Ghaziabad Gangrape : गाजियाबाद गैंगरेप केस में अब महिला आयोग ने किया ये बड़ा खुलासा

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Ghaziabad Gangrape News update : राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने शुक्रवार को कहा कि गाजियाबाद में अपने साथ सामूहिक बलात्कार (Gangrape) होने का दावा करने वाली महिला और उसके परिवार के सदस्यों के बयान विरोधाभासी हैं। आयोग ने घटना के बारे में सही सूचनाएं जुटाने के लिए तथ्यान्वेषी टीम भेजी है।

वहीं, गाजियाबाद पुलिस ने बृहस्पतिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली की इस महिला के दावे को ‘‘फर्जी’’ बताया। महिला ने दावा किया है कि राष्ट्रीय राजधानी से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जनपद में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया और पांच लोगों ने क्रूरता के साथ उसे प्रताड़ित किया है। पुलिस का दावा है कि पूरी ‘साजिश’ संपत्ति विवाद को लेकर की गई है।

राष्ट्रीय महिला आयोग की एक अधिकारी ने बताया कि गाजियाबाद में सामूहिक बलात्कार की शिकार होने का दावा करने वाली महिला और उसके परिवार के सदस्यों के बयानों को टीम ने ‘विरोधाभासी’ पाया।

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महिला आयोग द्वारा जारी बयान के अनुसार, पुलिस ने आयोग को बताया कि महिला और उसके रिश्तेदारों द्वारा तमाम विरोधाभासी बयान दिए गए जिसके कारण घटना की सत्यता पर संदेह हुआ।

बयान के अनुसार, ‘‘यह भी सूचना मिली कि महिला के जननांग में कोई वस्तु घुसा दी गई थी, लेकिन एमएमजी जिला अस्पताल गाजियाबाद में प्राथमिकी जांच के दौरान ऐसा कुछ नहीं मिला। महिला को दिल्ली के किसी अन्य अस्पताल में रेफर किया गया था, लेकिन उसके रिश्तेदार उसे जीटीबी अस्पताल, शाहदरा ले गए।’’

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पुलिस ने बताया कि यह पूरी घटना की योजना शुरुआती पांच संदिग्धों को फंसाने के लिए बनायी गई थी क्योंकि उनका महिला के साथ कोई संपत्ति विवाद था। महिला आयोग ने कहा कि ‘‘साक्ष्यों से संकेत मिलता है कि मामले को मीडिया में सुर्खियों में लाने के लिए 5,000 रुपये भी दिए गए।’’

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अधिकारी ने बताया कि संपत्ति विवाद का यह मामला दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत में लंबित है। मौजूदा संदिग्धों और महिला ने पांच लोगों को सामूहिक बलात्कार के आरोप में फंसाने की साजिश रची थी।

पुलिस ने बृहस्पतिवार को कहा था कि महिला के तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है और उनकी पहचान आजाद, अफजल और गौरव के रूप में हुई है। महिला आयोग को सूचित किया गया कि मामले की जांच अभी जारी है और अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारी की संभावना है।

अधिकारी ने बताया कि ‘‘अस्पताल ने भी हमें बताया कि प्राथमिक मेडिकल जांच में पीड़िता (महिला) के शरीर में कोई वीर्य (सीमेन) नहीं मिला है।’’ अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने टीम को यह भी बताया कि सामूहिक बलात्कार और पांच लोगों द्वारा प्रताड़ित किए जाने का दिल्ली की महिला का दावा ‘फर्जी’ है। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि महिला चिकित्सकीय रूप से बिल्कुल स्वस्थ है और उसे कुछ दिनों में छुट्टी दे दी जाएगी।

वहीं, दिल्ली महिला आयोग ने कहा कि उसने गाजियाबाद पुलिस को नोटिस जारी किया है और उसे जवाब का इंतजार है। गौरतलब है कि महिला ने दावा किया था कि उसका अपहरण करके पांच लोगों ने दो दिनों तक उसके साथ बलात्कार किया।

घटना के बाद दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने दावा किया था कि 36 वर्षीय महिला जूट के बोरे में मिली, उसके हाथ-पांव बंधे हुए थे और उसके जननांग में लोहे का सरिया घुसा हुआ था।

बुधवार को गाजियाबाद पुलिस ने कहा था कि महिला द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद चार लोगों को हिरासत में लिया गया है। हालांकि, बृहस्पतिवार को हिरासत में लिए गए चार लोगों को क्लीन चिट दिए जाने के संबंध में सवाल करने पर मेरठ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने कहा, ‘‘हमारे पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं.. पहली नजर में, ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं है। इसलिए सबूत मिलने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।’’

महिला का अपहरण और उसे अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा गया था या नहीं, इस संबंध में अधिकारी ने कहा, ‘‘नहीं। वह अपनी मर्जी से उस तय जगह पर गयी थी।’’ उन्होंने बताया कि पुलिस द्वारा किए गए चार्ट विश्लेषण में सामने आया है कि मामले को सुर्खियों में लाने के लिए लोगों को पैसा दिया गया था।

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