What is Kidnapping and Abduction ? व्यपहरण और अपहरण क्या है? क्या है दोनों के बीच का फर्क

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What is Kidnapping and Abduction ? व्यपहरण और अपहरण क्या है? क्या है दोनों के बीच का फर्क
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1. व्यपहरण क्या है? (What is Kidnapping?)

व्यपहरण - 16 वर्ष से कम उम्र का लड़का या फिर 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की को बहला-फुसलाकर या अपनी मर्जी से ले जाने को व्यपहरण कहते है। व्यपहरण को भारतीय दंड संहिता की धारा 359 (section 359) में दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है और भारतीय दंड संहिता की धारा 360 और 361 में परिभाषित किया गया है।

2. अपहरण क्या है? (What is Abduction?)

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भारतीय दंड संहिता की धारा 362 अपहरण को परिभाषित करती है। इसमें कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को एक स्थान से जाने के लिए विवश करता है तो तब अपहरण का अपराध किया जाता है।

3. अपहरण एवं व्यपहरण में अन्तर (Difference between Abduction and Kidnapping)

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भारतीय दंड संहिता की धारा 360 में व्यपहरण का वर्णन है जिसे अंग्रेजी में kidnapping कहते हैं। धारा 362 में अपहरण का वर्णन है जिसे अंग्रेजी में Abduction कहते हैं। व्यपहरण व अपहरण दोनों अलग-अलग अपराध है। व्यपहरण शब्द अंग्रेजी के kidnapping का हिंदी अनुवाद है जिसका शाब्दिक अर्थ है 'बालचौर्य'। (बच्चों की चोरी से है)

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व्यपहरण - 16 वर्ष से कम उम्र का लड़का या फिर 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की या फिर किसी भी आयु वर्ग को बहला-फुसलाकर या फिर वह अपनी मर्जी से कोई अपने साथ ले जाता है तो व्यपहरण कहा जाता है।

अपहरण - 16 वर्ष से अधिक उम्र का लड़का, 18 साल से अधिक उम्र की लड़की को बलपूर्वक उसकी इच्छा के विरुद्ध ले जाया जाता है तो उसे अपहरण कहा जाता है।

4. किडनैप करने पर कौन सी धारा लगती है?

किडनैपिंग यानी अपहरण को आईपीसी धारा 362 में कवर किया गया है। जो कोई किसी व्यक्ति को किसी स्थान से जाने के लिए बल द्वारा विवश करता है, वह उस व्यक्ति का अपहरण करता है, यह कहा जाता है।

5. अपहरण कितने प्रकार के होते हैं? (What are the types of kidnappings?)

व्यपहरण और अपहरण: आई.पी.सी., 1860 के तहत धारा 359 से 374 के तहत पारिभाषित किया गया है। इसमें दंड का प्रावधान भी है। ज्यादातर लोग जिसे किडनैपिंग कहते हैं भारतीय दंड संहिता के अनुसार यह दो प्रकार के अपराध होते हैं। पहला अपहरण और दूसरा व्यपहरण।

6. आईपीसी धारा 365 क्या है? (What is IPC Section 365)

भारतीय दंड संहिता की धारा 365 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति का गुप्त और अनुचित रूप से क़ैद करने के आशय से व्यपहरण या अपहरण करेगा तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है , से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।

7. अपहरण एवं व्यपहरण में कितनी सजा है ?

अपहरण में सात साल तक की सजा हो सकती है। इसके साथ साथ जुर्माने का भी प्रावधान है।

हत्या करने के लिए व्यपहरण या अपहरण करना । सजा - आजीवन कारावास या दस वर्ष कठिन कारावास और आर्थिक दण्ड। यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है।

धारा 363 - व्यपहरण के लिए दंड - कारावास, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।

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