
Delhi Crime News: दिल्ली में अपराधियों का दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि अब वो पुलिस वालों पर ही अटैक करने लगे हैं। ताजा मामला सामने आया है दिल्ली के छावला इलाके से, जहां एक बदमाश ने पुलिस कर्मी के चाकू घोंप दिया। पुलिस कर्मी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसका बदला लेते हुए पुलिस ने भी आरोपी को एक एनकाउंटर के बाद दबोच लिया। बदमाश के पैर में दो गोली लगी है। आरोपी की पहचान सन्नी के रूप में हुई है।
डीसीपी द्वारका एम हर्षवर्धन के मुताबिक, 21 जनवरी को रात करीब साढ़े आठ बजे एक एएसआई सुनील और हेड कांस्टेबल रिंकू कुतुब विहार इलाके में गश्त कर रहे थे। इलाके में इन्हें झगड़े की इत्तिला मिली। दोनों मौके पर पहुंचे। पुलिस वालों ने देखा कि कुछ लड़के आटो ड्राइवर से उलझ रहे हैं।
इसी दौरान पुलिसकर्मी बीच-बचाव करने लगे। इतने में एक बदमाश सन्नी ने हेड कांस्टेबल रिेंकू को चाकुओं से गोद दिया और मौके से फरार हो गया। हेड कांस्टबेल रिंकू को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इसी दौरान पुलिस को सूचना मिली कि कुतुब विहार के एक घर में आरोपी छिपा है। रविवार देर रात द्वारका जिले की टीमों ने जैसे ही उस घर पर धावा बोला, वैसे ही सन्नी ने पुलिस पर गोलियां चलाना शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस ने भी उस पर गोलियां बरसाईं और आखिरकार बदमाश के गोली लग गई। घर से तीन लोगों को पकड़ा गया है। सन्नी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनके पास से पुलिस ने कट्टा, तीन जिंदा कारतूस और बटनदार चाकू बरामद किया है।
यहां सवाल ये उठता है कि
उस वक्त दूसरा पुलिस कर्मी सुनील आरोपी को मौके से क्यों नहीं पकड़ पाया?
क्या पुलिस कर्मियों के पास हथियार नहीं थे ?
क्या पुलिस कर्मियों को हथियार निकालने का वक्त नहीं मिला?
क्या बदमाश ज्यादा और पुलिस कर्मी कम नहीं थे?
क्या इस तरह से प्रोफेशनल पुलिसिंग होगी?
अगर पुलिस इसी तरीके से देर रात गश्त करेगी तो जाहिर तौर पर उन पर अटैक हो सकते हैं। ऐसे में पुलिस कर्मियों को प्रोपर ट्रेनिंग की आवश्यकता है। साथ-साथ गश्त कर रहे पुलिस कर्मियों की संख्या भी ज्यादा होनी चाहिए। इसके अलावा पुलिस कर्मी ज्यादा अलर्ट हो, ये बेहद जरूरी है। ये बात इसलिए कही जा रही है कि जिस तरीक से दिल्ली के मायापुरी में शंभू दयाल नाम के पुलिसकर्मी की बदमाश ने हत्या की थी, उससे कई सवाल खड़े हुए थे।