Shraddha Murder Case: दिल्ली पुलिस ने 3000 पन्नों में दर्ज किया आफताब के गुनाहों किस्सा, सबूतों के साथ 100 गवाहों के बयान भी
पुलिस ने श्रद्धा हत्याकांड की 3000 पन्नों की चार्जशीट तैयार कर ली है जिसमें ढाई महीने की तफ्तीश के साथ साथ 100 गवाहों के बयान दर्ज हैं।
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Shraddha Murder Case: दिल्ली (Delhi) में हुए श्रद्धा हत्याकांड के सिलसिले में अब दिल्ली पुलिस किसी ठिकाने पर पहुँचती दिखाई देने लगी है। दिल्ली पुलिस ने इस हत्याकांड (Murder Mystery) के आरोपी आफताब (Aaftab) पूनावाला के गुनाहों का सारा हिसाब किताब तीन हज़ार पेज में इबारत की शक्ल में दर्ज भी कर दिया है।
यानी सीधी जुबान में कहें तो पुलिस की 3000 पेज की चार्जशीट (Chargesheet) अब पूरी तरह से तैयार हो चुकी है जिसमें इस हत्याकांड की तफ्तीश, उससे जुड़े तमाम सबूत और सुराग के अलावा एक दो नहीं पूरे 100 से ज़्यादा लोगों की गवाही भी दर्ज है।
इसके अलावा इस चार्जशीट में आफताब के कबूलनामे, उसके नार्को टेस्ट, पॉलिग्राफ टेस्ट के रिपोर्ट के अलावा फॉरेंसिक सबूतों का सारा ब्योरा, और इलेक्ट्रॉनिक सबूत का सारा हिसाब किताब भी दर्ज किया गया है।
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दिल्ली पुलिस ने ये सब कुछ क़रीब ढाई महीने की तफ्तीश के दौरान इकट्ठा किया है। पुलिस ने इस हत्याकांड के सिलसिले में जहां जहां से भी सबूत इकट्ठा किए उनका सारा ब्योरा दस्तावेज की शक्ल में उस चार्जशीट में दर्ज कर दिया है। जिसे अब दिल्ली पुलिस के कानून के जानकार देख रहे हैं।
पुलिस इस चार्जशीट की अपने कानूनी जानकारी से इसलिए भी समीक्षा करवा रही है ताकि अदालत की चौखट पर जब ये चार्जशीट इस महीने के आखिर में रखी जाए तो अदालत को कोई कमी न दिखे और ये केस अपने असली अंजाम तक पहुँच सके।
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Shraddha Murder case Update: पुलिस ने इस चार्जशीट को तैयार करने के दौरान मेहरौली और छतरपुर के जंगलों से मिली हड्डियों को बतौर सबूत तो रखा ही है साथ ही उन हड्डियों की डीएनए रिपोर्ट का भी ज़िक्र किया है, जिसमें इस बात की पुष्टि की गई है कि जंगलों से मिली हड्डियां श्रद्धा की ही हैं।
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इसके अलावा पुलिस ने सिलसिलेवार तरीके से आफताब से की गई पूछताछ के दौरान उसके कबूलनामे का भी विस्तार से जिक्र किया है ताकि ये साबित किया जा सके कि इस हत्याकांड में आफताब की जिस भूमिका को लेकर शुरु से संदेह किया जा रहा था, उसका खुलासा खुद उसने अपने कबूलनामें में किया है।
हालांकि चार्जशीट में जिस नार्को टेस्ट और पॉलिग्राफ टेस्ट का हवाला दिया गया है उसका अदालत की कार्रवाई पर कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा मगर पुलिस ने जो फॉरेंसिक रिपोर्ट इस चार्जशीट में शामिल की है वो बेहद अहम है क्योंकि उन्हीं रिपोर्ट से इस बात का पता चलता है कि जंगलों में मिली हड्ड़िया दरअसल श्रद्धा की ही हैं।
जिसकी हत्या पिछले साल 18 मई को आफताब ने की थी और बाद में उसके कई टुकड़े करने के बाद उन्हें आस पास के जंगलों में फेंक दिया था।
Shraddha Murder CHargesheet : पुलिस ने अपनी चार्जशीट में उस फ्रिज का खासतौर पर जिक्र किया है जिसे आफताब ने श्रद्धा की लाश को छुपाने की गरज से ही खरीदा था और उसमें लाश के टुकड़ों को रखकर कई दिनों तक उन्हें टुकड़ों टुकड़ों में छतरपुर के जंगलों में बिखेरा था।
आफताब पूनावाला 13 नवंबर को गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद से 14 दिन की पुलिस रिमांड में रहने के बाद उसे न्यायिक हिरासत यानी जेल भेज दिया गया है। हालांकि आफताब ने कोर्ट में ये बात जरूर कही थी कि उसने श्रद्धा की हत्या गुस्से में आकर की थी। उसकी हत्या के लिए उसकी पहले से कोई साज़िश नहीं रची गई थी।
पुलिस के सूत्रों से ये भी पता चला है कि जेल में रहने के दौरान आफताब ने कानून की किताबें पढ़ने के लिए मांगी थीं, यानी माना जा रहा है कि आफताब ने भी जेल में रहने के दौरान अपने बचने के रास्तों के बारे में कानूनी तौर पर रास्तों की तलाश और खोज को और तेज कर दिया है ताकि अदालत को गुमहार करके वो पुलिस के चंगुल से निकल सके।
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