जिन्होंने तालिबान को बनाया अब उन्ही को लग रहा है उससे डर!

ADVERTISEMENT

CrimeTak
social share
google news

क्या पाकिस्तान को भी आतंक से डर लगता है? क्या तालिबान पाकिस्तान के लिए खतरा बन सकता है? क्या पाकिस्तान आतंक के खिलाफ जा सकता है? ये सवाल पाकिस्तान के ऊपर फिट नहीं बैठते, लेकिन उनके मंत्री दुनिया को दिखाने के लिए बयान देते फिर रहे हैं कि उन्हें भी तालिबान की कट्टर सोच से डर लगता है। इस्लामाबाद के एक कार्यक्रम में पाकिस्तानी सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने कहा- 'हम अफगानिस्तान की मदद करना चाहते हैं, लेकिन तालिबान की चरमपंथी सोच है। जिसकी वजह से महिलाएं अकेले सफर नहीं कर सकतीं, स्कूल-कॉलेज नहीं जा सकतीं। ये पुरानी सोच पाकिस्तान के लिए खतरा है, पाकिस्तान की असली लड़ाई चरमपंथ के खिलाफ है।'

क्या तालिबान और पाकिस्तान की दोस्ती में दरार पड़ चुकी है, अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के लिए पाकिस्तान ने जिस तालिबान को हथियार और ट्रेनिंग देकर आगे बढ़ाया था, अब वही उसके लिए गले की फांस बनाता जा रहा है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने तालिबान हुकूमत के उन फैसलों की आलोचना की है, जिसमें महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। फवाद चौधरी ने इस पिछड़ी सोच को पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया है। हम अफगानिस्तान की मदद करना चाहते हैं, लेकिन तालिबान की चरमपंथी सोच है।

पिछले कुछ दिनों से आए दिन तालिबान और पाकिस्तानी सैनिकों के बीच बॉर्डर फेंसिंग को लेकर विवाद हो रहा है, तालिबान अफगानिस्तान-पाकिस्तान की सीमा-रेखा डूरंड लाइन को नहीं मानता। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कुल 2600 किलोमीटर लंबी सीमा है, इसलिए बॉर्डर फेंसिंग का विरोध कर रहा है। कुछ वक्त पहले पाकिस्तानी सेना नांगरहार सूबे में फेंसिंग कर रही थी, इसी दौरान वहां तालिबानी लड़ाके पहुंच गए। तालिबान ने तारबंदी का विरोध किया और वहां मौजूद सामान जब्त कर लिया, झड़प के दौरान गोलीबारी चलने की भी खबर आई थी।

यह भी पढ़ें...

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT