इस मामले की शुरुआत कुछ महीने पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो से हुई थी. ये वीडियो गैंगरेप की थी. वीडियो में देखा गया था कि 6-7 युवक एक लड़की से बलात्कार कर रहे हैं. इस घटना के दौरान वहां एक महिला भी थी. लेकिन वो महिला पीड़िता की मदद नहीं कर रही थी. इसके बजाय वो लड़कों को ही उकसा रही थी.
ये वीडियो बेंगलुरू की बताई गई थी. इसलिए जांच बेंगलुरु पुलिस ने शुरू की थी. पुलिस की जांच में पीड़ित महिला की लोकेशन केरल में मिली थी. इसके बाद पुलिस उसे 30 मई 2021 को बेंगलुरु ले आई थी. उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस ने वीडियो में दिख रही एक महिला सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. इनमें से दो आरोपी 2 जून को पुलिस को चकमा देकर भागने लगे थे. जिसके बाद पुलिस ने फायरिंग की थी. जिसमें दोनों घायल हो गए थे.
पूछताछ में पीड़िता ने किया चौंकाने वाला खुलासा
पुलिस की पूछताछ में पता चला था कि पीड़िता को नौकरी दिलाने के बहाने अवैध तरीके से भारत लाया गया था. यहां पर उससे जबरन देहव्यापार कराने का प्रयास किया गया. जिसका विरोध करने पर कई युवकों ने मिलकर सामूहिक बलात्कार किया था. घटना के दौरान वीडियो बनाई गई थी और फिर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था.
पुलिस ने 13 लोगों को किया था गिरफ्तार, 1019 पेज की चार्जशीट
मामले की गंभीरता को देखते हुए बेंगलुरु पुलिस ने तेजी से जांच की. पुलिस ने कुल 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में 1019 पेज की चार्जशीट भी दाखिल की गई. कोर्ट में ये चार्जशीट 6 जुलाई को दाखिल हुई. जिसमें बांग्लादेश से भारत में महिलाओं को अवैध तरीके से लाने और तस्करी करने की जानकारी है.
इसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए एऩआईए ने जांच शुरू की. दरअसल, सामूहिक दुष्कर्म की जांच में बांग्लादेश से मानव तस्करी का खुलासा हुआ तब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मामले को गंभीरता से लिया और आगे की जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंप दी. इस सिलसिले में एनआईए ने एफआईआर दर्ज की है. इसी के बाद एनआईए की टीम बेंगलुरू जाकर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है.