कराची यूनिवर्सिटी के पास खुद को धमाके में उड़ाने वाली शारी बलोच का जानिए पूरा सच

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Latest Pakistan News: पिछले 24 घंटों से दुनिया भर की तमाम न्यूज़ चैनल की स्क्रीन पर एक ही तरह का विजुअल घूम घूमकर सामने आ रहा है। कराची यूनिवर्सिटी के बाहर एक महिला खड़ी है, ऊपर से नीचे तक अल अमीरा यानी एक तरह के हिजाब से लिपटी वो महिला पूरी तरह से चौकन्नी खड़ी होकर सड़क पर देखती है। तभी वहां उसके पास से एक मिनी बस गुज़रती है।

और अचानक एक धमाका नज़र आता है। आग के शोलो से घिरी स्कीन पर जैसे ही गुबार छटता है तो सिवाय तबाही के कुछ नज़र नहीं आता, न वो मिनी बस और न ही हिजाब में लिपटी वो महिला।

सवाल यहीं से खड़ा होता है कि कौन थी वो महिला और आख़िर वो क्यों मानव बम बन गई? इस धमाके के चंद मिनटों के बाद ही बीएलए यानि बलोच लिबरेशन आर्मी नाम के संगठन ने सोशल मीडिया पर ये इश्तेहार जारी किया।

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World Terror News: इस इश्तेहार से ये बात सामने आ जाती है कि कराची में बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी की मजीद ब्रिगेड विंग की महिला ने फिदाइन बनकर ये धमाका किया। इस ख़बर के सामने आते ही बुरके में लिपटी उस महिला की जो पहचान सामने आई है, उसने पाकिस्तानी हुक्मरान के साथ साथ दुनिया भर को झकझोरकर रख दिया। महिला मानव बम बनी उसका नाम शारी बलोच था। जो पेशे से टीचर थी। साथ ही दो बच्चों की मां भी।

कराची यूनिवर्सिटी के गेट पर चुपचाप खड़ी शारी बलोच को देखकर कोई ये सोच भी नहीं सकता था कि उसके दिलोदिमाग में क्या चल रहा है। लेकिन चंद सेकंडों बाद हुए इस धमाके ने सारे शक सुबहा चिंदी चिंदी करके उड़ा दिए।

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Karachi Suicide Bomber : कराची में आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाली महिला शारी बलोच एक बेहद पढ़ी लिखी और अच्छे घर से ताल्लुक रखती थी। उसके दो छोटे बच्चे हैं, आठ साल की महरोश और चार का मीर हसन। शारी बलोच कोई अनपढ़ या कम पढ़ी लिखी, गरीब-बेरोजगार या ब्रेनवॉश की हई फिदाइन नहीं थी। वो बाक़ायदा घर पारिवार की जिंदगी में थी।

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उसने ऊंची तालीम हासिल की थी, और खुद अपने पैरों पर भी खड़ी थी। BLA के ज़रिए सामने आई शारी की पहचान के मुताबिक़ शारी बलोच की उम्र 30 साल थी। उसने उसने जूलॉजी में मास्टर डिग्री ली थी। शारी ने 2014 में बीएड पूरा किया था जबकि 2018 में उसने एमएड की डिग्री हासिल की थी।

वो खुद एक स्कूल में टीचर भी थी, लेकिन साथ ही एम फिल की पढ़ाई भी कर रही थी। जहां तक उसके परिवार का ताल्लुक है तो शारी के पिता पाकिस्तान में सरकारी मुलाजिम थे। इसके अलावा उसके परिवार में डॉक्टर हैं, लेखक भी हैं और प्रोफेसर भी। यानी अच्छा ख़ासा पढ़े लिखे लोगों का परिवार है शारी बलोचा का।

Who Is Shari Baloch: लेकिन इस साफ सुथरे और उच्चवर्गीय परिचय के साथ उसकी एक और पहचान भी थी । लेकिन उसकी एक पहचान जो बेहद खुफ़िया थी। शारी बलोच पाकिस्तान में बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ने वाले संगठन BLA की सदस्य भी थी। शारी का अपना परिवार भी उसके इस चेहरे से अनजान था।

शारी को पाकिस्तान की पहली महिला फिदायीन कहा जा रहा है। दो साल पहले शारी बलोच BLA में शामिल हो गई थी। वो BLA की ‘मजीद ब्रिगेड’ की वॉलंटियर थी। और इसी दौरान उसने सुसाइड हमले की ट्रेनिंग भी ली।

पढ़ी लिखी, मिडिल क्लास, और फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली शारी बलोच की खुफिया जिंदगी की जानकारी किसी को नहीं थी। उसके पति को भी नहीं शारी के पति का नाम हबीतान बशीर बलोच है और वो पेशे से डेंटिस्ट हैं। हबीतान बलूच इस घटना में अपनी पत्नी का नाम आने के बाद हैरान हैं। हलांकि वो बलोच आंदोलन के लिए अपनी पत्नी की कुर्बानी पर गर्व भी कर रहे हैं।

Karachi Blast News Update: शारी बलोच BLA के मिशन और बलूचिस्तान की आजादी के आंदोलन से लिए कितनी शिद्दत से जुड़ी थी, इसका खुलासा खुद BLA ने किया है। शारी दो बच्चों की मां थी। उसकी घरेलू ज़िम्मेदारियों को देखते हुए उसे विकल्प भी दिया गया था कि वो BLA से अपनी मर्जी से बाहर जा सकती है, लेकिन शारी ने इनकार कर दिया था।

2 साल तक शारी ने BLA की कई यूनिट में काम किया। 6 महीने पहले उसने दोहराया कि वो फिदायीन हमले के अपने फैसले पर कायम है। इसके बाद उसे मिशन की ट्रेनिंग दी गई थी।

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