्षा दे रही है.

मैं बच्चे को गोद लेने को तैयार हूं : एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी

29 weeks pregnant unmarried girl in love affair : चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की सलाह के बार यह भी आदेश दिया है कि शिशु जन्म के बाद उसे गोद देने के लिए सेन्ट्रल एडॉप्शन रिसोर्स ऑथोरिटी यानी CARA में रजिस्टर्ड हुए दंपति में से सबसे उचित तरीके से सही युगल का चुनाव कर ले।

ADVERTISEMENT

सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट से भावुक अपील की कि वो शिशु को अपनाने को तैयार हैं। वो उसे अपने आवास रख लेंगी। इसके बाद सीजेआई जस्टिस चंद्रचूड़ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी पक्षकारों को अपने चेंबर में बुलाया और बातचीत की।
इसके बाद पीठ ने अनुच्छेद 142 के तहत मिले विशेषाधिकार के प्रयोग का फैसला करते हुए आदेश जारी किया। इस बाबत पिछले हफ्ते हुई सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एएसजी ऐश्वर्या भाटी से कहा कि वो पीड़ित युवती से बातचीत कर उसे सलाह दें। एम्स के विशेषज्ञों की टीम भी उसे सलाह दे।

एम्स ने कहा था, अब अबॉर्शन से दोनों को खतरा

असल में एम्स के विशेषज्ञों ने कोर्ट को रिपोर्ट दी थी कि गर्भावस्था की इस काफी आगे बढ़ चुकी स्थिति में गर्भपात जच्चा और बच्चा दोनों की सेहत के लिए उचित नहीं होगा। अब बच्चा जीवित ही जन्म लेगा। गर्भ में एक जीव की हत्या करना उचित नहीं होगा। तब जस्टिस जेबी पारदीवाला ने पूछा था कि क्या पीड़ित युवती को रिपोर्ट के बारे में जानकारी है? इस पर याचिकाकर्ता और पीड़ित लड़की के परिजनों ने कहा लड़की अभी इम्तिहान दे रही है। हालांकि, 20 जनवरी को ही अभी उसकी परीक्षा पूरी हुई है।

ADVERTISEMENT

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT

    ऐप खोलें ➜