शराब पीकर गाड़ी चलाने पर कौन सी धारा लगती है?

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शराब पीकर गाड़ी चलाने पर कौन सी धारा लगती है?
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What is Drunk and Drive ? Defination and Punishment

शराब पीकर गाड़ी चलाने पर कौन सी धारा लगती है?

शराब पीने के कानून को आईपीसी की धारा 510 में पारिभाषित किया गया है। यह एक जमानती एवं असंज्ञेय अपराध है। यह अपराध समझौता योग्य भी नहीं है।

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भारतीय दंड संहिता की धारा 510 के अनुसार, जो कोई नशे की हालत में किसी लोक स्थान, या किसी ऐसे स्थान में, जिसमें उसका प्रवेश वर्जित हो, इस प्रकार का आचरण करेगा तो उसे चौबीस घंटे तक की अवधि के लिए सादा कारावास, या दस रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।

दूसरा अगर कोई शख्स शराब पीकर गाड़ी चलाएगा तो उस पर motor vehicle act 1988 लगेगा।

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कानून में कितनी मात्रा में पीकर चलाई जा सकती है गाड़ी ?

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अगर ड्राइवर के ब्लड में एल्कोहल कंटेंट की मात्रा 100 ml में 0.03 प्रतिशत यानी की 30 mg होती है तो यह सेफ है। यदि ड्राइवर इससे ज्यादा मात्रा में शराब पीकर गाड़ी चला रहा है, तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

धारा 185 मोटर व्हीकल एक्ट क्या है?

मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 185 शराब पीकर ड्राइविंग करने को प्रतिबंधित करती है और इस कृत्य को एक दंडनीय अपराध बनाती है। दरअसल, शराब पीकर गाड़ी चलाने को अलग से एक एक्ट में पारिभाषित किया गया है। इस एक्ट का नाम motor vehicle act 1988

185 MV ACT,1988 में कितनी सजा मिल सकती है ?

कोई भी शख्स ड्रिंक एंड ड्राइव के केस में फंसता है तो उसके खिलाफ एमवी एक्ट की धारा 185 के तहत कार्रवाई होती है। आपका वाहन मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 207 के तहत जब्त किया जाता है। ट्रैफिक पुलिस द्वारा गाड़ी को जब्त किए जाने के बाद ड्राइवर को सभी दस्तावेजों को कोर्ट में पेश करना होता है। इसमें छह माह तक की जेल या 2,000 रुपए का जुर्माना या दोनों शामिल है। दूसरी बार करने पर दो साल की सजा और 15 हजार रुपए जुर्माना हो सकता है।

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