क्या होता है नारकोटिक्स एक्ट (NDPS Act)? What is NDPS Act ?
What is NDPS Act ? नशीले पदार्थों के सेवन करने, इसे बनाने, खरीद-बिक्री करने के खिलाफ देश में जो कानून है, उसे नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 कहते हैं। इसे NDPS एक्ट कहा जाता है।
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क्या होता है नारकोटिक्स एक्ट (NDPS Act)?
What is NDPS Act ?
नशीले पदार्थों के सेवन करने, इसे बनाने, खरीद-बिक्री करने के खिलाफ देश में जो कानून है, उसे नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 कहते हैं। इसे NDPS एक्ट कहा जाता है। इसके तहत 2 तरह के नशीले पदार्थ आते हैं। नारकोटिक और साइकोट्रोपिक। Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act. यह कानून 14 नवंबर 1985 में 1940 के Drugs and Cosmetics Act के स्थान पर बनाया गया था। इसमें 1989, 2001, 2014 में संशोधन हो चुका है।
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नारकोटिक और साइकोट्रोपिक ड्रग्स क्या होते हैं?
नारकोटिक ड्रग्स से मतलब है - नींद लाने वाले ड्रग्स, जो नैचुरल होते हैं या प्राकृतिक चीजों से बनते हैं, जैसे चरस, गांजा, अफीम, हेरोइन, कोकेन, मॉर्फीन इसके अंतर्गत आते हैं। साइकोट्रोपिक यानी दिमाग पर असर डालने वाली ड्रग्स, जो केमिकल बेस्ड होती है या फिर जिन्हें दो-तीन तरह के केमिकल मिलाकर तैयार किया जाता है।
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क्या ड्रग्स लेना अपराध है?
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वैसे ड्रग्स लेना अपराध है, लेकिन अगर इसका उद्देश्य कुछ और हो तो ये अपराध नहीं रहता। जैसे एनडीपीएस एक्ट में नॉर्कोटिक्स ड्रग्स का उत्पादन, अपने पास रखना, उसकी बिक्री करना, खरीदना, व्यापार करना, आयात या निर्यात करना और उपयोग करना अपराध है। हालांकि, मेडिकल और साइंस के इस्तेमाल के लिए इन ड्रग्स की छूट दी गई है।
कौन कौन से ड्रग्स बैन और कौन से नहीं ?
NDPS एक्ट के तहत केंद्र सरकार प्रतिबंधित दवाओं की एक लिस्ट जारी करती है, जो समय-समय पर राज्य सरकारों की सलाह पर अपडेट भी होती है। वो दवा के तौर पर इस्तेमाल होता है। इसमें दो तरह के ड्रग्स शामिल है। वहीं बैन ड्रग्स, जो नैचुरल होते हैं या प्राकृतिक चीजों से बनते हैं, जैसे चरस, गांजा, अफीम, हेरोइन, कोकेन, मॉर्फीन वगैरह इसके तहत आते हैं। ड्रग्स की मात्री पर भी ये निर्भर करता है कि कितनी सजा होगी।
क्या हो सकती है सज़ा ? कितनी सजा का है प्रावधान ?
ड्रग्स के निजी इस्तेमाल के आरोपी को 10 साल तक की सजा जबकि व्यापारिक/कमर्शियल मात्रा में ड्रग्स रखने पर 20 साल तक की सख्त सजा देने का कानून है। लेकिन इस साल सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून को थोड़ा बदला है। अब ड्रग्स की मात्रा के हिसाब से सजा नहीं दी जाएगी बल्कि कम से कम 10 साल से 20 साल तक सजा हो सकती है और 1 लाख रूपये का जुर्माना भी हो सकता है।
किसकी कितनी मात्रा?
यह हर नशीले पदार्थ के आधार पर तय होता है। इसमें दो कैटैगरी होती है और एक स्मॉल कैटेगरी होती है और दूसरी कैटगेरी में ज्यादा माल होता है। इसकी सजा भी काफी ज्यादा होती है। जैसे हेरोइन की स्मॉल कैटेगरी 5 ग्राम होती है और 250GM अधिक कैटेगरी होती है। इसमें सजा का प्रावधान भी अलग अलग है और आपके पास पकड़ी गई मात्रा के आधार पर सजा दी जाती है।
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