जौनपुर में तड़के हुई जमकर ठायं-ठायं, Encounter में ढेर एक लाख का इनामी 'मोनू चवन्नी', शहाबुद्दीन गैंग का था सबसे खास
UP Police Encounter : उत्तर प्रदेश पुलिस एक बार फिर एक एनकाउंटर की कहानी के साथ सामने आई। दावा है कि उसने एक लाख के इनामी बदमाश मोनू चवन्नी को मुठभेड़ में मार गिराया, मगर उसके दो साथी अंधेरे का फायदा उठाकर वहां से भाग निकले। खुलासा ये है कि ये बदमाश बिहार ने शहाबुद्दीन गैंग का बेहद खास था और इन दिनों सुपारी किलर की तरह काम कर रहा था।
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JAUNPUR, UP: यूपी पुलिस का दावा है कि उत्तर प्रदेश में किसी भी बदमाश की खैर नहीं है। अगर उसने जरा सी भी हरकत की तो उसका राम नाम सत्य होना तय मान लिया जाता है। और इस काम के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की सबसे तेज तर्रार यूनिट यानी STF को काम पर लगाया गया है। STF का ताजा वाकया पूर्वी उत्तर प्रदेश के जौनपुर से सामने आया। यहां STF ने एक एनकाउंटर में बिहार के नामी और इनामी बदमाश मोनू चवन्नी को मार गिराया। ये एक लाख रुपये का इनामी बदमाश था, जिसके पास से पुलिस ने AK-47 एक 9-MM की पिस्तौल तो बरामद की ही साथ में एक बोलेरो जीप और कई जिंदा कारतूस भी बरामद कर लिए।
गुनाहों की दुनिया का चलता हुआ सिक्का 'चवन्नी'
यानी पुलिस ने जो कुछ भी मोनू चवन्नी के पास से दिखाया उससे लगता है कि गुनाह की दुनिया का ये चलता हुआ सिक्का था जो इतने असलहों और इतने इंतजाम के साथ निकला था। बकौल पुलिस ये एनकाउंटर मंगलवार की सुबह सुबह जौनपुर जिले के बदलापुर थाना इलाके में हुआ। क्योंकि पुलिस को पहले से ही खबर मिली थी कि मोनू चवन्नी उसी रास्ते से निकलने वाला है। पुलिस का ऐसा कहना है कि जब सुबह तड़के पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक बोलेरो कार आती देखी तो घेरा लगाकर उस कार को रोकने की कोशिश की, लेकिन कार रुकने की बजाए वहां से भागने की फिराक में लग गई साथ ही कार से फायरिंग भी शुरू हो गई। पहले से ही बोलेरो कार का इंतजार कर रहे पुलिसवालों ने भी जवाब में घेरकर बोलेरो पर फायर झोंक दिया। नतीजा ये हुआ कि मोनू चवन्नी मौके पर ही मारा गया।
दो दर्जन मामले दर्ज हैं चवन्नी पर
पुलिस ने ये भी खुलासा किया है कि उत्तर प्रदेश के मऊ का रहने वाला चवन्नी यानी सुमित फिलहाल यूपी से भागकर बिहार में रह रहा था। ये भी बात पुलिस ने ही बताई है कि मोनू चवन्नी बिहार के नामी गैंग शहाबुद्दीन के साथ भी काम कर चुका है। मोनू चवन्नी कोई मामूली बदमाश नहीं है। उसके खिलाफ दर्ज 24 संगीन मामले इस बात की गवाही दे रहे हैं कि उसका अतीत गुनाहों की एक लंबी इबारत से लबालब है।
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चवन्नी के साथी एनकाउंटर के समय हुए फरार
पुलिस ने ही बताया कि इस एनकाउंटर में नामी बदमाश मोनू चवन्नी तो मारा गया लेकिन उसके दो और साथी भी उसके साथ बोलेरो कार में मौजूद थे जो अंधेरे का फायदा उठाकर पुलिस के घेरे से निकल भागने में कामयाब हो गए। पुलिस का कहना है कि सुमित यानी मोनू चवन्नी के जो साथी मौके से फरार हो गए हैं उनको पकड़ने के लिए अब जगह जगह दबिश दी जा रही है।
2014 में किया था पहला कत्ल
वैसे मोनू का नाम अपराध की दुनिया में तब से चमकने लगा था जब 23 नवंबर 2014 में भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रतिनिधि और ज्वैलर्स श्रीकांत भारती की हत्या हुई थी। उस शूटआउट में मोनू चवन्नी का नाम सबसे पहले उभरकर सामने आया था। बताया जा रहा है कि मोनू चवन्नी एक सुपारी किलर की तरह काम करता था। उसी ने उसी साल यानी 2014 में बलिया में एक कारोबारी और उसके बेटे की गोली मारकर हत्या कर दी थी। ये तो बस दो केस उसके कारनामों की बानगी भर हैं। बल्कि उसके खिलाफ दर्ज दो दर्जन से ज्यादा मामलों में से ज्यादातर संगीन मामले ही हैं।
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