Gorakhnath temple attack : हनीट्रैप से ISIS के संपर्क में आया था मुर्तजा, अब ऐसे मिली फांसी की सजा

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Gorakhnath temple attack Today News : गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर परिसर के बाहर PAC जवानों पर हमला करने के मामले के दोषी IIT इंजीनियर मुर्तुजा अब्बासी को फांसी की सजा सुनाई गई है. ये वही मुर्तुजा अब्बासी है जिसने हाथ में बांका लेकर गोरखनाथ मंदिर के बाहर दो पीएसी जवानों पर हमला किया था. इसके बाद काफी हड़कंप मच गया था.

इस मुर्तुजा अब्बासी को देश के खिलाफ जंग छेड़ने की आईपीसी की धारा-121, हत्या के प्रयास की धारा-307 समेत कई धाराओं में मामला दर्ज किया गया था. इस केस में पिछले 60 दिनों से लगातार NIA कोर्ट में सुनवाई हो रही थी. इसके बाद 30 जनवरी को एनआईए कोर्ट ने सजा का ऐलान किया.

कोर्ट से ये जानकारी मिली है कि देश के खिलाफ जंग छेड़ने के मामले में दोषी करार देते हुए मुर्तुजा अब्बासी को फांसी की सजा और हत्या के प्रयास यानी धारा-307 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. बता दें कि 3 अप्रैल 2022 को मुर्तुजा ने गोरखनाथ मंदिर के बाहर हमला किया था.

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VIDEO : गोरखधाम मंदिर के बाहर हमला करने वाला अहमद मुर्तुजा अब्बासी आतंकी है या मानसिक रूप से विक्षिप्त? देखें क्या कहा खुद मुर्तुजा ने...

ISIS के संपर्क में होने के मिले थे पुख्ता सबूत

Gorakhnath Temple Attack Case : गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर हमले का आरोपी मुर्तजा ISIS के आतंकी और प्रोपेगेंडा एक्टिविस्ट मेंहदी मसूद के साथ संपर्क में था. यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि मुर्तजा से पूछताछ के बाद ये बात सामने आई है.

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यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने बताया कि UP ATS द्वारा की गई मुर्तजा से पूछताछ में आतंकी संगठन ISIS के एक्टिविस्ट से सम्पर्क में होने के सबूत मिले हैं. सोशल मीडिया के जरिए लगातार मुर्तजा ISIS के विदेशों में बैठे आतंकियों और समर्थकों के संपर्क में था. मुर्तजा साल 2014 में बंगलुरु पुलिस के हाथों गिरफ्तार ISIS के आतंकी और प्रोपोगेंडा एक्टिविस्ट मेंहदी मसूद के साथ सोशल मीडिया के जरिए भी संपर्क में था.

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यूपी ATS की पूछताछ में पता चला है कि मुर्तजा ने ISIS की शपथ भी ली है और आतंकी संगठन के समर्थकों को आर्थिक मदद भी की है. मुर्तजा ने इंटरनेट पर AK-47, 5-4 कारबाइन समेत कई हथियारों के बारे में आर्टिकल पढ़े. जिसके बाद उसने घर में रखे एयरराइफल से प्रैक्टिस की, ताकि आगे अगर हथियार मिले तो उससे हमला कर सके.

Gorakhnath Temple Attack CCTV : घटना का सीसीटीवी फुटेज

3 अप्रैल को मुर्तजा ने किया था हमला

अहमद मुर्तजा अब्बासी ने 3 अप्रैल को जबरन गोरखनाथ मंदिर में घुसने की कोशिश की थी. जब पीएसी के जवानों ने उसे रोकना चाहा तो उसने धारधार हथियार से उन पर हमला कर दिया था. बाद में उसे किसी तरह काबू कर पकड़ लिया गया था. इस घटना में 2 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे.

केमिकल इंजीनियर और ऐप डेवलपर रहा है मुर्तुजा

मुर्तुजा ने 2015 में आईआईटी मुंबई से केमिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. डिग्री हासिल करने के बाद दो बड़ी कंपनियों (रिलायंस इंडस्ट्रीज, Essar पेट्रोकेमिकल्स) में उसने नौकरी की. वह ऐप डेवलपर भी था. जानकारी जुटाई जा रही है कि उसने कौन-कौन से ऐप पर काम किया था क्योंकि वह ऐप से भी लोगों से बात करता था.

ISIS से था लिंक, हनीट्रैप से आया था मुर्तुजा संपर्क में

Ahmad Murtaza Abbasi Code News : 

गोरखनाथ मंदिर के बाहर सुरक्षाकर्मियों पर लोन वुल्फ अटैक करने वाले मुर्तजा अब्बासी के कोडवर्ड को अब डीकोड करने पर हनीट्रैप का एंगल आया था. जांच में ये पता चला था कि मुर्तजा हनीट्रैप में फंसकर ISIS के संपर्क में आया था.

ISIS कैंप से जुड़ी एक लड़की ने पहले ईमेल पर उससे बात की थी. उस ईमेल में लड़की ने उससे मदद मांगी थी. फिर मुर्तजा से उसने इंडिया में आकर मिलने के वादा किया था. उसी ईमेल से बातचीत कर मुर्तजा ने लड़की के बताए अकाउंट में तीन बार पैसे भी भेजे थे.

ये भी पता चला है कि ISIS से ईमेल पर बातचीत करते हुए ये अरबी भाषा के कोडवर्ड का इस्तेमाल करता था. मुर्तजा के पास से मिली धार्मिक किताब से ऐसे शब्द मिले हैं जिनमें कोड के तौर पर खटमल और बख्शीश जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था.

खटमल का इस्तेमाल ये लोग उस समय करते थे जब सुरक्षा एजेंसियों को इनकी बातों को लेकर कोई शक हो जाता था. यानी अगर सुरक्षा एजेंसी इनके आसपास होती थी या कुछ पता लगाती थी तब कहा जाता था कि खटमल आसपास ही है.

इसी तरह बख्शीश का इस्तेमाल टेरर फंडिंग के लिए किया जाता था. ये भी पता चला है कि मुर्तजा खुद ISIS को फंडिंग कर चुका है. ATS की जांच में पता चला है कि मुर्तजा के पास मिली खास किताबों में इन कोडवर्ड को विशेष तौर पर हाईलाइट किया गया है.

Murtaza Code word Decode : मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुर्तजा और आतंकियों से संपर्क करने के लिए इन कोडवर्ड का इस्तेमाल किया जाता था.

मेहमान (ضيف) : मेहमान को अरबी में दइफुन कहा जाता है. इसका इस्तेमाल उस समय करत थे जब मुर्तजा से मिलने के लिए कोई बाहरी आता था. इस बारे में कोडवर्ड में पहले ही जानकारी दे दी जाती थी.

बख्शीश​​​​ (بخشيش​​​​) : बख्शीश कोडवर्ड का इस्तेमाल पैसों के लेनदेन यानी फंडिंग के लिए किया जाता था. ये कहा जाता था कि बख्शीश भेज दी गई है. मतलब पैसा भेज दिया गया है. अगर पैसा मिल गया तो ये कहा जाता था कि बख्शीश मिल गई.

खटमल (بق الفراش) : ईमेल पर बात करते हुए या चैट के दौरान पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के लिए खटमल का इस्तेमाल किया जाता था. इस बारे में अलर्ट करने के लिए अरबी में baq alfirash (बक अलफिराशी) जैसे शब्द का इस्तेमाल करते थे. अगर ये पता चला जाए कि पुलिस नजर रखी हुई है या उन्हें शक हो गया है तो कहते थे कि खटमल आसपास ही है.

अब्दुल्ला (عبد الله) : किसी को भी जिहाद के रास्ते पर लाने के लिए अब्दुल्ला का इस्तेमाल करते थे. इसे अरबी के eabd allah यानी अब्दुल्ला कहकर बुलाते थे. यहां अब्दुल्ला का मतलब अल्लाह का बंदा है. इस तरह ये कहा जाता था कि तुम अब्दुल्ला हो और तुम्हारा मकसद ये काम करना है.

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