शराब उंडेलकर लेस्बियन महिलाओं को जिंदा जलाया, तीन की मौत, चौथी मरणासन्न

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Hate Crime: अर्जेंटीना में  बोर्डिंग हाउस के एक कमरे में आग लगने से तीन महिलाओं की मौत हो गई जबकि चौथी की हालत बेहद नाजुक है जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। मरने वाली महिलाओं में दो समलैंगिक जोड़े भी थे जो उस बोर्डिंग हाउस में ठहरे हुए थे। ब्यूनस आयर्स हेराल्ड की रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना 6 मई को हुई जब एक शख्स ने ब्यूनस आयर्स के बोर्डिंग हाउस के कमरे में मोलोटोव कॉकटेल छिड़क कर उसे आग के हवाले कर दिया।

जलने से तीन महिलाओं की मौत

मरने वाली महिला की पहचान पामेला फैबियाना कोबास के तौर पर हुई जो आग में बुरी तरह से झुलस गई थी। जबकि दम घुटने और सांस न ले पाने से उसकी साथी मर्सिडीज रोक्साना फिगुएरोआ की मौत फौरन ही हो गई। उसके शरीर का 90 फीसदी हिस्सा जल गया था। तीसरी महिला एंड्रिया अमारेंटे की 12 मई को अस्पताल में मौत हो गई। जबकि चौथी महिला, 49 वर्षीय सोफिया कास्त्रोरिग्लोस रिग्लोस के एक अस्पताल में हैं, मगर उसके भी जिंदा रहने की उम्मीद न के बराबर है। 

मोलोटोव कॉकटेल से लगाई आग

खुलासा हुआ है कि ये आग 62 साल के जस्टो फर्नांडो बैरिएंतोस नाम के शख्स ने लगाई थी। आग को लगाने के लिए आरोपी ने मोलोटोव कॉकटेल नाम की शराब का इस्तेमाल किया। कॉकटेल में डूबे कपड़ों को सुलगा कर आग लगाने के लिये इस्तेमाल किया गया। आग की वजह से बोर्डिंग हाउस को खाली कराना पड़ा। हालांकि आरोपी बैरिएंटोस को गर्दन पर चोट लगने की वजह से गिरफ्तार कर लिया गया और एक अलग अस्पताल में ले जाया गया। लेकिन इलाज के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। फिलहाल वह पुलिस हिरासत में हैं।

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आग लगाने से पहले धमकी दी थी

चश्मदीदों और बोर्डिंग हाउस में रहने वाले दूसरे लोगों की मानें तो बैरिएंटोस ने महिलाओं के साथ बदसलूकी की और उन पर हमला सिर्फ इसलिये किया क्योंकि वो समलैंगिक थीं। अर्जेंटीना में एलजीबीटीक्यू संगठनों ने इस हमले को Hate Crime बताया है। अर्जेंटीना एलजीबीटी फेडरेशन ने एक बयान में कहा कि यह हमला ''हाल के सालों में शायद सबसे घृणित Hate Crimes में से एक है।" संगठन ने एक बयान में कहा, ''घृणा अपराध हिंसा और भेदभाव की संस्कृति का परिणाम है, जो वर्तमान में कई सरकारी अधिकारियों के भड़काऊ और नफरत भरे भाषण की वजह से हो रहा है।'

परिवार और दोस्तों की तलाश

उन्होंने बताया कि पीड़ितों के परिवारों और दोस्तों की तलाश की जा रही है। लेकिन अभी तक उनसे संपर्क नहीं हो पाया है। हम उनके साथ हैं और उनके परिवारों को जो भी जरूरत होगी वो मदद उन्हें दी जाएगी। हम अदालती प्रक्रिया का बारीकी से पालन करेंगे ताकि पीड़ितों के साथ इंसाफ हो। 

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