मर कर भी दो दोस्तों ने ऐसे बचाई 12 लोगों की जिंदगी, 13 ऑर्गन दान किए, दोनों को दिल से सलाम

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सूरत से गोपी घांघर की रिपोर्ट

गुजरात के सूरत में ब्रेनडेड हुए दो बचपन के दोस्तों ने मौत के बाद भी 12 लोगों को जिंदगी दे दी। ब्रेन डेड हुए दोनो दोस्तों के परिवार ने सूरत की डोनेट लाइफ़ संस्था के माध्यम से ऑर्गन डोनेट किए, जिससे अलग-अलग 12 जरूरतमंद लोगों को जीवनदान मिला है। पहली बार सूरत के एक अस्पताल से 13 ऑर्गन दान में मिलने का यह पहला मामला है।

सूरत के रहने वाले 18 वर्षीय मीत पण्ड्या और 18 वर्षीय क्रिश गांधी 24 अगस्त की रात को सूरत शहर की जीडी गोयंका स्कूल के पास सड़क दुर्घटना के शिकार हो गए थे। दोनों दोस्तों को शहर के पीपलोद इलाक़े में स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां इलाज कर रहे डॉक्टर ने दोनों को ब्रेन डेड घोषित किया था।

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मेरे बेटे की मौत से दूसरे की जिंदगी बच जाए तो हम तैयार : परिवार

इस मामले की जानकारी जब सूरत की डोनेट लाइफ़ संस्था के नीलेश मांडलेवाला को हुई तो वो अस्पताल पहुंचे और परिवार को ऑर्गन डोनेट करने के लिए समझाया था। ब्रेनडेड युवकों के परिवार के लोग ऑर्गन डोनेट करने के लिए तैयार हो गए थे।

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इसके बाद परिवार ने अपनी संतानों की किडनी, लीवर , हृदय, फेफड़े और नेत्रों का दान किया था। इससे एक साथ 12 लोगों को जीवन दान मिला। अंग दान करने से जुड़े पेपर पर साइन करते हुए आंखों में आंसू लिए परिवार ने कहा कि अगर मेरे बेटे की मौत से किसी की जिंदगी बचती है तो हम ऐसा करने के लिए तैयार हैं.

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ऐसे हुआ था एक्सिडेंट

12वीं के छात्र रहे दोनों मृतकों में से एक मृतक क्रिश गांधी का 24 अगस्त को जन्म दिन था और जन्म दिन सेलिब्रेट करने के बाद रात को बाइक पर सवार होकर जब वह घर लौट रहा था, तभी रास्ते में एक कार चालक ने उन्हें उड़ा दिया था। पुलिस ने इस मामले में कपड़ा कारोबारी के ड्राइवर रिज़वान शेख़ को गिरफ़्तार किया था।

अलग अलग ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए थे

मृतकों के ऑर्गन को अहमदाबाद और हैदराबाद तक पहुंचाने के लिए दो अलग-अलग ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए थे। जिससे समय पर अंगों का प्रत्यारोपण किया जा सके.

किस-किस शहर तक पहुंचे ऑर्गन

सूरत से हैदराबाद की 926 किलोमीटर की दूरी 180 मिनट तय कर क्रिश गांधी का फेफड़ा CPRF की पुणे यूनिट में तैनात 54 वर्षीय जवान के शरीर में ट्रांसप्लांट किया गया, जो पिछले डेढ़ साल से ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे।

इसी तरह सूरत से अहमदाबाद की 288 किलोमीटर की दूरी 90 मिनट में तय कर मृतक मीत पण्ड्या का हृदय बड़ौदा की रहने वाली 21 वर्षीय युवती के शरीर में ट्रांसप्लांट किया गया।

क्रिश गांधी के लीवर को राजकोट निवासी 55 वर्षीय व्यक्ति के शरीर में ट्रांसप्लांट किया गया। मीत पण्ड्या के लीवर का ट्रांसप्लांट बायड के रहने वाले 47 वर्षीय शिक्षक के शरीर में किया गया।

इसी तरह दान में मिली 4 किडनी ज़रूरतमंद लोगों के शरीर में अहमदाबाद के Institute of Kidney Diseases and Research Centre (IKDRC) अस्पताल में ट्रांसप्लांट की जाएगी।

डोनेट लाइफ़ संस्था

डोनेट लाइफ़ संस्था अब तक 800 लोगों को नया जीवन दे चुकी है। ये वाकई काबिले तारिफ है। इनका नेटवर्क काफी बड़ा है। अब गुजरात के कई अस्पताल इनसे सीधे संपर्क में रहते है।

पूरी खबर का वीडियो देखें

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