साइबर ठगों पर शिकंजा: पकड़ा फ़र्ज़ी कॉल सेंटर, क्रेडिट कार्ड वालों सावधान! ऐसे बनाते थे शिकार

ADVERTISEMENT

CrimeTak
social share
google news

साइबर ठगों का शातिर गैंग

LATEST DELHI CRIME: फोन सभी के पास है, घंटी सभी फोन की बजती है। फ़र्क बस इतना है कि कुछ लोग घंटी बजते ही फोन उठा लेते हैं लेकिन कुछ स्मार्ट लोग घंटी बजने के बाद पहले फोन को देखते हैं, फिर सोचते हैं और उसके बाद फोन उठाते हैं। फोन पर कौन कैसे बात करता है, कितनी बात करता है और कैसे सवाल करता है, इन्हीं बातों से तय हो जाता है कि फोन उठाने वाला अपनी जेब कटवाने वाला है या सामने वाले के कान काटने वाला है।

आजकल साइबर ठगों का बोलबाला है। हर रोज़ ठगी के सैकड़ों क़िस्से और कहानियां पुलिस के पास तक पहुँच रही हैं। और दर्जनों की तादाद में लोग साइबर ठगी का शिकार हो रहे हैं। मगर हाथों में उंगली के बराबर ही शातिर लोग पुलिस के हत्थे चढ़ पाते हैं।

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

पुलिस ने ऐसे पकड़ा फ़र्ज़ी कॉल सेंटर

DELHI CYBER CRIME: इसी सिलसिले में दिल्ली की स्मार्ट पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफ़ाश किया है जिसने साइबर ठगी का बाकायदा एक कॉल सेंटर ही खोल लिया था। उस फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाले शातिर ठगों के निशाने पर वो लोग होते थे जिनके पास क्रेडिट कार्ड होते हैं। पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करने के बाद 11 लोगों को गिरफ़्तार भी किया है।

ADVERTISEMENT

पुलिस ने इनके पास से 117 सिम कार्ड, 28 मोबाइल फोन और कई ऐसे दस्तावेज बरामद किए हैं जिन पर क्रेडिट कार्ड रखने वाले लोगों का सारा डाटा दर्ज है।

ADVERTISEMENT

पुलिस के मुताबिक ये गिरोह क्रेडिट कार्ड रखने वाले लोगों को कॉल करके उनके साथ धोखाधड़ी करता था। अक्सर ये कॉल क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने के नाम पर या फिर कार्ड की इंश्योरेंश कराने के नाम पर होती थी।

क्रेडिट कॉर्ड वाले संभल जाओ

CYBER CRIME NEWS IN HINDI:असल में दिल्ली पुलिस को इत्तेला मिली थी कि जनकपुरी इलाक़े में ओमान नाम का एक शख्स एक कॉल सेंटर चला रहा है। उस कॉल सेंटर में क्रेडिट कार्ड के लिए काम किया जाता है। पुलिस ने जब तफ्तीश शुरू की तो पता चला कि वो एक फर्जी कॉल सेंटर था जिसमें क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाने, कार्ड का इंश्योरेंश कराने या फिर क्रेडिट कार्ड पर लोन दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की जाती है।

इस शातिर गैंग के निशाने पर वो लोग भी होते थे जो नया क्रेडिट कार्ड बनवाना चाहते थे। ये लोग क्रेडिट कार्ड वालों को रिवार्ड प्वाइंट रिडीम कराने के नाम पर चूना लगाते थे। उत्तर प्रदेश के कैराना का रहने वाला ओमान 12 वीं पास है और वो इससे पहले एक ऐसी कंपनी में काम करता था जहां क्रेडिट कार्ड की सेल का काम होता था। वहीं से ओमान को कॉल सेंटर के ज़रिए फरेब की दुकान चलाने का आइडिया आया।

सॉफ्टवेयर कंपनी वालों से मिलीभगत

LATEST DELHI CRIME IN HINDI: पुलिस की तफ्तीश में ये भी पता चला है कि ओमान पहले बेरोजगारों को नौकरी देने के नाम पर ठगता था। लेकिन बाद में उसने क्रेडिट कार्ड वालों की जेब काटनी शुरू की। पुलिस को ये भी पता चला है कि इस गैंग के तार एक सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी से भी थे जहां से ये लोग क्रेडिट कार्ड वालों की डिटेल हासिल किया करते थे।

पूछताछ में पता चला है कि अलग-अलग तरीकों से ओमान को पिछले 3 महीनों में 50000 लोगों के क्रेडिट कार्ड की डिटेल मिल गई थी। पुलिस ने इस मामले में इस पूरे नेटवर्क को पकड़ लिया है।

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT