International Women’s Day : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को ही क्यों मनाते हैं, जानें
8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाते हैं, जानें why international women's day is celebrated, why do we celebrate international women's day, For more crime news Hindi visit Crime Tak.
ADVERTISEMENT
Women’s Day : आधी आबादी को पूरी आजादी आखिर कब. ऐसे ना जाने कितने सवाल. ये सवाल तब और ज्यादा सुर्खियों में होते हैं जब महिला दिवस आता है. यानी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day). दुनिया इसे हर साल 8 मार्च को मनाती है. लेकिन इसी तारीख को इंटरनेशनल महिला दिवस क्यों मनाया जाता है. इसके पीछे क्या वजह है. साल 2022 की थीम क्या है.
अमेरिकी में ऐसे पड़ी थी नींव
How International Women's Day started : अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के आयोजन की शुरुआती नींव अमेरिका में पड़ी थी. वो साल था 1908. उस समय कामकाजी महिलाएं अचानक न्यूयॉर्क की सड़कों पर उतर गईं. एक या दो नहीं बल्कि 15 हजार से ज्यादा महिलाएं सड़कों पर उतरीं थीं.
ADVERTISEMENT
इनकी मांग थी कि काम के घंटे को तय किया जाए. क्योंकि उनसे 10 से 12 घंटे या इससे भी ज्यादा कराया जाता है. वेतन को बेहतर किया जाए. और जब वो घर से लेकर बाहर का भी काम करती हैं लेकिन सरकार बनाने के लिए वोट नहीं दे सकती हैं. इसलिए उन्हें वोट देने का भी अधिकार मिले. इन्हीं मांगों को लेकर महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन निकाला था.
इस महिला ने दिया था महिला दिवस का आइडिया
ADVERTISEMENT
who started international women's day : इस विरोध को देखते हुए करीब एक साल बाद अमेरिकी सोशलिस्ट पार्टी ने आखिरकार राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत की. उसी समय एक महिला ने इस सिर्फ देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मनाने का विचार लाया था.
ADVERTISEMENT
उस महिला का नाम था क्लारा जेटकिन (Clara Zetkin). इनके दिमाग में ही महिला दिवस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने का विचार आया. जिसके बाद उन्होंने ये आइडिया 1910 में इंटरनेशनल कांफ्रेंस ऑफ वर्किंग वीमेन (International Conference of working woman) में दिया था.
इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कॉपेनहेगन में हुआ था. इसमें 17 देशों की 100 महिलाएं शामिल हुईं थीं. कॉन्फ्रेंस में सभी ने क्लारा के आइडिया पर सहमति जताई थी. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई.
लेकिन शुरुआत में इसे पूरी दुनिया के बजाय कुछ देशों में ही मनाया गया. पहली बार साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विट्जरलैंड यानी 4 देशों में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था.
8 मार्च को महिला दिवस मनाने की ये है असली वजह
International Women's Day 2022 : भले ही अमेरिका और फिर साल 1911 में 4 देशों ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया लेकिन उसकी तारीख तय नहीं हो सकी थी. इसकी तारीख 8 मार्च होने के पीछे भी दिलचस्प कहानी है. क्लारा जेटकिन ने भी जब इसका आइडिया दिया था तब किसी खास तारीख की घोषणा नहीं की थी. इसकी शुरुआत होती है साल 1917 में.
उस समय रूस की महिलाओं ने रोटी और शांति की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. ये विरोध लगातार 4 दिनों तक चला था. उस समय इस विरोध प्रदर्शन ने रूस की सत्ता यानी ज़ार को भी हिला दिया था. आखिरकार उस समय की सत्ता त्यागनी पड़ी थी और फिर महिलाओं को वोट देने का अधिकार भी मिल गया था.
अब जिस दिन रूस की इन महिलाओं ने ये विरोध किया था उस दिन 23 फरवरी थी. लेकिन यही दिन ग्रेगॉरियन कैलेंडर के मुताबिक 8 मार्च को होता है. यानी रूस में महिलाओं के विरोध ने जिस तरह वहां की सत्ता को उखाड़ फेंका था उस इतिहास को ध्यान में रखते हुए ही 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाने लगा. लेकिन ऑफिशियली तरीके से इसकी शुरुआत 1975 में हुई थी. जब संयुक्त राष्ट्र यानी यूएन ने इसे मनाने का ऐलान किया.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पहचान किन रंगों से है
Colours that Represent International Women’s Day: महिला दिवस को बताने वाले रंग कौन-कौन से हैं. अक्सर ये भी सवाल पूछे जाते हैं. तो आपको बता दें कि बैंगनी, हरा और सफेद (Purple, green and white). ये तीनों रंग अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के प्रतीक हैं. इसमें भी बैंगनी रंग का मतलब न्याय और गरिमा से है.
यानी पर्पल (Purple) कलर का मकसद हर महिला को न्याय पाने और उसकी गरिमा यानी उसकी पहचान और इज्जत को बनाए रखने के अधिकार से है. वहीं, हरा रंग उम्मीद से जुड़ा है. यानी हर महिला की खास उम्मीदें होती हैं. जिन्हें पूरा कराना सभी का कर्तव्य है.
सफ़ेद रंग को शुद्धता का सूचक माना गया है. इन तीनों रंगों का निर्धारण साल 1908 में किया गया था. इसे ब्रिटेन की वीमेंस सोशल एंड पॉलिटिकल यूनियन ने तय किया था.
साल 2022 की थीम क्या है
अंतराष्ट्रीय महिला दिवस की हर साल एक थीम होती है. इस साल यानी 2022 की भी एक थीम है. इस साल की थीम (Theme Of 2022) है ‘Gender equality today for a sustainable tomorrow. इसका मतलब ये है कि...एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता जरूरी.
ADVERTISEMENT