Sonia Gandhi : नेशनल हेराल्ड केस में ED ने की पूछताछ, कांग्रेस कार्यकर्ता विरोध में सड़क पर उतरे

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Sonia Gandhi News : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी आखिरकार आज यानी 21 जुलाई को ईडी के सामने पेश हुईं. ‘नेशनल हेराल्ड’ (National Herald) अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) के एक मामले में पूछताछ के लिए ईडी (ED) ने कई बार बुलाया था.

लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से वो पेश नहीं हो पाईं थीं. लेकिन अब वो दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कार्यालय में पेश हुईं. वहीं, ईडी में पूछताछ के लिए सोनिया गांधी को बुलाए जाने को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने देशभर में अलग-अलग स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किया. दिल्ली में कई जगह कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए पुलिस को पानी की बौछार करनी पड़ी.

75 साल की सोनिया गांधी 'जेड प्लस' सुरक्षा घेरे के बीच दोपहर के समय मध्य दिल्ली में ए.पी.जे. अब्दुल कलाम रोड पर विद्युत लेन में स्थित संघीय जांच एजेंसी के मुख्यालय पहुंचीं. हाल में कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुकीं सोनिया ने मास्क पहन रखा था और उनके बेटे राहुल गांधी व बेटी प्रियंका गांधी भी उनके साथ थे।

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प्रियंका गांधी को 'प्रवर्तन भवन' मुख्यालय में ठहरने की अनुमति दी गई है ताकि स्वास्थ्य समस्या होने की स्थिति में वह अपनी मां के साथ रहें और उन्हें दवाएं दे सकें। उन्हें पूछताछ कक्ष से दूर रखा जाएगा। राहुल बाद में वहां से चले गए।

सोनिया गांधी की पेशी से पहले दिल्ली पुलिस ने गांधी के जनपथ स्थित आवास और ईडी कार्यालय के बीच एक किलोमीटर के रास्ते पर भारी संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात कर दिया। इलाके के आसपास यातायात पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया।

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पार्टी ने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ एजेंसी की कार्रवाई की आलोचना की है और इसे ''राजनीतिक प्रतिशोध'' करार दिया है। गांधी को इससे पहले आठ जून और 23 जून को ईडी के सामने पेश होना था, लेकिन कोरोना वायरस से संक्रमित होने के चलते वह पेश नहीं हो पाई थीं।

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एजेंसी धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत उनका बयान दर्ज करेगी। उनके बयान को ऑडियो-वीडियो माध्यम से रिकॉर्ड किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, एजेंसी उन्हें अपना बयान लिखने या कंप्यूटर पर ईडी के एक कर्मचारी को जवाब लिखवाने का विकल्प देगी, जो मामले के जांच अधिकारी के साथ मौजूद रहेगा।

यह जांच कांग्रेस से जुड़ी 'यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड' कंपनी में कथित वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित है। 'यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड' कंपनी के पास नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र का मालिकाना हक है।

एजेंसी ने सोनिया गांधी के बेटे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से पिछले महीने पांच दिन के दौरान 50 घंटे से अधिक समय तक इस मामले में पूछताछ की थी। कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए सोनिया गांधी से पूछताछ की जाएगी। पूछताछ वही सहायक निदेशक स्तर के जांच अधिकारी करेंगे, जिन्होंने राहुल गांधी से पूछताछ की थी।

सूत्रों ने कहा कि पूछताछ टीम में एक महिला अधिकारी भी होगी और उन सभी के पास कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं होने का प्रमाण पत्र होगा। सोनिया, राहुल से पूछताछ की कार्रवाई पिछले साल के आखिर में ईडी द्वारा धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत एक नया मामला दर्ज करने के बाद शुरू की गई।

इससे पहले, एक निचली अदालत ने 2013 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी द्वारा दायर एक निजी आपराधिक शिकायत के आधार पर यंग इंडियन के खिलाफ आयकर विभाग की जांच का संज्ञान लिया था।

सोनिया और राहुल गांधी यंग इंडियन के प्रवर्तकों और बहुलांश शेयरधारकों में से हैं। अपने बेटे की तरह कांग्रेस अध्यक्ष की भी कंपनी में 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है। स्वामी ने सोनिया, राहुल और अन्य पर धोखाधड़ी और धन का गबन करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था और कहा था कि यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली का अधिकार प्राप्त करने के लिए केवल 50 लाख रुपये का भुगतान किया, जो एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) पर कांग्रेस का बकाया था।

पार्टी ने शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ एजेंसी की कार्रवाई की आलोचना की है और इसे ''राजनीतिक प्रतिशोध'' करार दिया है। कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) कार्यालय के बाहर पत्रकारों से कहा कि ईडी की कार्रवाई ''जांच एजेंसियों का खुलेआम दुरुपयोग है और इसे बंद किया जाना चाहिए...वे विपक्ष की आवाज नहीं दबा सकते।''

पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजस्थान के उपमुख्यमंत्री ने पायलट ने कहा, ''(हेराल्ड धनशोधन) मामला विपक्ष का मनोबल गिराने के लिए गढ़ा गया है। आप इसलिए लोगों को भ्रष्ट घोषित नहीं कर सकते क्योंकि आप उन्हें नापसंद करते हैं।'' पार्टी के एक और नेता पवन खेड़ा ने कहा कि जांच एजेंसियां कांग्रेस को चुप नहीं करा पाएंगी और वे सह्याग्रह करते रहेंगे, जो उनका अधिकार है।

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