करोड़ों के ज़ेवर लूटने वाले 10 रुपये की चाय के चक्कर में ऐसे आ गए दिल्ली पुलिस के शिकंजे में

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Delhi Crime: कहते हैं पुलिस अगर अपनी पर आ जाए तो गुनहगार को पाताल से भी खोद कर निकाल सकती है। ऐसा ही एक क़िस्सा दिल्ली पुलिस का है जिसमें उसने चार करोड़ की लूट के मामले में किया। और जयपुर से तीन लुटेरों को दबोचने में कामयाबी हासिल की। लेकिन इस कहानी का सबसे हैरतअंगेज और दिलचस्प पहलू ये है कि पुलिस ने जिस तरह से अपराधियों तक पहुँचने का रास्ता निकाला। जानकर हैरानी होगी कि दस रुपये के चक्कर में

असल में दिल्ली के पहाड़गंज से चार करोड़ के गहनों की लूट का मामला पुलिस के पास पहुँचा। पुलिस ने जब इस मामले की तहकीकात शुरु की तो उसे कोई ऐसा सुराग नहीं मिल रहा था जो लुटेरों को पता दे सके। लेकिन जब पुलिस ने और गहराई से तफ्तीश शुरू की तो उसे ये अंदाज़ हुआ कि लुटेरों ने पहाड़ गंज में एक जगह चाय पी थी और जिस कैब से सवारी की थी उन दोनों ही जगह पेटीएम से पेमेंट किया था।

तब पुलिस ने अपनी तफ्तीश का दायरा फैलाया। पुलिस को पता चला कि बुधवार को तड़के एक कुरियर कंपनी के दो कर्मचारियों से लुटेरों ने चार करोड़ के जेवर लूट लिए। पुलिस ने मौका-ए-वारदात और बदमाशों के फरार होने के तमाम रास्तों का अंदाज़ा लगाया और उस रास्ते में आने वाले क़रीब 700 सीसीटीवी की फुटेज को खंगालना शुरू किया।

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Police Investigation: तब पुलिस को अंदाजा हो गया कि बदमाश एक हफ्ते से उस इलाक़े की रेकी कर रहे थे। और करीब क़रीब 10 दिन के भीतर उन लुटेरों ने पांच से छह बार उस इलाके की रेकी की। उन्हीं सीसीटीवी की फुटेज से पता चला कि पहाड़गंज में रेकी के दौरान ही बदमाशों ने सड़क के किनारे एक रेहड़ी से चाय भी पी। इसके बाद वही बदमाश एक कैब ड्राइवर से भी बात करते दिखाई दिए।

तब पुलिस ने सीसीटीवी से आरोपियों की तस्वीर निकाली और चायवाले से पूछताछ की। चायवाले से पुलिस को बताया कि उन लोगों ने चाय पीने के बाद नकद पैसे न होने की वजह से वो ऑनलाइन पेमेंट करना चाहते थे लेकिन चाय वाले के पास ऑनलाइन पेमेंट लेने का कोई इंतज़ाम नहीं था। लिहाजा उन लुटेरों ने तब एक कैब ड्राइवर से 100 रुपये नकद लिए और कैब ड्राइवर को पेटीएम से पेमेंट कर दिया।

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Delhi Police Investigation: तब पुलिस ने उस कैब ड्राइवर का पता लगाना शुरू किया और कार का रजिस्ट्रेशन नंबर ढूंढ लिया। और कैब ड्राइवर के पास पहुँचकर उन्होंने उसकी पेटीएम पेमेंट की सारी डिटेल निकाल ली। उसी डिटेल से पुलिस को अपराधी का मोबाइल नंबर मिल गया। मोबाइल नंबर से पुलिस को पता चला कि जिस लड़के ने कैब ड्राइवर को पेमेंट की थी वो दिल्ली के नजफगढ़ इलाके का रहने वाला है।

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टेक्निकल सर्विलैंस के जरिए पुलिस को उसकी लोकेशन जयपुर में मिली। तब पुलिस की टीम जयपुर पहुँची और उस ठिकाने पर दबिश दी जहां अपराधी छुपे बैठे थे। तीनों अपराधियों को पकड़कर पुलिस उन्हें दिल्ली ले आई।

दिल्ली पुलिस ने लुटेरों के पास से 6270 ग्राम यानी क़रीब सवा छह किलो सोना, तीन किलो चांदी के अलावा IIFL में जमा आधा किलो सोना और 106 हीरे भी बरामद कर लिए हैं। यानी पुलिस ने लुटेरों के पास से क़रीब 6 करोड़ के जेवर बरामद किए। अब पुलिस ये पता लगाने की कोशिश में है कि ये सारा जेवर एक ही लूट का हिस्सा है या फिर उन लोगों ने कहीं और भी हाथ साफ कर दिया।

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