कर्नाटक के पूर्व CM की नातिन डॉ. सौंदर्या की मौत की वजह वाले पोस्ट-पार्टम डिप्रेशन को जानिए

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कर्नाटक के पूर्व CM की नातिन डॉ. सौंदर्या की मौत की वजह वाले पोस्ट-पार्टम डिप्रेशन को जानिए
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Karnataka Dr. Soundarya Suicide Case Depression : कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदुरप्पा (CM BS Yediyurappa) की नातिन डॉ. सौंदर्या (Dr. Soundarya) की मौत के पीछे पोस्ट प्रेग्नेंसी डिप्रेशन वजह बताई जा रही है. ये बताया जा रहा है कि 4 महीने पहले ही डॉ. सौंदर्या एक बच्चे की मां बनीं थीं. उसके बाद से ही वो डिप्रेशन में थीं. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इस बारे में उन्होंने अपने नाना यानी कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदुरप्पा को भी जानकारी दी थी.

लेकिन क्या आप जानते हैं पोस्ट प्रेग्नेंसी डिप्रेशन आखिर क्या होता है. दरअसल, इसे मेडिकल भाषा में पोस्ट-पॉर्टम डिप्रेशन (Postpartum Depression) कहते हैं. इस डिप्रेशन की वजह से कई महिलाओं की मौत हो चुकी है. कुछ साल पहले दिल्ली से सटे नोएडा में पोस्टपार्टम डिप्रेशन की वजह से एक महिला ने बच्चे की डिलीवरी के एक साल के भीतर ही कई मंजिला इमारत से कूदकर जान दे दी थी.

(what is postpartum depression) ऐसे में आपको बताते हैं कि आखिर ये पोस्टपार्टम डिप्रेशन होता क्या है. इसके क्या लक्षण होते हैं. और इससे आप कैसे बच सकते हैं. जैसे कि डॉ. सौंदर्या केस में भी ये कहा जा रहा है कि 4 महीने पहले ही इन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया था. उसके बाद से ये परेशान थीं.

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क्या हैं पोस्टपार्टम डिप्रेशन के कारण?

Reason Of Postpartum Depression : पहली गौर करने वाली बात तो ये है कि डिलीवरी के बाद मां के हार्मोन्स में अनगिनत बदलाव होते हैं। इसमें एस्ट्रोजन, प्रोजेस्ट्रोन, टेस्टोस्टेरोन जैसे हार्मोन्स शामिल हैं. जिसका असर सीधे मां के व्यवहार पर पड़ता है.

इसके अलावा सोशल कारणों से भी इस तरह के डिप्रेशन हो सकते हैं. जैसे की फैमिली प्रेशर फॉर चाइल्ड. इतना ही नहीं, महिलाओं पर बहुत से अन्य प्रकार के दबाव भी होते हैं. जिसके चलते वो खुद को भुलाकर दूसरों के लिए जीने लगती हैं
मां को बच्चे के साथ ही घर की भी ज़िम्मेदारी उन पर होती है और ऐसा माना जाता है कि महिलाएं पीरियड्स की वजह से पहले से ही शारीरिक रूप से कमज़ोर भी होती हैं. इसके साथ ही वर्किंग मां के लिए तो सब-कुछ मैनेज करना अपने आप में बड़ा टास्क हो जाता है।
इसके अलावा सबसे ज्यादा असर नौकरीपेशा महिलाओं पर पड़ता है. क्योंकि या तो वे मैटरनिटी लीव पर होती हैं या फिर घर से ऑफिस के काम करने की टेंशन.
इसके अलावा कई बार ऐसा भी होता है कि बच्चे की वजह से उन्हें अपना करियर खत्म होता सा लगता है. जिससे वो डिप्रेशन में आने लगती हैं. कई बार ऑफिस में अच्छा न कर पाने का डर भी बना रहता है.
इसके अलावा ऑफिस आने में लेट या बच्चे के कारण बार-बार छुट्टियां लेने से उन्हें महसूस होने लगता है कि वो पिछड़ रही हैं. फिर मां को अपने करियर की वजह से भी बैचेनी हो सकती है. ऐसे में वो पोस्ट प्रेगनेंसी से अपने शरीर के शेप को लेकर भी परेशान हो सकती हैं. जिससे डिप्रेशन में आ जाती हैं.

पोस्टपार्टम डिप्रेशन का इलाज क्या है ?

Postpartum Depression News : डॉक्टर्स का मानना हैं कि ये बीमारी हर मां को हो ऐसा जरूरी नहीं है। लेकिन जिस भी महिला को ऐसा कुछ महसूस हो तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. इसके बजाय तुरंत डॉक्ट से संपर्क करना चाहिए.

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ये बिल्कुल जरुरी नहीं है कि इसका इलाज दवाई से ही संभव है बल्कि कुछ केस में तो डॉक्टर की भी आवश्यकता नहीं होती है. ऐसे में जरुरी है डिलीवरी के बाद मां का पूरा ख्याल रखें.

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अगर डिलीवरी के बाद कोई महिला चिड़चिड़ी हो जाए तो उससे बहस करने के बजाय उसे प्यार से पेश आएं. इसके अलावा उसे परिवार में खुशनुमा माहौल दें. ऐसा नहीं करने पर ही डिप्रेशन बढ़ता चला जाता है.

what is postpartum depression

इन बातों का रखें ध्यान

  • डिलीवरी के बाद महिलाओं को फैमिली के सपोर्ट की बहुत जरूरत होती है, जिससे वो खुद को मजबूत समझती हैं।

  • पोस्ट डिलीवरी के बाद मां शारीरिक और मानसिक बदलावों से सफर कर रही होती है।

  • ऐसे में फैमिली को उन पर अच्छी मां बनने का प्रेशर नही डालना चाहिए और साथ ही बच्चे की देखभाल करने में मदद करना चाहिए।

  • मां को जरुरत होती है सिर्फ इमोशनल सपोर्ट की जिसे लोगों को समझना चाहिए।

  • इसके अलावा जब डॉ. को लगता है कि पेंशट को मेडिकेशन थेरेपी की जरुरत है तो उसे वो दी जाती है। साथ ही दवाईयों के साथ काउंसेलिंग से इलाज किया जाता है।

NOTE : ये स्टोरी क्राइम तक के साथ इंटर्नशिप कर रहीं अश्विनी सिंह ने लिखी है.

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